New Delhi, 5 अगस्त (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को एक अनोखा कीर्तिमान अपने नाम कर लिया। वे अब देश के सर्वाधिक लंबे समय तक गृहमंत्री रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं

अमित शाह ने लालकृष्ण आडवाणी को छोड़ा पीछे 

अमित शाह ने इस पद पर 2,258 दिन (6 साल 65 दिन) पूरे कर लिए हैं, जिससे उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी के 2,256 दिन (6 साल 64 दिन) के कार्यकाल को पीछे छोड़ दिया है। आडवाणी इस पद पर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक रहे। तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।

नरेन्द्र मोदी ने गृहमंत्री के रूप में अमित शाह के योगदान की तारीफ की

संसद भवन के जीएमसी बालयोगी सभागार में राजग संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गृहमंत्री के रूप में अमित शाह के योगदान की तारीफ की। प्रधानमंत्री ने देश के सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री रहने पर अमित शाह को बधाई दी।

उल्लेखनीय है कि अमित शाह ने 30 मई 2019 को गृहमंत्री पद पर अपनी जिम्मेदारी संभाली थी। प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में राजनाथ सिंह गृह मंत्री बनाए गए थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने रिकॉर्ड जीत हासिल की, उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में अमित शाह को गृहमंत्री बनाया गया था और वर्तमान में भी वह इस पद पर कार्यरत हैं। 10 जून 2024 को अमित शाह दूसरी बार गृहमंत्री बने।

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Uttarkashi, 5 अगस्त (हि.स.)। हर्षिल क्षेत्र के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने के बाद अचानक खीरगंगा में बाढ़ आने से बड़ी तबाही हुई है। इलाके के 20 से अधिक हाेटल और हाेम स्टे तबाह हाे गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत राहत व बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। सेना, एसडीआर, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित टीमें मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी प्रभावित गांव की ओर रवाना हाे गए हैं।

बादल फटने के बाद अचानक खीर गंगा नदी में विनाशकारी बाढ़ आ गई

जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर और गंगोत्री धाम से महज 20 किलोमीटर पहले स्थित हर्षिल क्षेत्र के गांव धराली में बादल फटने के बाद अचानक खीर गंगा नदी में विनाशकारी बाढ़ आ गई। गंगा पार मुखवा गांव के लोगों ने तबाही आते देखकर चीख-पुकार मचाकर लोगों को आगाह किया। बताया जा रहा है कि विनाशकारी बाढ़ से इलाके के 20 से 25 होटल व होमस्टे तबाह हो गए हैं। स्थानीय लोगों से मिली सूचना के अनुसार 10 से 12 लाेग मलबे में दबे हो सकते हैं। स्थानीय राजेश पंवारका कहना है कि खीर गंगा के जल ग्रहण क्षेत्र में ऊपर कहीं बादल फटा, जिस कारण यह विनाशकारी बाढ़ आई है। बाढ़ से लोगों में दहशत का माहौल है।

मुख्यमंत्री, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं तथा स्थिति की नियमित जानकारी ले रहे हैं

घटना की सूचना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुःख व्यक्त किया और ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। सेना, एसडीआर, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित टीमें मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। मुख्यमंत्री, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं तथा स्थिति की नियमित जानकारी ले रहे हैं। घटना की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी प्रशांत आर्य और पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल भी मौके के लिए रवाना हो गये हैं। घटना की विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।

सेना की ओर से बताया गया कि दिन में हर्सिल के निकट खीरगाड़ क्षेत्र के धराली गांव में एक भीषण भूस्खलन हुआ, जिससे आबादी की ओर अचानक मलबा और पानी आ गया। आईबेक्स ब्रिगेड के जवान स्थिति का आकलन करने और बचाव अभियान चलाने के लिए प्रभावित स्थल पर पहुंच गए हैं। नुकसान का आकलन किया जा रहा है और राहत अभियान शुरू होने के बाद ही जानकारी दी जाएगी।

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5 अगस्त (हि.स.)। साध्वी यौन शोषण मामले मामले में सुनारिया जेल में सजा काट रहे डेरा प्रमुख राम रहीम को 40 दिन की पैरोल मिली है। मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच राम रहीम जिला कारागार से बाहर निकला। मंगलवार सुबह करीब 7 बजे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम जिला कारागार सुनारिया से 40 दिन की पेरोल पर बाहर निकला। इस दौरान जेल परिसर में सुरक्षा के अतिरिक्त प्रबंध रहे।

राम रहीम 14वीं बार जेल से बाहर आ चुका है

इसी साल 9 अप्रैल को राम रहीम 21 दिनों की पेरोल पर बाहर आया था और वह 14वीं बार जेल से बाहर आ चुका है। जेल अधीक्षक सत्यवान का कहना है कि जेल नियमों के तहत राम रहीम को पैरोल दी गई। राम रहीम साध्वियों से रेप और हत्या के केस में 20 साल जेल की सजा काट रहा है। इस बार डेरा प्रमुख अपना जन्मदिन बनाने के लिए बाहर आया है। राम रहीम का 15 अगस्त को 58वां जन्मदिन है। पैराेल नियमाें के अनुसार उसे सिरसा डेरे में भीड़ जमा करने की इजाजत नहीं है। फिर भी वह वर्चुअली अपने अनुयाइयों को संबोधित कर सकता है।

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New Delhi, 05 अगस्‍त (हि.स)। रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष यहां पेश हुए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी 17,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले की चल रही जांच के तहत अनिल अंबानी से पूछताछ कर रही है। ईडी ने उनसे पूछताछ के लिए समन भेजा था, जिसके बाद वे आज पूर्वाह्न करीब 11 बजे नई दिल्ली स्थित ईडी के कार्यालय पहुंचे।

50 कंपनियों के 35 ठिकानों की तलाशी लेने के बाद जारी किया गया

 सूत्रों ने बताया कि ईडी 66 वर्षीय उद्योगपति अनिल अंबानी का बयान धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत दर्ज करेगी। उन्‍हें यह समन 24 जुलाई को मुंबई में ईडी द्वारा उनके व्यावसायिक समूह के अधिकारियों सहित 25 लोगों एवं 50 कंपनियों के 35 ठिकानों की तलाशी लेने के बाद जारी किया गया।ईडी की यह कार्रवाई रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (आर इंफ्रा) सहित अनिल अंबानी की कई कंपनियों द्वारा वित्तीय अनियमितताओं और 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के सामूहिक ऋण की राशि के हेरफेर से संबंधित है। इसमें पहला आरोप 2017 और 2019 के बीच येस बैंक द्वारा अनिल अंबानी समूह की कंपनियों को दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के अवैध’ ऋण के गलत इस्तेमाल से संबंधित है।

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नई दिल्ली, 5 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसदों की संसदीय बैठक को संबोधित करेंगे। लंबे समय बाद हो रही इस बैठक में अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। संसद के मानसून सत्र में लगातार हंगामे और उप राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चल रही गतिविधियों के बीच सत्तारूढ़ गठबंधन की तरफ से होने वाली यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है।

संसद के मॉनसून सत्र में बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर जारी गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह 9:30 बजे एनडीए संसदीय दल की बैठक को संबोधित करेंगे। मौजूदा सत्र की पहली ऐसी बैठक है, जिसमें सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी सांसद मौजूद होंगे।

बैठक ऐसे समय हो रही है जब संसद के मानसून सत्र में विपक्षी सदस्य चुनाव आयोग की कथित पक्षपातपूर्ण भूमिका सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर मुखर हैं। मोदी इन मुद्दों पर एनडीए सांसदों को विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की रणनीति पर बातचीत कर सकते हैं।

इसके साथ एनडीए की यह बैठक 7 अगस्त से उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए शुरू हो रही नामांकन प्रक्रिया से कुछ दिन पहले हो रही है। एनडीए को अपने उम्मीदवार की घोषणा 21 अगस्त तक करनी है।

इस बैठक में भाजपा के साथ-साथ टीडीपी, जेडीयू और एलजेपी (रामविलास) जैसे सहयोगी दलों के सांसद भी शामिल होंगे।

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नई दिल्ली, 4 अगस्त (हि.स.)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का सोमवार सुबह सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। शिबू सोरेन किडनी से जुड़ी बीमारी के चलते पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे।

सर गंगा राम अस्पताल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि शिबू सोरेन को आज सुबह 8:56 बजे मृत घोषित कर दिया गया। लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। वे किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और डेढ़ महीने पहले उन्हें स्ट्रोक भी हुआ था। पिछले एक महीने से वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे।

शिबू सोरेन के पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद दिल्ली में मौजूद हैं। हेमंत सोरेन ने अपने पिता के निधन की जानकारी साझा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं। …”

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Kulgam, 3 अगस्त हि.स.। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों और छिपे हुए आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ रविवार को तीसरे दिन भी जारी है। अधिकारियों ने बताया कि रात भर रुक-रुक कर विस्फोट और गोलीबारी होती रही।

अधिकारियों के मुताबिक मुठभेड़ में अभीतक दो आतंकवादी मारे गए हैं

अखल के घने जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के बाद शुक्रवार को तलाशी अभियान शुरू किया गया था।अधिकारियों के मुताबिक मुठभेड़ में अभीतक दो आतंकवादी मारे गए हैं जबकि एक अन्य घायल बताया जा रहा है। एक सैनिक भी घायल हुआ है और उसका इलाज चल रहा है।

सूत्रों ने बताया कि यह अबतक साल के सबसे बड़े आतंक विरोधी अभियानों में से एक है। इस अभियान में ड्रोन और थर्मल इमेजिंग उपकरणों सहित उच्च तकनीक वाले निगरानी उपकरणों के साथ विशिष्ट पैरा स्पेशल फोर्स भी शामिल हैं। डीजीपी और 15 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग सहित वरिष्ठ पुलिस और सेना के अधिकारी स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं। अभियान जारी है।

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New Delhi: उपराष्ट्रपति निर्वाचन के लिए गुरूवार सात अगस्त को अधिसूचना जारी होगी।

नामांकन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त, गुरूवार है। 22 अगस्त, शुक्रवार को नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी। 25 अगस्त, सोमवार तक नाम निर्देशन पत्र वापस लिया जा सकता है। आवश्यकता होने पर 9 सितंबर, मंगलवार को प्रात: 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा, इसी दिन मतगणना होगी।

जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 जुलाई को धनखड़ का इस्तीफा मंजूर कर लिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।

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नई दिल्ली, 01 अगस्त (हि.स.)। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के 143 वर्षों के इतिहास में पहली बार किसी महिला अधिकारी ने महानिदेशक का पद संभाला है। आईपीएस अधिकारी सोनाली मिश्रा ने आरपीएफ की महानिदेशक (डीजी) के रूप में पदभार ग्रहण कर एक ऐतिहासिक अध्याय की शुरुआत की है।

कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी है और वे 31 अक्टूबर, 2026 तक इस पद पर कार्यरत रहेंगी। वे 1993 बैच की मध्य प्रदेश कैडर की भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं और पुलिस सेवा में 30 वर्षों से अधिक का अनुभव रखती हैं।

पदभार संभालने से पहले वे पुलिस चयन एवं भर्ती की अतिरिक्त महानिदेशक, पुलिस प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल तथा मध्य प्रदेश पुलिस अकादमी की निदेशक के रूप में कार्य कर चुकी हैं। वे सीबीआई, बीएसएफ तथा संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (कोसोवो) में भी सेवा दे चुकी हैं।

उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक (विशिष्ट सेवा) और पुलिस पदक (सराहनीय सेवा) जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

रेलवे सुरक्षा बल को सोनाली मिश्रा जैसी अनुभवी और दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता मिलने से बल की कार्यप्रणाली में आधुनिकीकरण, क्षमता निर्माण और समुदाय सहभागिता को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने आरपीएफ की कमान संभालने पर आभार जताया और बल की मूल भावना- “यशो लभस्व” को आत्मसात करते हुए सतर्कता, साहस और सेवा के मूल्यों पर दृढ़ रहने का संकल्प दोहराया।

महानिदेशक के रूप में मिश्रा का फोकस उन्नत तकनीक के प्रयोग और मानव तस्करी तथा कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराधों की रोकथाम पर रहेगा। उनका अनुभव आरपीएफ को संगठित अपराध से निपटने में और अधिक सक्षम बनाएगा।

रेलवे सुरक्षा बल ने नई महानिदेशक का सभी स्तरों पर स्वागत करते हुए उनके नेतृत्व में नई उपलब्धियों की आशा व्यक्त की है।

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कानपुर, 1 अगस्त(हि.स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में शुक्रवार काे पनकी स्थित भाऊपुर के पास मुजफ्फरपुर से अहमदाबाद जा रही जनसाधारण एक्सप्रेस की दो जनरल बोगियां पटरी से उतर गई। ट्रेन में जोरदार झटका लगने से यात्रियों में हड़कंप मच गया और यात्री ट्रेन से कूद कर भागने लगे। घटना की सूचना पर डीआरएम समेत रेलवे के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। घटना में किसी भी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है।

बताया गया कि साबरमती जनसाधारण एक्सप्रेस (ट्रेन सं 15269) मुजफ्फरपुर बिहार से आगरा जयपुर होते हुए साबरमती बीजी जा रही थी। पीआरो अमित कुमार सिंह ने बताया कि साबरमती जनसाधारण एक्सप्रेस शुक्रवार को अपने निर्धारित समय 12:50 बजे के बजाय तीन बजकर सात मिनट पर कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर पहुंची। कुछ देर रुकने के बाद यहां से रवाना हुई और भाऊपुर स्टेशन के आउटर पर पहुंचते ही यह हादसा हो गया। पनकी स्थित भाऊपुर के पास ट्रेन के दो जनरल कोच स्टेशन यार्ड के लूप लाइन नंबर चार के पास डिटेल हो गए। गनीमत यह रही कि जिस समय यह हादसा हुआ उस समय ट्रेन की गति काफी धीमी थी।

तनिष्क छपरा- डाकबंगला रोड,
फोन-7644849600 , 8235892335

हादसे के चलते दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया। सुरक्षा के मद्देनजर पीछे से आ रहीं कई ट्रेनों को रोका गया। सूचना पर पहुंचे रेलवे अधिकारियों ने घटना का संज्ञान लेते हुए जांच टीम का गठन किया है। जो इस हादसे का पता लगाएगी। हालांकि ट्रेन में सवार यात्रियों ने कुछ लोगों के चोटिल होने की बात कही है, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है।

घटना के संबंध में नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि आज साबरमती जनसाधारण एक्सप्रेस कानपुर से निकल कर पनकी की आगे भाऊपुर के पास लूप लाइन पर जाते समय इंजन से छठवां व सातवें नंबर पर दो जरनल कोच पटरी से डिरेल हाे गए हैं। उन्हाेंने बताया कि लूप लाइन परजाते समय ट्रेन धीमी गति से थी। इसलिए किसी यात्री काे चाेट नहीं आई है। यात्रियाें के परिजनाें की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं। राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है।

रेलवे ने इस संबंध में 05532 – 2408128 (प्रयागराज), 05532 – 2407353 (प्रयागराज) 05532 – 2408149 (प्रयागराज), कानपुर 0512- 2323015/3016/3018 और टूंडला 7392959712 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।

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New Delhi, 1 अगस्त (हि.स.)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर शुक्रवार को भी राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रही। विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा पहले 12 बजे तक और फिर सोमवार सुबह 11 बजे तक लिए स्थगित कर दी गयी।

30 सदस्यों ने नोटिस दिया जिसे उपसभापति ने अस्वीकार कर दिया

राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार को शुरू होते ही आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखे गए। उसके बाद उप सभापति हरिवंश ने कहा कि आज बिहार के संदर्भ में एसआईआर को लेकर कई लोगों ने नोटिस दिया। आज 30 सदस्यों ने नोटिस दिया जिसे उपसभापति ने अस्वीकार कर दिया। उसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। इस बीच आम आदमी पार्टी के सदस्य अशोक कुमार मित्तल ने अस्पतालों में भीड़ का मुद्दा उठाया। हंगामा फिर भी नहीं थमा। इसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन की कार्यवाही 12 बजे दोबारा शुरू होने पर भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। पीठासीन अधिकारी घनश्याम तिवाड़ी ने प्रश्नकाल को शुरुआत की । पहले प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव जवाब के लिए उठे लेकिन हंगामे के कारण कार्यवाही चल नहीं सकी, जिसके बाद कार्यवाही सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

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01 अगस्त (हि.स.)। वाशिंगटन डीसी स्थित संघीय सर्किट अपील न्यायालय के न्यायाधीशों ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप के आपातकालीन शक्तियों के अभूतपूर्व उपयोग करते हुए अमेरिका के व्यापारिक साझेदार देशों पर व्यापक टैरिफ लगाने के अधिकार पर तीखे सवाल उठाए। कई न्यायाधीशों ने तो बार-बार इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि ट्रंप 1977 के अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईपा) कानून का उपयोग करके टैरिफ को कैसे उचित ठहरा सकते हैं?

तनिष्क छपरा- डाकबंगला रोड,
फोन-7644849600 , 8235892335

न्यायाधीश जिम्मी रेयना ने कहा, “मेरी एक बड़ी चिंता यह है कि आईपी में टैरिफ शब्द का कहीं भी जिक्र तक नहीं है।

अमेरिका ऑनलाइन अखबार ‘पॉलिटिको’ की खबर के अनुसार, न्यायाधीश जिम्मी रेयना ने कहा, “मेरी एक बड़ी चिंता यह है कि आईपी में टैरिफ शब्द का कहीं भी जिक्र तक नहीं है।” न्यायाधीश टिमोथी डिक ने कहा, “मेरे लिए यह समझना मुश्किल है कि कांग्रेस का इरादा आईपा में राष्ट्रपति को उस टैरिफ अनुसूची को रद्द करने का पूरा अधिकार देना था जिसे उसने वर्षों के गहन अध्ययन के बाद अपनाया था।”

अन्य न्यायाधीश इस तर्क पर सहमत दिखे कि ट्रंप ने एक ऐसे कानून का इस्तेमाल किया जिसका उद्देश्य राष्ट्रपतियों को किसी अंतरराष्ट्रीय संकट से निपटने के लिए आपातकालीन शक्तियां प्रदान करना था, बल्कि कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को हड़पना था। यहां यह महत्वपूर्ण है कि न्यायाधीश जिम्मी रेयना की नियुक्त ओबामा और न्यायाधीश टिमोथी डिक की नियुक्ति क्लिंटन ने की थी।

न्यायालय में दो मुकदमों पर लगभग दो घंटे तक मौखिक बहस हुई

खचाखच भरे न्यायालय में दो मुकदमों पर लगभग दो घंटे तक मौखिक बहस हुई। इन मुकदमों में ट्रंप के फरवरी और अप्रैल के बीच हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेशों में लगाए गए टैरिफ को चुनौती दी गई है। एक मामला निजी कंपनियों ने और दूसरा मामला 11 डेमोक्रेटिक नियंत्रित राज्यों ने दायर किया है। कुछ न्यायाधीशों ने मत व्यक्त किया कि अगर राष्ट्रपति बिना अदालतों की समीक्षा के आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं (जैसा कि ट्रंप प्रशासन का दावा है और वह किसी भी आकार और अवधि के टैरिफ लगा सकते हैं) तो देश की जटिल और दीर्घकालिक व्यापार प्रक्रिया का एक बड़ा हिस्सा अनिवार्य रूप से अनावश्यक हो जाएगा।


उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के एक पुरानी आपातकालीन शक्ति के तहत लगाए गए टैरिफ केवल इसलिए कानूनी चुनौतियों से बच पाए, क्योंकि वे एक समस्या पर केंद्रित थे और उनकी एक स्पष्ट समाप्ति तिथि थी। सुनवाई के दौरान 11 न्यायाधीशों ने राज्यों और निजी कंपनियों के वकीलों के तर्क सुने। ओबामा के कार्यकाल में नियुक्त न्यायाधीश रिचर्ड टारंटो ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि वादी ने वास्तव में उन नकारात्मक परिणामों पर ध्यान दिया है, जिनका ट्रंप प्रशासन दावा करता है कि बड़े व्यापार घाटे के कारण विनिर्माण और सैन्य तैयारियों पर प्रभाव पड़ता है।

ओरेगन के सॉलिसिटर जनरल बेंजामिन गुटमैन ने कहा कि ट्रंप के कार्यकारी आदेश में इन परिणामों के बारे में सिर्फ एक वाक्य लिखा गया है, तो जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के कार्यकाल में नियुक्त मुख्य न्यायाधीश किम्बर्ली मूर ने इसका विरोध किया। मूर ने कहा, “मुझे नहीं पता कि आप और मैं एक बिल्कुल अलग कार्यकारी आदेश पढ़ रहे हैं या नहीं।” उन्होंने कहा, “मैं एक ऐसा कार्यकारी आदेश देख रहा हूं जो अमेरिकी उत्पादन, सैन्य उपकरणों और विदेशी उत्पादकों द्वारा अमेरिकी सुरक्षा से समझौता करने की बात करता है। एक ऐसा कार्यकारी आदेश जो बताता है कि अमेरिकी विनिर्माण क्षमता में गिरावट अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अन्य तरीकों से खतरा है, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों का नुकसान भी शामिल है। राष्ट्रपति स्पष्ट रूप से जिसे एक असाधारण खतरा बता रहे हैं, वह कैसे नहीं बनता?”

अब यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में जाने की उम्मीद है

यहां यह महत्वपूर्ण है कि न्यूयॉर्क स्थित अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय ने मई में फैसला सुनाया था कि ट्रंप ने टैरिफ लगाने के लिए आईपा के तहत अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है। ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले के खिलाफ संघीय सर्किट न्यायालय में अपील की। संघीय सर्किट न्यायालय ने मामले की सुनवाई जारी रहने तक सरकार को शुल्क वसूलने की अनुमति दे दी। अपीलीय न्यायालय ने इस मामले पर न्यायालय की 11 सदस्यीय पूर्ण पीठ के समक्ष विचार करने के लिए कार्यक्रम निर्धारित किया। इसमें आठ जज की नियुक्ति डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति और तीन की नियुक्ति रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने की है। अब यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में जाने की उम्मीद है।

ट्रंप ने आईपा का इस्तेमाल कर दो मुख्य टैरिफ लगाए हैं। एक का उद्देश्य चीन, कनाडा और मेक्सिको पर अमेरिका में फेंटेनाइल और अन्य रसायनों के प्रवाह को रोकने के लिए दबाव डालना है। दूसरा अमेरिका के बड़े व्यापार घाटे को कम करना है। ट्रंप ने अप्रैल की शुरुआत में व्यापार घाटे को कम करने के उद्देश्य से “पारस्परिक” टैरिफ की घोषणा की थी। इसके बाद पहली अगस्त तक इनमें से अधिकतर को रोक दिया था। हालांकि उन्होंने 05 अप्रैल से सभी वस्तुओं पर 10 प्रतिशत का “बेसलाइन” टैरिफ लागू रखा है।

हाल के हफ्तों और महीनों में ट्रंप ने कई देशों के साथ कई तरह के व्यापार समझौते किए हैं

हाल के हफ्तों और महीनों में ट्रंप ने यूनाइटेड किंगडम, वियतनाम, जापान और 27 देशों के यूरोपीय संघ सहित कई देशों के साथ कई तरह के व्यापार समझौते किए हैं। ट्रंप आपातकालीन शुल्कों को देश के विदेशी साझेदारों के साथ लंबे समय से चले आ रहे और लगातार व्यापार घाटे के मद्देनजर उचित ठहराते हैं। उन्होंने ब्राजील पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है। उधर, राज्यों और निजी कंपनियों दोनों का तर्क है कि व्यापार घाटा न तो कोई “असामान्य या असाधारण” खतरा है और न ही कोई “आपातकाल”, क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका में दशकों से यह संकट रहा है। ट्रपं के कार्रवाई करने के लिए आईपा के तहत दोनों ही शर्तें आवश्यक हैं। न्याय विभाग इससे असहमत है, और कहता है कि हाल के वर्षों में व्यापार घाटा “तेजी से” बढ़ रहा है, जो 2019 में 559 अरब डॉलर से बढ़कर 2024 में 903 अरब डॉलर हो गया है।

न्याय विभाग के वकील ब्रेट शुमेट ने न्यायाधीशों को बताया कि ट्रंप का टैरिफ को सौदेबाजी के हथकंडे के रूप में इस्तेमाल करना, उनके द्वारा वर्णित आपातकाल से निपटने के उनके प्रयास का एक महत्वपूर्ण पहलू है। शुमेट ने यूरोपीय संघ के साथ हाल ही में हुए समझौते का उदाहरण दिया।

गुरुवार की सुनवाई के दौरान ट्रंप ने घोषणा की कि उन्होंने एक दीर्घकालिक व्यापार समझौते पर जटिल बातचीत के बीच मेक्सिको के साथ समझौता कर लिया है ताकि टैरिफ में और वृद्धि को रोका जा सके।

एनबीसी न्यूज की खबर के अनुसार, गुरुवार को ट्रंप के पूरे टैरिफ एजेंडे को संघीय अदालत में कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ा। संघीय न्यायालय का फैसला शुक्रवार को आ सकता है। द वाल स्ट्रीट जनरल की खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप के दुनिया भर में टैरिफ लगाने की आपातकालीन शक्तियों के दावे पर न्यायालय ने संदेह व्यक्त किया है। मौखिक बहस में विवाद के प्रमुख प्रश्नों पर चर्चा हुई- क्या व्यापार असंतुलन और सीमा पार नशीली दवाओं की तस्करी जैसी पुरानी समस्याएं आपातकाल के रूप में योग्य हैं जो राष्ट्रपति को सामान्य कानूनों को दरकिनार करने की अनुमति देती हैं? क्या संघीय अदालतों के पास राष्ट्रपति के आपातकालीन निर्णयों की समीक्षा करने का अधिकार है? और क्या अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम, 1977 का वह कानून जिसे आईपा के नाम से जाना जाता है और जिसका ट्रंप ने हवाला दिया, राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने की अनुमति देता है?

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