पटना, 28 सितंबर (हि.स.)। भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के टाईम बम पर बैठा हुआ है, मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के मामले पर धृतराष्ट्र बन गए है। बिहार में राजग सरकार ये क्यों नहीं बताती है कि वह प्रतिदिन बिहार के तिजोरी से 65 करोड़ रूपये कर्ज के रूप में अदा कर रही है। उक्त बातें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज पत्रकार वार्ता में कहीं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि नकलची सरकार बताइए कि बिहार का बजट जब 𝟎𝟑 लाख 𝟏𝟕 हजार करोड़ का है और जुलाई में 𝟓𝟖 हजार करोड़ के सप्लीमेंट्री बजट और आकस्मिक निधि से 𝟐𝟎 हज़ार करोड़ की निकासी भी जोड़ दिया जाए तो कुल मिलाकर बिहार का टोटल बजट 𝟎𝟑 लाख 𝟗𝟓 हजार करोड़ हो गया है, जिसमें 𝟎𝟐 लाख करोड़ का कमिटेड एक्सपेंडीचर है। अब स्कीम चलाने के लिए टोटल फंड 𝟎𝟏 लाख 𝟗𝟓 हजार करोड़ का बचा है। 𝟎𝟏 लाख 𝟗𝟓 हजार करोड़ रूपये से पुल, पुलिया, रोड, बिल्डिंग बनाने में क्या खर्च हुए? बताए? मई, 𝟐𝟎𝟐𝟓 से लेकर सितम्बर, 𝟐𝟎𝟐𝟓 तक प्रधानमंत्री द्वारा बिहार में 𝟎𝟏 लाख 𝟏𝟓 हजार करोड़ के योजनाओं की घोषणा की गई है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के क्रम में 𝟓𝟎 हजार करोड़ के योजनाओं की घोषणा की थी। अब विगत महीने में मुख्यमंत्री ने जो घोषणाएं की है उन पर कुल 𝟕 लाख 𝟎𝟖 हजार 𝟕𝟐𝟗 करोड़ रूपये का व्यय होगा।
तेजस्वी ने कहा कि राजस्व प्राप्ति और वित्तीय प्रबंधन पर उनका विज़न क्या है, इस बजट का प्रबंधन नीतीश कुमार कैसे करेंगे? इसका जवाब मुख्यमंत्री जी अवश्य दें। बिहार में राजस्व कैसे बढ़ेगा, इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बुद्धिजीवी, मीडिया और अन्य लोग पूछकर बतायें कि सरकार के स्तर से राजस्व बढ़ाने के लिए कौन से उपाय किये जा रहे हैं?
उन्होंने कहा कि 𝟐𝟎 साल के राज बाद राजग सरकार द्वारा महिला रोजगार योजना अंतर्गत जो 𝟏𝟎 हज़ार की राशि दी गई है वो प्रति महिला प्रति माह 𝟓𝟎𝟎 रूपये हुआ । इस हिसाब से हर महीने का 𝟒𝟏 रूपये 𝟔𝟔 पैसा और एक दिन का 𝟎𝟏 रूपया 𝟑𝟖 पैसा दिया जा रहा है। मतलब डबल इंजन सरकार ने 𝟐𝟎 साल राज करने के बाद बिहार के बच्चों का भविष्य और वर्तमान दोनों छीन लिया है। प्रतिदिन 𝟎𝟏 रूपये 𝟑𝟖 पैसा के षड्यंत्र में बिहार की जनता फंसने वाली नहीं है। 𝟐𝟎𝟐𝟎 में मुख्यमंत्री ने कैबिनेट के प्रस्ताव के माध्यम से महिला उद्यमी योजना के तहत 𝟓 लाख तक की कर्ज मुक्त राशि का जो वादे किये थे उसका क्या हुआ? मुख्यमंत्री जी अगर सक्षम हैं तो स्वयं इसका जवाब दें।
यादव ने कहा कि राज्य सरकार 𝟕𝟏 हजार करोड़ के सीएजी के मामले का हिसाब-किताब नहीं दे रही है और इस मामले में सरकार के स्तर से मुख्यमंत्री कोई जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? देश के प्रधानमंत्री से राज्य सरकार रिश्वत दिलवा रही है। प्रधानमंत्री ने 𝟎𝟏 रूपये 𝟑𝟖 पैसा के बल पर बिहार के वर्तमान और भविष्य को बर्बाद करने का ठेका लिया है। चुनावी हार के डर से डि के छाप अधिकारी ज्यादा डरे हुए हैं। बिहार का तिजोरी खाली किया जा रहा है। पटना के सरकारी भवनों के साफ-सफाई, झाड़ू-पोछा के लिए निजी कंपनियों को देकर 𝟕𝟎𝟎 करोड़ रूपये का ठेका दिया गया है । संगठित और खुदरा भ्रष्टाचार रिकार्ड कायम किये हुए है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के धृतराष्ट्र नीतीश कुमार बने हुए हैं। एक इंजीनियर के घर 𝟏𝟑 करोड़ कैश बरामद हुआ? इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ। 𝟓𝟎𝟎 करोड़ की प्रॉपर्टी मिली लेकिन कारवाई क्या हुई? एक इंजीनियर ने 𝟏𝟐 करोड़ रुपये जला दिए? 𝟏𝟎𝟎 करोड़ की प्रॉपर्टी मिली लेकिन कारवाई क्या हुई? एक इंजीनियर के यहाँ 𝟑𝟎𝟎 करोड़ की प्रॉपर्टी मिली लेकिन कारवाई क्या हुई? अभी एक हफ़्ते पहले शिक्षा विभाग के अधिकारी के यहाँ करोड़ों मिले? 𝟑 दिन पहले विद्युत विभाग के इंजीनियर के यहाँ 𝟑𝟎 करोड़ की संपत्ति मिली? क्या हुआ?
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