Breaking News

शर्मिष्ठा पानोली को हिरासत में बलात्कार की धमकी, एनएचआरसी ने बंगाल सरकार से मांगी रिपोर्ट

CT DESK
3 Min Read

कोलकाता: ऑपरेशन सिंदूर पर सोशल मीडिया में की गई विवादास्पद टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तार लॉ छात्रा शर्मिष्ठा पानोली को हिरासत में बलात्कार और जान से मारने की धमकी मिलने से कोलकाता पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। खास बात यह है कि शर्मिष्ठा पानोली सोशल मीडिया पोस्ट को डिलीट करने के साथ माफी मांग चुकी है। बावजूद इसके उसे गिरफ्तार किया गया पर उसे धमकी देने वालों के खिलाफ पुलिस ने कुछ नहीं किया। इस पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है।

कोलकाता निवासी शर्मिष्ठा पानोली पुणे के एक लॉ कॉलेज की छात्रा है। उसे पिछले शुक्रवार को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर टिप्पणी के दौरान एक समुदाय विशेष के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक बातें कहने के आरोप में कोलकाता के गार्डेन रीच थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। अलीपुर कोर्ट ने पानोली को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।

लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी नामक संस्था ने एनएचआरसी से शिकायत की है कि शर्मिष्ठा को हिरासत के दौरान जान से मारने और बलात्कार की धमकियां मिल रही हैं। साथ ही उसे गुरुग्राम से गिरफ्तार करने के दौरान उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। एनएचआरसी के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा, “शिकायत में कहा गया है कि गिरफ्तारी और ट्रांजिट प्रक्रिया में कानूनी नियमों का पालन नहीं हुआ। साथ ही यह भी बताया गया कि हिरासत में रहते हुए उन्हें कट्टरपंथियों से बलात्कार और हत्या की धमकियां मिल रही हैं।”

एनएचआरसी ने पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शर्मिष्ठा की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही हरियाणा सरकार से भी पूछा गया है कि गिरफ्तारी के समय क्या सभी कानूनी प्रोटोकॉल का पालन किया गया या नहीं। पानोली की गिरफ्तारी के खिलाफ बार काउंसिल ऑफ इंडिया और बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने 01 जून को जारी बयान में कहा, “मैं शर्मिष्ठा पानोली के साथ खड़ा हूं, जिनकी अब डिलीट हो चुकी सोशल मीडिया पोस्ट पर तुरंत माफी मांगने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। यह न्याय का अपमान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।” बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने भी जारी बयान में कहा, “कोलकाता पुलिस ने जिस तरह से शर्मिष्ठा को गिरफ्तार किया, वह अत्यधिक, चयनात्मक और राजनीतिक रूप से प्रेरित कार्रवाई है। यह पश्चिम बंगाल सरकार के इशारे पर की गई कार्रवाई प्रतीत होती है।”

हमारे सोशल मीडिया अकाउंट को फॉलो करें -

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *