बीकानेर, 3 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार काे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। श्रीगंगानगर जिले के घड़साना के गांव 22 एमडी में आर्मी छावनी पहुंचे सेना प्रमुख ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से भारत ने ऑपरेशन सिंदूर 1.0 में संयम रखा है, अबकी बार भारत ये संयम नहीं रखेगा। इस बार हम आगे की कार्रवाई करेंगे और कुछ इस तरह की कार्रवाई करेंगे कि पाकिस्तान को सोचना पड़ेगा कि उसे भूगोल में रहना है या नहीं।

जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर हमारी जिंदगी से इस तरह से जुड़ गया है कि जब तक हम जीवित रहेंगे, तब तक यह हमारे साथ रहेगा। अगर पाकिस्तान को दुनिया के नक्शे में (भूगोल में) अपनी जगह बनाए रखनी है, तो पाकिस्तान जो आतंकवाद को सरंक्षण दे रहा है, उसे अब आतंकवाद को रोकना पड़ेगा। सेना प्रमुख ने जवानों से कहा कि अब आप अपनी पूरी तैयारी करके रखें, अगर भगवान ने चाहा तो जल्द ही ये मौका मिलेगा।

उन्होंने कहा कि इस देश की कोई भी महिला अपनी मांग में सिंदूर लगाती है तो उस समय वो भारतीय सेना के जवानों को याद करती है, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस बार आतंकवाद के खिलाफ जो ऑपरेशन सिंदूर किया गया है, पूरे ऑपरेशन का नाम एक ही रखा गया था, जबकि इससे पहले जो भी ऑपरेशन किए गए हैं, उनके नाम अलग-अलग हुआ करते थे।

सेना प्रमुख ने कहा कि पहलगाम में आतंकी हमला होने के बाद जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, उस समय पूरा विश्व भारत के साथ जुड़ गया था। पूरे विश्व ने इस आतंकी हमले की निंदा की थी। उन्होंने कहा- भारत ने पाकिस्तान में 9 टारगेट हिट किए थे, इनमें से 7 आर्मी ने और 2 वायु सेना की ओर से हिट किए गए थे।

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने यह भी कहा कि जिन आतंकी ठिकानों को भारत ने खत्म किया था, उनका सबूत भी पूरी दुनिया को दिखाया है। अगर भारत सबूत नहीं दिखाता तो पाकिस्तान इन सबको छुपा लेता। उन्होंने कहा कि इस बार भारत पूरी तैयारी के साथ है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ऑपरेशन सिंदूर 1.0 में अच्छा काम करने वाले सेना के तीन अधिकारियों को विशेष रूप से सम्मानित किया। कार्यक्रम में बीएसएफ की 140वीं बटालियन के कमांडेंट प्रभाकर सिंह, राजपूताना राइफल्स के मेजर रितेश कुमार और हवलदार मोहित गैरा को सम्मानित किया गया।

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New Delhi, 02 अक्टूबर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बार विजयदशमी का पर्व गुजरात के भुज मिलिट्री स्टेशन पर सैनिकों के साथ मनाया। जवानों का मनोबल बढ़ाने के साथ ही उन्होंने भुज में शस्त्र पूजा की और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की हवाई रक्षा को बेनकाब करके भारत की निर्णायक क्षमता साबित करने के लिए सशस्त्र बलों को सराहा। उन्होंने चेतावनी दी कि दुश्मन का अगला कोई भी दुस्साहस हुआ तो इतिहास और भूगोल बदलने लायक कड़ा जवाब मिलेगा।

रक्षा मंत्री ने भुज में शस्त्र पूजा की, जवानों के माथे पर तिलक लगाकर मनोबल बढ़ाया

उन्होंने कहा कि शस्त्र पूजा भारत के शस्त्रों को धर्म के साधन मानने के दर्शन को दर्शाती है। शस्त्र (ज्ञान) और शस्त्र (हथियार) के संतुलन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। सीमा और साइबर चुनौतियों के प्रति आगाह किया और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मनोबल और शस्त्रों के बल पर कोई भी चुनौती भारत के संकल्प का सामना नहीं कर सकती। रक्षा मंत्री ने भुज में शस्त्र पूजा की और उन्होंने जवानों के माथे पर तिलक लगाकर ऑपरेशन सिंदूर में भारत की निर्णायक क्षमता साबित करने के लिए सराहा।

हम हर चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना कर सकते हैं: राजनाथ सिंह

जवानों को संबोधन में उन्होंने कहा कि शस्त्रों की पूजा का यह दिन केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय जीवन से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। जब एक राष्ट्र के रूप में हम अपने शस्त्रों का सम्मान करते हैं, तो हम केवल हथियारों का नहीं, बल्कि हम अपनी सामूहिक शक्ति, अपनी सुरक्षा और अपनी स्वतंत्रता का भी सम्मान कर रहे होते हैं। आज अपनी ‘आत्मनिर्भरता’ के संकल्प से भारत शस्त्रों का सिर्फ उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि निर्माता और निर्यातक भी बन रहा है। थल सेना, वायु सेना और नौसेना हमारी शक्ति के तीन स्तंभ हैं। जब ये तीनों सेनाएं मिलकर कार्य करती हैं, तभी हम हर चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना कर सकते हैं। हमारी सरकार लगातार अपनी सेनाओं के एकीकरण पर जोर दे रही है।

आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अभी भी जारी है: राजनाथ सिंह

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक के इस इलाके तक भारत के डिफेंस सिस्टम को भेदने की कोशिश की, लेकिन भारत की सेनाओं ने अपनी जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह एक्सपोज कर दिया। भारत ने दुनिया को संदेश दे दिया कि भारत की सेनाएं जब चाहें, जहां चाहें और जैसे भी चाहें पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं। अपने सामर्थ्य के बावजूद हमने संयम का परिचय दिया, क्योंकि हमारी सैन्य कार्रवाई आतंकवाद के विरोध में थी। इसको आगे बढ़ाकर जंग छेड़ना ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य नहीं था, मगर आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अभी भी जारी है।

इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएगा: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी के 78 साल बीत जाने के बावजूद सर क्रीक इलाके में सीमा को लेकर एक विवाद खड़ा किया जाता है। भारत ने कई बार बातचीत के रास्ते इसका समाधान करने का प्रयास किया है, मगर पाकिस्तान की नीयत में ही खोट है, उसकी नीयत साफ नहीं है। जिस तरह से हाल में पाकिस्तान की फौज ने सर क्रीक से सटे इलाकों में अपना सैन्य ढांचा बढ़ाया है, उससे उसकी नीयत का पता चलता है। राजनाथ सिंह ने चेतावनी दी कि भारत की सीमाओं की रक्षा भारतीय सेनाएं और बीएसएफ मिल कर मुस्तैदी से कर रही है। अगर सर क्रीक इलाके में पाकिस्तान की ओर से कोई भी हिमाकत की गई, तो उसे ऐसा करारा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएगा।

उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपकी रणनीति, आपके साहस और आपकी क्षमता ने साबित कर दिया कि भारत हर परिस्थिति में दुश्मन को मात देने में सक्षम है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सबका साहस, आप सबका शौर्य इसी प्रकार भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करता रहेगा। शस्त्र पूजा के बाद उन्होंने मां दुर्गा से प्रार्थना कि वह हमारे शस्त्रों को सदैव धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित करें। हमारे सैनिकों को असीम शक्ति और साहस प्रदान करें, ताकि वो इसी तरह अधर्म और आसुरी शक्तियों के नाश के लिए काम करते रहें और इस राष्ट्र को अजेय और अभेद्य बनाए रखें।

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New Delhi, 2 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से फोन पर बात की ओर उनके स्वास्थ के बारे में जानकारी ली।

प्रधानमंत्री ने निरंतर स्वस्थ रहने और दीर्घायु होने की प्रार्थना की

गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि उन्होंने खरगे जी से बात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने खरगे के निरंतर स्वस्थ रहने और दीर्घायु होने की प्रार्थना की।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तबीयत अचानक खराब होने के बाद उन्हें बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसे लेकर बुधवार को कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खरगे ने एक्स पोस्ट में लिखा, ” मल्लिकार्जुन खरगे के लिए पेसमेकर प्रत्यारोपण प्रक्रिया आज सुबह सफलतापूर्वक पूरी हो गई। यह एक छोटी और मामूली प्रक्रिया थी और उनकी हालत स्थिर है।” उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे के 3 अक्टूबर से काम पर लौटने और अपने सभी नियोजित कार्यक्रमों में भाग लेने की संभावना है।

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New Delhi, 2 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार यमुनापार (पूर्वी दिल्ली) में रावण दहन कार्यक्रम में शामिल होंगे। वे आईपी एक्सटेंशन स्थित श्रीरामलीला कमेटी इंद्रप्रस्थ के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, जहां 72 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा।

प्रधानंत्री मोदी के आगमन को देखते हुए  कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं

इस रामलीला में चार पुतलों का दहन किया जाएगा। परंपरागत रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के अलावा चौथे पुतले का भी दहन किया जाएगा। यह पुतला पहलगाम के आतंकियों का होगा, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक माना जा रहा है। आयोजकों के अनुसार, यह पुतला युवाओं को संदेश देगा कि राक्षसी प्रवृत्तियों से केवल संघर्ष करके ही छुटकारा पाया जा सकता है।

इस समारोह में कई फिल्मी हस्तियों के साथ-साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा के भी मौजूद रहने की संभावना है। प्रधानंत्री मोदी के आगमन को देखते हुए इलाके में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।

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New Delhi, 2 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने गुरुवार को महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह राजघाट पहुंचे और श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के समाधि स्थल विजय घाट पर पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

गांधीजी ने दिखाया कि कैसे साहस और सादगी महान परिवर्तन के साधन बन सकते हैं: प्रधानमंत्री

इससे पहले सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने लिखा, गांधीजी ने दिखाया कि कैसे साहस और सादगी महान परिवर्तन के साधन बन सकते हैं, उन्होंने लोगों को सशक्त बनाने के आवश्यक साधन के रूप में सेवा और करुणा की शक्ति में विश्वास पैदा किया। उन्होंने आगे लिखा कि गांधी जयंती प्रिय बापू के असाधारण जीवन को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिनके आदर्शों ने मानव इतिहास की दिशा बदल दी। उन्होंने दिखाया कि कैसे साहस और सादगी महान परिवर्तन के साधन बन सकते हैं वे सेवा और करुणा की शक्ति को लोगों को सशक्त बनाने के अनिवार्य साधन मानते थे। पोस्ट में लिखा कि हम एक विकसित भारत के निर्माण के अपने अभियान में उनके बताए मार्ग पर चलते रहेंगे।

लाल बहादुर शास्त्री की दृढ़ संकल्प ने भारत को सशक्त बनाया: : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए लिखा कि लाल बहादुर शास्त्री जी एक असाधारण राजनेता थे जिनकी ईमानदारी, विनम्रता और दृढ़ संकल्प ने चुनौतीपूर्ण समय में भी भारत को सशक्त बनाया। वे अनुकरणीय नेतृत्व, शक्ति और निर्णायक कार्रवाई के प्रतीक थे। ‘जय जवान जय किसान’ के उनके आह्वान ने हमारे लोगों में देशभक्ति की भावना जगाई। वे हमें एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए निरंतर प्रेरित करते रहते हैं।

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नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (हि.स.)। पद्मभूषण से सम्मानित शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया।लंबी बीमारी से जूझ रहे पंडित छन्नूलाल मिश्र ने मिर्जापुर में गुरुवार तड़के सवा चार बजे आखिरी सांस ली। वे सेप्टीसीमिया नामक बीमारी से जूझ रहे थे। जानकारी के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार वाराणसी में होगा।

हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के बनारस घराने और विशेष रूप से ख्याल और ‘पूरब अंग’- ठुमरी के प्रतिपादक पंडित छन्नूूलाल मिश्र ने संगीत यात्रा में अपनी विशिष्ट छाप छोड़ी है। ठुमरी, दादरा, चैती और भजन गायन से भारतीय संगीत को समृद्ध करने वाले छन्नूलाल मिश्र ने शास्त्रीय संगीत को आमजन तक पहुंचाया।

3 अगस्त 1936 को आजमगढ़ में जन्मे पंडित छन्नूलाल मिश्रा वाराणसी को अपनी कर्मभूमि के तौर पर चुना। उन्हें साल 2020 में पद्म विभूषण, साल 2010 में पद्मभूषण, साल 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। साल 2010 में उन्हें यश भारती पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

छन्नूलाल मिश्र ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन में शीर्ष ग्रेड कलाकार रह चुके हैं। वे संस्कृति मंत्रालय (उत्तर-केंद्रीय) सरकार के सदस्य भी रहे।

जब साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जब नरेन्द्र मोदी ने पहली बार वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला लिया, तब छन्नूलाल मिश्र उनके प्रस्तावक बने थे।

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नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां के डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विशेष डाक टिकट और 100 रुपये का स्मृति सिक्का जारी किया।

सिक्के पर संघ के बोध वाक्य “राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम” को अंकित किया गया है, जिसका अर्थ है ‘यह मेरा नहीं है, यह राष्ट्र का है। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार संघ के सम्मान में स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया गया है। इस डाक टिकट की अपनी विशेष महत्ता है।

डाक टिकट पर 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में संघ कार्यकर्ताओं की परेड की तस्वीर अंकित है। उन्होंने याद दिलाया कि 1963 में संघ के स्वयंसेवक 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए थे और राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया था।

यह डाक टिकट उसी ऐतिहासिक क्षण की स्मृति को संजोता है। साथ ही इसमें संघ के उन स्वयंसेवकों की भी झलक है, जो लगातार देश की सेवा में लगे हुए हैं और समाज को सशक्त बना रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिह्न है और दूसरी ओर सिंह के साथ वरद मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि है, जिनके सामने संघ के स्वयंसेवक समर्पण भाव से नमन करते दिखाई देते हैं।

यह पहली बार है जब भारतीय मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर अंकित की गई है। सिक्के पर संघ का बोध वाक्य भी लिखा है- “राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम”उल्लेखनीय है कि संघ की स्थापना 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगवेर ने की थी।

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New Delhi, 1 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्र सरकार राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने का उत्सव देशभर में मनाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में देशभर में इससे जुड़े कई आयोजनों को मंजूरी दी गयी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नेशनल मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता में बताया कि इस साल राष्ट्रीय गीत के 150 साल पूरे हो रहे हैं। इसे उत्सव की तरह मनाने का फैसला किया गया है। सभी को विशेषकर युवाओं को इतिहास के साथ जोड़ने के लिए इस गीत के मूल भावना को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राष्ट्रप्रेम और सांस्कृतिक अस्मिता के प्रतीक इस गीत की रचना बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने 1875 में की थी और आगामी 7 नवंबर 2025 को इसके 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। 24 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान सभा ने इसे राष्ट्रीय गीत घोषित किया। देशभक्ति से भरपूर उनकी इस कविता को उन्हीं के उपन्यास आनंद मठ में सबसे पहले प्रकाशित किया गया। उनकी इस रचना ने उस दौर में भारत की आजादी की जंग लड़ रहे वीर सपूतों के लिए प्रेरणा स्रोत का काम किया।

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New Delhi, 01 अक्टूबर (हि.स.)। अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को चौथा इंजन सौंप दिया है। इसका इस्तेमाल एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों में किया जाएगा, जिन्हें निकट भविष्य में भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाना है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक भारत को 12 जीई-404 इंजन मिलने की उम्मीद है। एचएएल का लक्ष्य इस साल अक्टूबर तक पहला विमान तैयार करना है, जिसमें से तीन पहले ही तैयार हैं और अंतिम परीक्षणों का इंतजार है। इंजन को लेकर बुनियादी समस्याओं का समाधान होने के बाद अब विमान के उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद बढ़ी है।

2024 में पहली खेप मिलने की उम्मीद थी

भारत ने फरवरी 2021 में एचएएल के साथ 48 हजार करोड़ का एक समझौता किया था। इस अनुबंध में 73 तेजस मार्क-1ए जेट और 10 प्रशिक्षक विमान शामिल थे। भारतीय वायु सेना को 2024 में पहली खेप मिलने की उम्मीद थी, लेकिन इस बीच कंपनी जीई एयरोस्पेस (जीई) ने एफ-404 इंजन का उत्पादन बंद कर दिया। भारतीय वायु सेना के साथ फरवरी, 2021 में अनुबंध होने के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को इसी साल मार्च से नए विमान की आपूर्ति होनी थी, लेकिन इसमें लगने वाले इंजन की अमेरिका से आपूर्ति में देरी की वजह से इंतजार लंबा हो गया।

भारत को 12 जीई-404 इंजन मिलने की उम्मीद है

लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कंपनी ने इसी साल 26 मार्च को पहला इंजन भारत को सौंपा। इसके बाद 13 जुलाई को जीई ने दूसरा इंजन भेजा। एचएएल को एलसीए मार्क-1ए के लिए तीसरा जीई-404 इंजन 11 सितंबर को मिला। कंपनी ने उसी समय एक और इंजन सितंबर के अंत तक देने का बादा किया था, जो माह के आखिरी दिन मिल गया, जिसकी पुष्टि आज एचएएल ने की है। अब भारत को चार इंजन मिल चुके हैं, जिससे एलसीए मार्क-1ए विमानों के उत्पादन और आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद बढ़ी है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक भारत को 12 जीई-404 इंजन मिलने की उम्मीद है। ये इंजन भारत के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान में लगाए जाएंगे, जिसे भारतीय वायु सेना में शामिल किया जा रहा है।

इनकी डिलीवरी छह वर्षों में पूरी होगी

एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. डीके सुनील ने कहा कि एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक कीमत वाले 113 जीई-404 इंजनों के ऑर्डर के लिए बातचीत पूरी हो गई है और अनुबंध पर अक्टूबर में हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। रक्षा मंत्रालय की ओर से 25 सितंबर को दिए गए 97 एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों के नए ऑर्डर में 68 सिंगल-सीट लड़ाकू विमानों और 29 ट्विन-सीट ट्रेनर विमानों के इंजन शामिल होंगे, जिनकी डिलीवरी 2027-28 में शुरू होगी और छह वर्षों में पूरी होगी। एचएएल का लक्ष्य इस साल अक्टूबर तक पहला विमान तैयार करना है, जिसमें से तीन पहले ही तैयार हैं और अंतिम परीक्षणों का इंतज़ार है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2032-33 तक हम सभी 180 विमानों का निर्माण पूरा कर लेंगे।

इस ऑर्डर में 70 फीसदी स्वदेशी सामग्री होगी

एचएएल अध्यक्ष ने रक्षा मंत्रालय के साथ नया अनुबंध होने के बाद कहा था कि पहले वाले ऑर्डर की तुलना में इस ऑर्डर में 70 फीसदी स्वदेशी सामग्री होगी, जिसमें उपकरण, धातु, कोई भी स्पेयर पार्ट या जो कुछ भी हम बनाते हैं, वह हो सकती है। ये सभी सामग्री ज्यादातर भारतीय निजी क्षेत्र से आपूर्ति की जाएगी, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हम उन आपूर्ति शृंखलाओं को 70 फीसदी तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि हम स्वदेशी रडार, ईडब्ल्यू सुइट और कई अन्य उपकरण को एकीकृत करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार आत्मनिर्भरता पर जोर देकर ऑर्डर दे रही है, जिससे न केवल एचएएल में, बल्कि हमारे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र में रोजगार पैदा होंगे।

शायद वित्तीय वर्ष के अंत तक 12 इंजन मिल जाएंगे

उन्होंने कहा कि एचएएल जीई के एफ-414 इंजनों के लिए 80 फीसदी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर भी बातचीत कर रहा है, जो उन्नत एलसीए मार्क-2 और स्वदेशी उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) को शक्ति प्रदान करेगा। डॉ. सुनील ने कहा कि जीई ने हमें एक साल में 12 इंजन देने का वादा किया था, लेकिन अब शायद हमें वित्तीय वर्ष के अंत तक 12 इंजन मिल जाएंगे। इस साल हमें 10 इंजन मिल सकते हैं। बाकी इंजन हमें अगले साल मार्च तक मिल जाएंगे। हम 10वें विमान का ढांचा बना चुके हैं और 11वां विमान तैयार है। इंजन को लेकर बुनियादी समस्याओं का समाधान हो गया है, इसलिए अब उत्पादन में तेजी आएगी। जीई ने अगले साल 20 इंजन देने का वादा किया है, जिसके लिए शीर्ष प्रबंधन के साथ एक बैठक की है।

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New Delhi, 1 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शताब्दी वर्षगांठ पर बुधवार को आयोजित विशेष समारोह को संबोधित करते हुए संघ की 100 वर्षों की यात्रा को त्याग, निःस्वार्थ सेवा और राष्ट्र निर्माण की अद्भुत मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि विजयादशमी का पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है और इसी दिन 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी।

यह राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार था: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “संघ की स्थापना कोई संयोग नहीं था बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा के पुनरुत्थान का संगठित प्रयास था। यह राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार था।” प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देशवासियों को नवरात्रि और विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पीढ़ी सौभाग्यशाली है, जिसे संघ के शताब्दी वर्ष जैसे महान अवसर का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत सरकार ने 100 रुपये का स्मारक सिक्का और विशेष डाक टिकट जारी किया। सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह तथा दूसरी ओर भारत माता की भव्य छवि अंकित की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर अंकित की गई है। डाक टिकट में वर्ष 1963 का वह क्षण दर्शाया गया है, जब संघ के स्वयंसेवक पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए थे।

RSS के लाखों कार्यकर्ताओं ने राष्ट्र सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है: प्रधानमंत्री 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संघ ने अपने कार्यकर्ताओं के अनुशासन और समर्पण भाव से समाज के हर आयाम को स्पर्श किया है। उन्होंने कहा, “कृषि, विज्ञान, आदिवासी कल्याण, महिला सशक्तिकरण, समाज सेवा या श्रमिक हित- संघ की धारा हर क्षेत्र में प्रवाहित होती रही है। संघ का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण है और उसकी कार्यपद्धति में नित्य शाखा इसका आधार है।”

उन्होंने सभी स्वयंसेवकों और उनके परिवारों को स्मरण करते हुए कहा कि लाखों कार्यकर्ताओं ने राष्ट्र सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। प्रधानमंत्री ने परम पूजनीय डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके विचारों और संकल्प ने भारत को एक नए युग की ओर अग्रसर किया।

आने वाला समय राष्ट्र निर्माण की दिशा में और भी महत्वपूर्ण होगा: प्रधानमंत्री 

प्रधानमंत्री ने कहा कि संघ के शताब्दी वर्ष में हमें राष्ट्र सेवा का संकल्प और मजबूत करना चाहिए। उन्होंने सभी देशवासियों से आह्वान किया कि वे समाज और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए आगे बढ़ें।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने इस अवसर पर कहा कि विजयादशमी का संघ की यात्रा में विशेष महत्व है, क्योंकि यही दिन संगठन की स्थापना का साक्षी रहा है। उन्होंने कहा कि कल विजयादशमी पर संघ अपने 101वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है और आने वाला समय राष्ट्र निर्माण की दिशा में और भी महत्वपूर्ण होगा।

उन्होंने कहा कि संघ का कार्य किसी से प्रतिस्पर्धा या उत्तर देने के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए है। समाज जीवन के हर क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवक सक्रिय हैं और राष्ट्रभक्ति, सेवा व अनुशासन के प्रबल प्रतीक के रूप में काम कर रहे हैं।

कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि नागपुर में डॉ. हेडगेवार द्वारा प्रारंभ की गई यह यात्रा आज विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक-सामाजिक संगठन बन चुकी है। शेखावत ने कहा कि संघ ने व्यक्ति निर्माण से समाज निर्माण और समाज निर्माण से राष्ट्र निर्माण का मंत्र देकर भारत को नई दिशा प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि “समाज के हर क्षेत्र में संघ ने कार्य किया है। प्राकृतिक आपदाओं से लेकर सामाजिक सरोकारों तक, संघ के स्वयंसेवक हमेशा अग्रिम पंक्ति में दिखाई देते हैं। अनुशासन और एकता के साथ समाज को जोड़ने का काम संघ ने निरंतर किया है।”

उल्लेखनीय है कि संघ की स्थापना साल 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में हुई थी। तब से लेकर आज तक संघ समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय रहा है और स्वयंसेवकों की सेवा भावना ने इसे विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बना दिया है।

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Bengaluru, 1 अक्टूबर (हि.स.)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तबीयत बुधवार को अचानक बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें तत्काल बेंगलुरु के एमएस रमैया अस्पताल में भर्ती कराया गया।

डॉक्टरों ने नियमित जांच के साथ ईसीजी परीक्षण किया

सूत्रों ने बताया कि खरगे को हालिया बिहार सहित दूसरी यात्राओं के कारण सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने नियमित जांच के साथ ईसीजी परीक्षण किया। खरगे आज अस्पताल में रहेंगे।

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New Delhi, 1 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम सुबह 10:30 बजे शुरू होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री राष्ट्र के प्रति आरएसएस के योगदान को रेखांकित करने वाला विशेष रूप से डिजाइन स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे। इस साल विजयदशमी से साल 2026 विजयदशमी तक आरएसएस शताब्दी वर्ष मना रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान उपस्थित लोगों को भी संबोधित करेंगे

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान उपस्थित लोगों को भी संबोधित करेंगे। डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की ओर से साल 1925 में महाराष्ट्र के नागपुर में आरएसएस की स्थापना एक स्वयंसेवक-आधारित संगठन के रूप में की गई थी। नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना इसका लक्ष्य है। शताब्दी समारोह न केवल आरएसएस की ऐतिहासिक उपलब्धियों का सम्मान करता है बल्कि भारत की सांस्कृतिक यात्रा में इसके स्थायी योगदान और राष्ट्रीय एकता के संदेश को भी प्रकट करता है। आरएसएस राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए अनूठा जन-पोषित आंदोलन है।

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