Patna, 11 सितंबर (हि.स.)। राज्य के सभी जिलों में जल्द ही एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) कार्यालय की स्थापना की जाएगी। सभी जिलों में कम से कम एक कार्यालय स्थापित करने की योजना है। वर्तमान में पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, राजगीर और पूर्णिया में एफएसएल कार्यालय या चलंत विधि विज्ञान इकाई कार्यरत हैं। इनके अतिरिक्त बचे हुए सभी जिलों में इसकी स्थापना करने के लिए पुलिस महकमा के सीआईडी विंग की तरफ से कवायद तेज कर दी गई है।

इसके साथ ही सभी कार्यालयों में कम से कम एक-एक एफएसएल मोबाइल वाहन की भी तैनाती की जाएगी। वर्तमान में ऐसे मोबाइल वाहनों की संख्या 17 है, जिनकी तैनाती पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर समेत 13 अलग-अलग जिलों में है।

अक्टूबर के बाद इन वैन की संख्या 51 हो जाएगी

सीआईडी के स्तर पर एफएसएल वैन की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। ताकि आने वाले समय में सभी जिलों में कम से कम एक मोबाइल वैन की प्रतिनियुक्ति कर दी जाए। फिलहाल 34 ऐसे वैन की खरीद की प्रक्रिया जारी है, जिसके इस वर्ष अक्टूबर तक पूरी हो जाने की संभावना है। अक्टूबर के बाद इन वैन की संख्या 51 हो जाएगी। इससे बड़े शहरों या जिन जिलों में अधिक एफआईआर होती है, वहां इनकी संख्या एक से अधिक बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा 50 ऐसे विशेष वाहनों की मांग गृह विभाग से की जाएगी। आगामी एक सप्ताह में इसकी मांग से संबंधित प्रस्ताव गृह विभाग के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।

इससे घटना स्थल पर प्रदर्श की जांच करने में काफी सहूलियत होती है

यह वैन फॉरेंसिक जांच के सभी अत्याधुनिक उपकरणों से लैस रहती है। इसमें फिंगरप्रिंट, फुटप्रिंट, नारकोटिक्स, रक्त समेत अन्य जैविक प्रदर्शों समेत अन्य को संकलित करने के लिए किट मौजूद रहते हैं। उच्च क्षमता वाला कैमरा और कृत्रिम लाइट के स्रोत भी उपलब्ध रहते हैं। इससे घटना स्थल पर प्रदर्श की जांच करने में काफी सहूलियत होती है। देश में नया कानून बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) के लागू होने के बाद जिन अपराधों के लिए 7 वर्ष या इससे अधिक की सजा निर्धारित है, उनमें मौके वारदात या घटना स्थल पर एफएसएल की टीम या वैन की मदद से जांच करना अनिवार्य होता है। बीएनएस के लागू होने के बाद इस तरह के जांच की प्रासंगिकता बढ़ गई है।

यह मांग जिला स्तर से की गई

नए कानून के लागू होने के बाद से अब तक 16 हजार 486 एफआईआर या कांडों में घटना स्थल पर एफएसएल वाहन या टीम की मांग समुचित जांच करने के लिए की गई थी। यह मांग जिला स्तर से की गई। इसमें 12 हजार से अधिक कांडों में स्पॉट पर पहुंच कर एफएसएल ने जांच की, जो कुल कांड का 73 प्रतिशत है। भविष्य में इसे बढ़ाकर सौ फीसदी करने के लिए तमाम कवायद शुरू की गई है।

इस बाबत सीआईडी के एडीजी पारसनाथ ने बातचीत में कहा कि एफएसएल का कार्यालय सभी जिलों में खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही 17 मौजूदा एफएसएल वैन के अतिरिक्त 34 नए वाहनों के खरीद की प्रक्रिया अक्टूबर तक पूरी कर ली जाएगी। 50 अतिरिक्त वाहनों की खरीद के लिए गृह विभाग को अनुरोध पत्र भेजा जा रहा है। एफएसएल को जिला स्तर पर सुदृढ़ करने की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी।

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Patna, 11 सितंबर (हि.स.)। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि दशहरा, दीपावली, छठ और होली पर दूसरे राज्यों से बिहार आने-जाने वाले यात्रियों और कामगारों की सुविधा के लिए त्योहारी सीजन में अंतर्राज्यीय बस परिचालन पर विशेष छूट देने के लिए 24 करोड़ 06 लाख 36 हजार रुपये की स्वीकृति दी है।

24 करोड़ 06 लाख 36 हजार रुपये की मंजूरी प्रदान की गई 

उपमुख्यमंत्री चौधरी ने गुरुवार काे बयान जारी कर बताया कि सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 में दुर्गापूजा, दीपावली, छठ और होली के अवसर पर लोक-निजी भागीदारी यानि पीपीपी मॉडल के तहत चलने वाली डीलक्स नन-एसी, डीलक्स एसीऔर डीलक्स स्लीपर एसी बसों के किराए में राहत दी जाएगी। इसके लिए 24 करोड़ 06 लाख 36 हजार रुपये की मंजूरी प्रदान की है।

 योजना का खर्च अनुमानित 24.06 करोड़ 

बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (बीएसआरटीसी) ने इस विशेष छूट योजना का खर्च अनुमानित 24.06 करोड़ रुपये बताया था। चूकि वर्तमान बजट मद में केवल 10 करोड़ रुपये का ही प्रावधान है, इसलिए शेष राशि बिहार आकस्मिकता निधि (बीसीएफ) से अग्रिम उपलब्ध कराई जाएगी।

सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में सार्वजनिक परिवहन का लगातार विस्तार हो रहा है। डबल इंजन वाली एनडीए सरकार बिहार और बिहार के बाहर रहने वाले लोगों की सुगम और सुरक्षित यात्रा के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में हाल ही में रेलवे ने दीपावली और छठ पर 12 हजार स्पेशल ट्रेन सेवा के संचालन का निर्णय लिया है और अब बिहार सरकार ने अंतर्राज्यीय बस परिचालन पर विशेष छूट देने के लिए 24 करोड़ 06 लाख 36 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।

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Muzaffarpur: मुजफ्फरपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में बुधवार को बड़ा हादसा हो गया। प्राथमिक विद्यालय पोखरैरा बिचला टोला में दोपहर का भोजन खाने के बाद 62 बच्चे अचानक बीमार पड़ गए। इनमें से आठ बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें एसकेएमसीएच रेफर किया गया है।

भोजन में मिली छिपकली, मचा हड़कंप

जानकारी के मुताबिक स्कूल की रसोई में बने खाने में छिपकली गिर गई थी। रसोइया को जब तक इसकी भनक लगी, तब तक कुछ बच्चे खाना खा चुके थे। इसके बाद कई बच्चों को उल्टी, पेट दर्द और चक्कर आने की शिकायत होने लगी। अफरातफरी मचते ही शिक्षकों ने तुरंत बच्चों को पास के सीएचसी अस्पताल पहुंचाया।

परीक्षा के बाद हुआ हादसा

घटना के समय स्कूल में अर्द्धवार्षिक परीक्षा चल रही थी। करीब 100 बच्चे परीक्षा देकर भोजन के लिए बैठे थे। लेकिन सब्जी खराब हो जाने के बाद भी कई बच्चे खाना खा गए और देखते ही देखते 62 की तबीयत बिगड़ गई।

24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश

घटना के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है। डीपीओ और बीईओ से पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। दोनों अधिकारियों को संयुक्त जांच कर 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है।

 

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Patna : बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। ग्रामीण कार्य विभाग के एक कार्यपालक अभियंता (Executive Engineer) के घर और ठिकानों पर टीम ने छापा मारा। अभियंता पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल करके करीब 3 करोड़ 38 लाख रुपये की अवैध संपत्ति बना ली है।

अभियंता के तीन ठिकानों पर एक साथ रेड

जानकारी के मुताबिक, EOU की टीम ने पटना और समस्तीपुर में अभियंता के तीन ठिकानों पर एक साथ रेड की। यह छापेमारी सुबह से ही डीएसपी रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में चल रही है। कार्रवाई के दौरान टीम ने कई अहम कागजात, बैंक खातों की डिटेल और संपत्ति से जुड़े सबूतों की जांच की।

EOU ने अभियंता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने और पद का दुरुपयोग करने की गंभीर शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया।

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मुख्यमंत्री ने 1433 करोड़ 77 लाख रुपये की लागत की 06 योजनाओं का किया शिलान्यास

पटना:  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना जिला अंतर्गत 1,433 करोड़ 77 लाख रुपये की लागत से कुल 06 योजनाओं का शिलान्यास बुधवार को किया।

मुख्यमंत्री ने दीदारगंज एवं बाढ़ जाकर आयोजित कार्यक्रम स्थल से विभिन्न योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया। इसके अंतर्गत 1065 करोड़ 53 लाख रुपये की लागत से राज्य उच्च पथ संख्या 106- दीदारगंज फतुहा बख्तियारपुर-करजान पथ का 4-लेन में चौड़ीकरण, 9 करोड़ 5 लाख रुपये की लागत से बाढ़ के उमानाथ मंदिर परिसर के समीप श्मशान घाट का विकास और विद्युत शवदाह गृह के निर्माण कार्य तथा 249 करोड़ 88 लाख रुपये की लागत से बख्तियारपुर-बाढ़-मोकामा पथ के 45.70 किमी. अथमलगोला से मोकामा बाटा चौक तक पथ का चौड़ीकरण कार्य शामिल है।

साथ ही 11 करोड़ 92 लाख रुपये की लागत से बख्तियारपुर में हिदायतपुर एवं मंझौली के बीच घोबा नदी पर पुल का निर्माण कार्य, 67 करोड़ 74 लाख रुपये की लागत से बाढ़ के उमानाथ मंदिर परिसर का सौंदर्गीकरण एवं नागरिक सुविधाओं का विकास कार्य तथा 29 करोड़ 65 लाख रुपये की लागत से बाढ़ वाटर ड्रेनेज का निर्माण कार्य शामिल है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि दीदारगंज से करजान तक फोरलेन पथ के चौड़ीकरण हो जाने से यातायात में सुविधा होगी। बख्तियारपुर में एलिवेटेड बाईपास तथा फतुहा में फ्लाईओवर बनने से लोगों का आवागमन और सुगम होगा।

मुख्यमंत्री बख्तियारपुर के सीढ़ी घाट भी गये और सीढ़ी घाट पर कराये जा रहे विकास कार्यों की अद्यतन जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने दीदारगंज-फतुहा बख्तियारपुर-करजान पथ के बाईपास का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने बख्तियारपुर के श्री राधे कृष्ण मंदिर एवं बाढ़ के उमानाथ मंदिर में पूजा अर्चना कर राज्य की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की।

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Patna, 8 सितंबर (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को महिलाओं के लिए 80 “पिंक” बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के साथ ही राज्य पथ परिवहन निगम की सभी 1065 बसों में ई-टिकटिंग सुविधा का शुभारंभ किया।

80 पिंक बसों का परिचालन शुरू किया गया है

मुख्यमंत्री ने अणे मार्ग स्थित अपने निवास से बसों को रवाना करने से पूर्व उनका निरीक्षण किया और उसमें उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली। इस मौके पर उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाया गया यह महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत द्वितीय चरण में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की 80 पिंक बसों का परिचालन शुरू किया गया है। इससे महिलाओं का सफर सुरक्षित और आरामदायक हाे सकेगा।

इस अवसर पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं कुमार रवि और राज्य परिवहन आयुक्त आशुतोष द्विवेदी सहित अन्य वरीष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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Patna, 8 सितंबर (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी कर दिया है। इसकी जानकारी खुद नीतीश कुमार ने सोमवार को सोशल साइट एक्स पर दी।

7,000 रूपये से बढ़ाकर 9,000 रूपये किया गया 

मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा,” राज्य में बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण एवं जीवन स्तर में सुधार करने में आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उनकी इसी भूमिका का सम्मान करते हुये हमलोगों ने उनके मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। अब आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय 7,000 रूपये से बढ़ाकर 9,000 रूपये तथा आंगनबाड़ी सहायिका का मानदेय 4,000 रूपये बढ़ाकर 4,500 रूपये करने के लिए विभाग को निदेशित किया गया है।”

सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं का मनोबल बढ़ेगा: मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवम्बर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही हमलोगों ने गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के पोषण तथा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिये बड़े पैमाने पर काम किया है तथा इसके लिये ‘समेकित बाल विकास परियोजना’ के माध्यम से छह (06) प्रकार की सेवायें प्रदान की जा रही हैं। इन सेवाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से लाभुकों को उपलब्ध कराने में आंगनबाड़ी सेविकाएं एवं सहायिकाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं के अहम योगदान को देखते हुये उनकी मानदेय राशि में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। इससे सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं का मनोबल बढ़ेगा तथा समेकित बाल विकास सेवायें और बेहतर होंगी।

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Patna, 7 सितंबर (हि.स.)। बिहार में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के तहत एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया। इस पोर्टल के जरिए अब राज्य की महिलाएं सीधे रोजगार के लिए आवेदन कर सकेंगी और योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगी।

महिलाओं को मिलेंगे दस हजार

पटना में अपने आवास पर स्थित ‘संकल्प’ सभागार में आयोजित इस लांचिंग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, अन्य कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

इस मौके पर रोजगार प्रचार वाहनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो राज्यभर में इस योजना के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाएंगे।

इस योजना के तहत महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए शुरुआत में 10,000 (दस हजार) रुपये सीधे उनके बैंक खातों में दी जाएगी। इसके बाद यदि लाभार्थी महिला 6 महीने तक सक्रिय रूप से अपने व्यवसाय में लगी रहती है और योजना के मापदंडों पर खरी उतरती है, तो उसे अतिरिक्त 2 लाख रुपये तक की राशि की सहायता मिलेगी।

यह कार्यक्रम बिहार सरकार के विकासोन्मुखी एजेंडे का हिस्सा है

राज्य सरकार का कहना है कि यह योजना केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास है। खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए यह योजना नई संभावनाओं का द्वार खोल रही है। यह कार्यक्रम बिहार सरकार के विकासोन्मुखी एजेंडे का हिस्सा है, जिसे चुनावी वर्ष 2025 को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दी थी। योजना को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लागू किया जा रहा है। 

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पटना, 06 सितम्बर (हि.स.)। मोक्ष की भूमि बिहार के गयाजी में पितरों के मुक्ति का 17 दिनों तक चलने वाले मेले का शनिवार को प्रभारी मंत्री सुनील कुमार सहित अन्य मंत्रियों ने उद्धाटन किया। गयाजी में छह (06) से इक्कीस (21) सितंबर तक इस मेले का आयोजन होगा।

बिहार के गयाजी में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला-2025 का शुभारंभ आज वैदिक मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। बिहार सरकार के प्रभारी मंत्री ने मेला का उद्घाटन किया। मेला उद्घाटन के अवसर पर प्रभारी मंत्री सुनील कुमार, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी, पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह, गया के विधायक मंजू अग्रवाल, मेयर गणेश पासवान, जिला परिषद अध्यक्ष नैना कुमारी सहित प्रशासनिक अधिकारी एवं गणमान्य मौजूद रहे।

विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला के लिए गयाजी में 324 सेक्टर अधिकारियों की तैनाती की गयी है। विदेशों से भी आने वाले श्रद्धालुओं पर प्रशासन की नजर रहेगी। पिंडदानियों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए विष्षुपद मंदिर के पास पुलिस कंट्रोल रूम भी खोल दिया गया है। सुबह तीन बजे से रात 11 बजे तक गयाजी शहर के किसी भी रूट पर ट्रक और बस जैसे बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है।

दरअसल, मोक्ष का यह महापर्व 17 दिनों तक चलेगा। इस दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु गयाजी आएंगे। भगवान विष्णु की पावन नगरी गयाजी में आश्विन महीने में प्राचीन काल से ही यह मेला लगता आया है।

पौराणिक मान्यता है कि यहां पिंडदान, श्राद्धकर्म और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष मिल जाता है। वर्तमान में यहां 54 वेदी स्थल हैं। जहां लाखों की संख्या में आए श्रद्धालु अपने पितरों के उद्धार के लिए अनुष्ठान करते हैं।

गयाजी में पितृपक्ष मेला के लिए जिला प्रशासन ने 64 सरकारी जगहों पर श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की है। गांधी मैदान में 2500 लोगों के लिए टेंट सिटी बनायी गयी है। इसके अलावा 132 होटल, गेस्ट हाउस और 527 पंडा के निजी भवनों को तैयार किया गया है। यहां शुल्क देकर श्रद्धालु ठहर सकते हैं। 76 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के ठहरने का इंतजाम प्रशासन ने किया है।

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Patna: बिहार की महिलाओं के लिए खुशखबरी है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत 7 सितंबर को की जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस दिन योजना की गाइडलाइन जारी करेंगे और उसी वक्त से आवेदन लेने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।

शहरी इलाकों की महिलाओं के लिए सरकार ने खास इंतजाम किया है। इसके लिए वेब पोर्टल लॉन्च किया जाएगा, जहां ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। वहीं, गांव की महिलाओं के लिए ऑफलाइन आवेदन करने की सुविधा दी गई है, ताकि हर महिला तक योजना का लाभ आसानी से पहुंच सके।

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने शुक्रवार को प्रेस नोट जारी कर इसकी जानकारी दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी मौजूद रहेंगे।

हर परिवार से एक महिला को रोजगार की राह पर आगे बढ़ाना। सरकार का कहना है कि जब घर की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, तो परिवार और समाज दोनों तरक्की करेंगे। योजना के तहत इस महीने ही पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपये सीधे महिलाओं के बैंक खाते में भेजे जाएंगे।

यही नहीं, रोजगार से जुड़ने वाली महिलाओं को आगे चलकर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी मिल सकती है। छह महीने बाद सरकार इसकी प्रगति की समीक्षा करेगी।

 

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पटना 05 सितम्बर (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पटना जिला के पालीगंज प्रखण्ड के सिकरिया ग्राम में कार्यकर्ताओं के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया और बिहार में किए गए और करवाए जा रहे विकास कार्यों के बारे में विस्तार से बताया।

संवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले राज्य का बहुत बुरा हाल था। जब 24 नवंबर, 2005 को प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनी थी, तबसे हम लोग बिहार के विकास में लगे हुये हैं, आज राज्य में कानून का राज है। सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरू से ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया गया है। राज्य में बड़े पैमाने पर सड़कों, पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है। सात निश्चय के तहत हर घर तक बिजली, हर घर नल का जल, हर घर शौचालय तथा टोलों को पक्की सड़कों से जोड़ने का काम पूरा हो गया है। वर्ष 2020 में युवाओं को 10 लाख सरकारी नौकरी एवं 10 लाख रोजगार देना तय किया गया। वर्तमान तक युवाओं को 10 लाख नौकरी एवं 39 लाख रोजगार दे दिया गया है। चुनाव से पहले ही 50 लाख से अधिक नौकरी एवं रोजगार दे दिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि अब तय गया किया है कि अगले 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी/ रोजगार दिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि बिहार का बजट लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2005-06 में नयी सरकार बनने के समय राज्य का बजट मात्र 28 हजार करोड़ रुपये था, जिसे वर्ष 2006-07 में बढ़ाकर 34 हजार करोड़ रुपये किया गया और यह लगातार बढ़ते-बढ़ते अब 3 लाख 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के विकास में केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। जुलाई, 2024 के बजट में बिहार को विशेष आर्थिक सहायता के रूप में सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य, पर्यटन, बाढ़ नियंत्रण के लिए बड़ी राशि देने की घोषणा की गयी। फरवरी, 2025 के बजट में बिहार में मखाना बोर्ड, एयरपोर्ट की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर के लिए वित्तीय सहायता आदि की घोषणा की गयी है। केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 से देश के कुछ राज्यों में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पटना जिले में विकास के कई महत्वपूर्ण काम कराये गये हैं। पटना में राष्ट्रीय स्तर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) एवं राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जैसे अनेक संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों की स्थापना की गयी है। पटना में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को विकसित किया गया है। कई अस्पतालों को सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है। पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल को 5 हजार 462 बेड की क्षमता वाले आधुनिक विश्वस्तरीय अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) को 3 हजार तथा नालन्दा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एनएमसीएच) को 2500 बेड के अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। पटना जिले में जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास, 3 अनुसूचित जाति आवासीय उच्च विद्यालय तथा दो अन्य पिछड़ा वर्ग आवासीय उच्च विद्यालय का निर्माण कराया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 के दिसम्बर एवं 2025 के जनवरी-फरवरी माह में मैंने प्रगति यात्रा के दौरान पटना जिला के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जाकर विकास कार्यों को देखा और जो कमी रही उसे पूरा करने के लिए 32 योजनाओं की स्वीकृति दी, जिसमें पालीगंज क्षेत्र के लिए पालीगंज के उलार सूर्य मंदिर में पर्यटक सुविधाओं का विकास, पुनपुन नदी पर समदा गांव एवं गुलरिया बिगहा के बीच पुल का निर्माण तथा पालीगंज में नये प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवन का निर्माण शामिल है।

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Bihar: बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक राज्य विधानसभा चुनाव का ऐलान अगले महीने यानी अक्टूबर, 2025 में किया जाएगा। चर्चा है कि अक्टूबर के दूसरे हफ्ते तक तारीखों का खुलासा हो सकता है।

नवंबर में हो सकता है बिहार विधानसभा चुनाव

माना जा रहा है कि नवंबर में दो या तीन चरणों में मतदान कराया जाएगा। वहीं, मतगणना की प्रक्रिया 15 से 20 नवंबर के बीच पूरी हो सकती है। चुनाव आयोग की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं। एसआईआर की प्रक्रिया के बाद वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी हो चुका है और सितंबर के अंत तक अंतिम मतदाता सूची भी प्रकाशित कर दी जाएगी।

चुनाव कार्यक्रम को लेकर संकेत मिल रहे हैं कि पूरी प्रक्रिया 22 नवंबर से पहले निपटा ली जाएगी। संभावना है कि दुर्गा पूजा और दशहरा खत्म होने के बाद चुनाव की घोषणा होगी, जबकि मतदान की तारीखें छठ पूजा के बाद रखी जाएंगी।

अगले कुछ हफ्तों में आधिकारिक एलान सामने आ सकता

राजनीतिक दल भी पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं। एक ओर एनडीए लगातार सम्मेलन और बैठकों के जरिए कार्यकर्ताओं को तैयार कर रहा है, तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकालकर जनता से सीधा जुड़ने की कोशिश की है। हाल ही में 3 सितंबर को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री ने बिहार बीजेपी नेताओं के साथ रणनीतिक बैठक भी की।

यानि अब बिहार की सियासत में चुनावी बिगुल बजने ही वाला है और अगले कुछ हफ्तों में आधिकारिक एलान सामने आ सकता है।

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