Chhapra: शहर में भारी बारिश के बाद उत्पन्न जलजमाव की स्थिति से अब महाविद्यालय भी पीछे नहीं है. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के प्रीमियर कॉलेज राजेंद्र महाविद्यालय परिसर में भारी जलजमाव के कारण महाविद्यालय प्रशासन ने इसे तत्कात प्रभाव से बंद रखने का निर्णय लिया है.

महाविद्यालय के परिसर में 4 से 5 फीट पानी भर चुका है. जिससे आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस विषम परिस्थिति में महाविद्यालय को 30 सितंबर 2020 तक तत्काल प्रभाव से बंद किया गया है.

प्राचार्य के आदेश से महाविद्यालय के द्वारा आदेश में कहा गया है कि इस दौरान इंटरमीडिएट पंजीयन हेतु BCA भवन में स्पेशल काउंटर पर कार्य संपादित होगा तथा शिक्षिकेत्तर कर्मचारी छात्रों से फॉर्म जमा लेंगे, जिन्हें बाद में अपडेट कर दिया जाएगा.

Chhapra: शहर में बीती शाम से देर रात तक हुई बारिश ने आम से खास सबको पानी पानी कर दिया है. नगर निगम, जिला परिषद, नगर थाना, अभियंता जिला परिषद, डीडीसी आवास यहां तक कि जज कॉलोनी में भी जलजमाव की स्थिति है.जब ख़ास लोगों के कार्यालय से लेकर ऑफिस तक जलजमाव है तो आएम जनता कैसे अपनी जिंदगी के लिए जूझ रही है आप अन्दाजा लगा सकते है.

गरीबो के लिए बुधवार की रात कयामत की रात

बुधवार को शाम करीब 6 बजे से प्रारंभ हुई बारिश देर रात 2 बजे तक बरसी है. कभी कम कभी ज़्यादा ऊपर से आकाशीय बिजली की आवाज़ गरीब ने अपने सीने पर ही हाथ रख रात गुजारी है. सड़कों के किनारे रहने और अपना जीवन गुजार बसर करने वाले लोगों के लिए बुधवार की रात कयामत की रात थी.

डीएम, एसपी आवास से लेकर जज आवास की सड़क पर था एक फिट जलजमाव

रात के 10 बजे शहर के दरोगा राय चौक से लेकर, सदर अस्पताल, जिला अधिकारी आवास, पुलिस अधीक्षक आवास, डीडीसी आवास, जिला परिषद अध्यक्ष आवास, नगर थाना, समाहरणालय, नगरपालिका चौक, जोगिनिया कोठी सड़क हर तरफ सड़कों पर एक फिट से ज्यादा पानी था.सदर अस्पताल में घुटना तक पानी

गुरुवार की सुबह कई आवासों, मुख्य सडकों से पानी निकल चुका है. लेकिन इसके बावजूद भी नगर निगम, जिला परिषद आवास, डीडीसी आवास, नगर थाना, दरोगा राय चौक के साथ मुख्य रूप से छपरा सदर अस्पताल में घुटने तक पानी है. मरीज और उनके परिजन अपनी जान बचाने के लिए उसी घुटने तक पानी मे आने जाने को विवश है.

जलजमाव से सदर अस्पताल में संक्रमण का ख़तरा

सबसे ज्यादा विकट परिस्थिति सदर अस्पताल की है. जहां मुख्य द्वार के साथ परिसर में घुटने तक पानी है. इमरजेंसी वार्ड के सामने लबालब पानी मे ही मरीज आ रहे है. वही बगल के सुलभ शौचालय का पानी, मलमूत्र जलजमाव में घुलमिल गया है और परिसर में फैला है.सुबह सुबह ही जज कॉलोनी से पंप के सहारे निकला पानी

जज कॉलोनी से सुबह सुबह जलजमाव को हटाने के लिए पंप चलाया गया. लेकिन अस्पताल से जलजमाव को हटाने के लिए प्रशासन चिर निद्रा में सोई रही. 10 बजे तक ना अस्पताल के सफाई कर्मचारी थे ना नगर निगम के कर्मी जिससे कि जलजमाव हटाया जा सके पंप तो दूर की बात है.

बहरहाल चुनावी वर्ष में सड़कों पर जनता का सेवक बनने का दम भर रहे भावी जनप्रतिनिधि इस विपदा में नदारद है. 

 

Chhapra: यातायात व्यवस्था को लेकर सारण पुलिस द्वारा किया जा रहा प्रयास अबतक कारगर साबित नही हो सका है. वन वे ट्रैफिक, चौक चौराहों पर पुलिस बलों की तैनाती, चौड़ी सड़कें होने के बावजूद आख़िरकार इस शहर को सड़क जाम से निजात नही मिल रही.

रविवार के बाद सोमवार को दिन चढ़ने के साथ ही शहर का मुख्य बाजार जाम से जूझता रहा. वन वे ट्रैफिक नियम वाली सड़कों से आई तस्वीर अपनी आपबीती खुद बयान कर रही थी.

नगरपालिका चौक से लेकर मौना चौक होते हुए गांधी चौक तक वन वे होने के बावजूद दोनों तरफ से वाहनों की कतार लगी थी. जाम इतना ज्यादा था कि इस सड़क पर पैदल चलना भी दूभर था. सड़कों के किनारे बाइक और चारपहिया वाहनों का अतिक्रमण इसकी प्रमुख वजह थी. साथ ही साथ वन वे ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर चलने वाले लोग हो इस जाम की समस्या को उत्पन्न कर खुद ही उसमें फंसे रहे. लेकिन इसके बावजूद सबसे ज्यादा दोष उनका कहा जा सकता है जो इस व्यवस्था को सुचारू करने के लिए सभी चौक पर खड़े थे.

आमजनता जाम से जूझ रही थी और वह सड़क किनारे अपनी ड्यूटी बजा रहे थे. वन वे ट्रैफिक में वाहनों का उल्टी दिशा से आखित कैसे आयी, बिना पार्किंग सड़कों पर गाड़िया क्यों खड़ी रही, यातायात व्यस्था को सुचारू रखने के साथ साथ इनसब कार्यो पर नज़र रखना भी उनकी जवाबदेही है.

शहर की सड़कों का हाल प्रतिदिन लगभग एक जैसा ही है. दिन चढ़ने के साथ शहर में भीड़ बढ़ती है, जिससे गाड़ियों की संख्या बढ़ती है इस बीच गाड़ियों को खड़ा करने के साथ एकदूसरे से आगे निकलने की होड़ में जाम लग जाता है जो धीरे धीरे बढ़ जाता है. हालांकि शाम होने के साथ यह जाम खुद ही समाप्त हो जाता है. लोग इससे जूझते हुए खुद ही रास्ता बनाकर आगे निकलते जाते है. लेकिन विधि व्यस्था वाले मूकदर्शक की तरह अपनी ड्यूटी बजाते है. कुछेक प्रयास भी करते है लेकिन इस समस्या को दूर करने के उपाय नदारद है. कमोबेश यह स्थिति पूरे शहर की है.

Mashrkah: स्थानीय थाना क्षेत्र के खजुरी वार्ड-13 मे वर्षों से चल रहे जमीनी विवाद में वृद्ध की हत्या कर पोखरे में फेकने का मामला प्रकाश में आया है. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार वर्मा ने जानकारी लेने के बाद शव को अपने कब्जे में ले लिया. उधर इस घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. मृतक की पहचान खजुरी गांव निवासी स्व. ठाकुर महतो के 65 वर्षीय पुत्र पीटर महतो के रूप में की गई है.

घटना को लेकर परिजनों का कहना है कि पड़ोसी द्वारा वर्षों से जमीनी विवाद को लेकर जान से मार देने की धमकी दी जाती रही है. सोमवार की शाम से ही दरवाजे से चॅवर की तरफ मवेशी लाने गये थे. उसके बाद घर नही लौटने पर मोबाईल पर फोन किया गया पर मोबाईल स्वीच ऑफ बता रहा था. परिजनों द्वारा खोजबीन शुरू की गई तो नही मिले. गनौली चॅवर के पोखरे में मंगलवार की सुबह पोखरे में किनारे शव बरामद किया गया.

घटना की सूचना थाना पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार वर्मा ने जमादार श्याम बिहारी पांडेय सहित पुलिस बल के साथ पहुंच शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल छपरा भेज दिया.

मामले में मृतक के परिजनों ने थाना पुलिस में मृतक के पुत्र लगन महतो ने आवेदन दिया जिसमें लालबादशाह महतो, भूखर महतो समेत एक दर्जन लोगों को हत्या के लिए आरोपित किया है. थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दिया.

Isuapur: प्रखंड प्रमुख सरोज कुमारी के कार्यो से असंतुष्ट दिखे पंचायत समिति सदस्यों ने आवेदन देकर प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है. प्रखंड के कुल 19 पंचायत समिति सदस्यों में से 9 सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर से आवेदन प्रमुख सरोज कुमारी और बीडीओ नीलिमा सहाय को दिया है.

दिए गए आवेदन में सदस्यों ने कहा है कि प्रखंड प्रमुख अपने कर्तव्यों के निष्पादन में उदासीनता बरत रही है. अपने दो वर्षों के कार्यकाल में पंचायत समिति सदस्यों की बैठक 2 बार आयोजित की गई. इसके अलावे बिना बैठक मनमाने ढंग से विकास कार्यो की सूची बनाकर उसे पास कराने और क्रियान्वित करने का आरोप समिति सदस्यों ने लगाया है. प्रखंड के 9 पंचायत समिति सदस्यों ने विशेष बैठक बुलाने की मांग की है.

बताते चले कि विगत 27 अगस्त 2018 को सरोज कुमारी को प्रखंड प्रमुख के लिए चुना गया था. इसके पूर्व मितेन्द्र प्रसाद यादव प्रखंड प्रमुख रह चुके है.