यात्रा प्रशासन के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता बनी हुई है अमरनाथ यात्रा की तैयारियों पर, सीएमओ रामबन

श्रीनगर : रामबन जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कमल जी जाडू ने 3 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा की तैयारियों के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि यात्रा प्रशासन के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता बनी हुई है। सीएमओ ने पुष्टि की कि रामबन में अमरनाथ यात्रा के रास्ते में 17 चिकित्सा शिविर स्थापित किए जाएंगे जिनमें उन अस्पतालों के समान एक मिनी अस्पताल होगा जो चिकित्सा और नैदानिक सुविधाएं प्रदान करेंगे। अमरनाथ यात्रा हमेशा से हमारी प्राथमिकता रही है। हमारे पास 17 चिकित्सा शिविर होंगे रामबन जिले में अमरनाथ यात्रा के रास्ते में हमारे पास उन अस्पतालों के समान एक मिनी अस्पताल भी होगा जो बिस्तर और नैदानिक सुविधाएं प्रदान करेगा । इसके अलावा रामबन सीएमओ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मिनी अस्पताल हृदय निगरानी प्रणालियों से सुसज्जित होगा। मोबाइल मेडिकल टीम द्वारा समर्थित, भक्तों के लिए एम्बुलेंस सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।

उन्होंने कहा कि हमारे पास हृदय निगरानी प्रणाली भी होगी३ यात्रा के दौरान मोबाइल टीम के साथ एम्बुलेंस सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी यह एक नई पहल है जिसे हम इस वर्ष की यात्रा के दौरान कर रहे हैं उन्होंने कहा। 28 जून को पुलिस महानिदेशक जम्मू और कश्मीर, नलिन प्रभात ने 1 जुलाई से 9 अगस्त तक होने वाली आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए उधमपुर में एक संयुक्त सुरक्षा समीक्षा बैठक की एक विज्ञप्ति में कहा गया।

बैठक तैयारियों की जांच करने और शामिल सभी एजेंसियों के बीच समन्वय को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई थी। इसमें उधमपुर-रिसाई रेंज की उप महानिरीक्षक (डीआईजी), सारा ने भाग लिया। रिजवी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) उधमपुर अमोद नागपुरे, अतिरिक्त एसपी उधमपुर, जिला पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और यातायात पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी।

इस बीच जम्मू संभागीय आयुक्त रमेश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा 2 जुलाई को जम्मू बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाएंगे।

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‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल को बताया लोकतंत्र की हत्या, संविधान रक्षकों को किया नमन

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आपातकाल की 50वीं बरसी पर उसके काले अध्याय को याद किया और कहा कि यह सिर्फ संविधान की हत्या नहीं थी, बल्कि न्यायपालिका को भी गुलाम बनाने का प्रयास था। उन्होंने उन हजारों लोगों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने अत्याचारों का सामना करते हुए लोकतंत्र की रक्षा की।

मोदी ने कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया। जॉर्ज फर्नांडिस को जंजीरों में बांधा गया, छात्रों को परेशान किया गया और मीसा कानून के तहत बिना कारण लोगों को जेलों में डाला गया। अभिव्यक्ति की आज़ादी पूरी तरह कुचल दी गई थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं कि वह दौर कैसा था। आपातकाल लगाने वालों ने ना सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी गुलाम बनाए रखने का था। इस दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया था। इसके ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई, बाबू जगजीवन राम और अटल बिहारी वाजपेयी के पुराने ऑडियो भी साझा किए, जिनमें उन्होंने उस दौर की भयावहता को स्पष्ट किया।

उन्होंने कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस साहब को जंजीरों में बांधा गया था। अनेक लोगों को कठोर यातनाएं दी गई। मीसा के तहत किसी को भी ऐसे ही गिरफ्तार कर लिया जाता था। छात्रों को भी परेशान किया गया। अभिव्यक्ति की आजादी का भी गला घोंट दिया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उस दौर में जो हजारों लोग गिरफ्तार किए गए उन पर ऐसे ही अमानवीय अत्याचार हुए लेकिन यह भारत की जनता का सामर्थ्य है कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं किया। आखिरकार, जनता-जनार्दन की जीत हुई-आपातकाल हटा लिया गया और आपातकाल थोपने वाले हार गए। मोदी ने कहा, “यह भारत की जनता का सामर्थ्य था कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं किया।”

25 जून को लागू किए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार द्वारा इसे “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाया गया। मोदी ने कहा कि देश पर आपातकाल थोपे जाने के 50 वर्ष कुछ दिन पहले ही पूरे हुए हैं। हम देशवासियों ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाया है। हमें हमेशा उन सभी लोगों को याद करना चाहिए, जिन्होंने आपातकाल का डट कर मुकाबला किया था। इससे हमें अपने संविधान को सशक्त बनाए रखने के लिए निरंतर सजग रहने की प्रेरणा मिलती है।

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नई दिल्ली, 27 जून (हि.स.)। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 27 जून को देशभर में अगले सात दिनों तक देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक वर्षा, गरज-चमक और तेज हवाओं की संभावना जताई है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, गंगा के मैदानी इलाकों में स्थित पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडिशा में अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा, गरज-चमक और 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।

पूर्वोत्तर भारत में भी अगले सात दिनों तक अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ बिजली गिरने और आंधी की आशंका है। कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। विशेष रूप से 1 जुलाई को अरुणाचल प्रदेश और 27 जून व 2 जुलाई को नागालैंड में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।

दक्षिण भारत की बात करें तो 27 और 28 जून को तमिलनाडु में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। तटीय कर्नाटक में 27 जून से 3 जुलाई तक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में 27 और 3 जुलाई को भारी वर्षा के आसार हैं। इसके अलावा 27 जून को तेलंगाना, 29 जून और 3 जुलाई को केरल में भी बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इस दौरान इन राज्यों में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलने की संभावना है।

केरल और माहे, लक्षद्वीप और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश होती रहेगी। साथ ही तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और आंतरिक कर्नाटक में गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं।

मछुआरों के लिए आईएमडी ने विशेष चेतावनी जारी की है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के कई क्षेत्रों में तेज हवाओं और ऊंची लहरों की वजह से 27 जून से 2 जुलाई तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। गुजरात, कोंकण, गोवा, कर्नाटक, केरल, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों सहित लक्षद्वीप, अंडमान सागर और मन्नार की खाड़ी में मछली पकड़ने की गतिविधियों को पूरी तरह स्थगित करने का सुझाव दिया गया है।

मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा अब राजस्थान के जैसलमेर, बीकानेर, झुंझुनू होते हुए हरियाणा के सोनीपत और उत्तर प्रदेश के रामपुर तक पहुंच चुकी है। अगले दो-तीन दिनों में देश के बाकी हिस्सों में भी मानसून के फैलने की स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। 27 जून को सौराष्ट्र और कच्छ के कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी वर्षा (20 सेमी से अधिक) की संभावना है। अगले सात दिनों में गुजरात, कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र के घाटी क्षेत्रों में भी भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है।

उत्तर-पश्चिम भारत में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वी राजस्थान में 27 जून से 3 जुलाई के बीच कई स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में भी 27 से 29 जून तक वर्षा हो सकती है। उत्तर प्रदेश में 28 जून से 3 जुलाई तक अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने का अनुमान है। 29 जून को पंजाब और हरियाणा, जबकि 30 जून से 1 जुलाई के बीच उत्तराखंड में भारी वर्षा हो सकती है। इस दौरान बिजली गिरने और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।

पूर्व और मध्य भारत के राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भी 27 जून से 3 जुलाई तक भारी वर्षा का अनुमान है। विदर्भ में 27 और 30 जून से 2 जुलाई तक, अंडमान-निकोबार में 28 जून को और मध्य प्रदेश में 1 से 3 जुलाई के दौरान बहुत भारी वर्षा की आशंका है। इसके अलावा छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के कुछ हिस्सों में भी इस अवधि में भारी वर्षा हो सकती है।

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राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया खंडन, दो-पहिया वाहनों पर टोल टैक्स लगाए जाने की खबर भ्रामक

दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उन खबरों का स्पष्ट खंडन किया है, जिनमें दावा किया जा रहा था कि 15 जुलाई से दोपहिया वाहनों से टोल टैक्स वसूला जाएगा। गडकरी ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट जारी कर कहा कि इस तरह का कोई निर्णय प्रस्तावित नहीं है।

उन्होंने साफतौर पर लिखा कि, “कुछ मीडिया हाऊसेस द्वारा दो-पहिया (Two wheeler) वाहनों पर टोल टैक्स लगाए जाने की भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है। ऐसा कोई निर्णय प्रस्तावित नहीं हैं। दो-पहिया वाहन के टोल पर पूरी तरह से छूट जारी रहेगी। बिना सच्चाई जाने भ्रामक खबरें फैलाकर सनसनी निर्माण करना स्वस्थ पत्रकारिता के लक्षण नहीं है। मैं इसकी निंदा करता हूं”।

गडकरी के इस बयान के बाद स्पष्ट हो गया है कि दोपहिया वाहन चालकों को फिलहाल किसी भी प्रकार का टोल भुगतान नहीं करना होगा। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, जब कोई व्यक्ति दोपहिया वाहन खरीदता है, तभी उससे टोल टैक्स का भुगतान एकमुश्त वसूल लिया जाता है। यही कारण है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर दोपहिया वाहनों से टोल नहीं लिया जाता, जबकि चार पहिया या उससे बड़े वाहनों से टोल वसूली की जाती है।

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New Delhi , 26 जून (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित राजभाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि भारतीय भाषाएं भारत को जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम बनेंगी।

“हमें किसी भी भाषा या विदेशी भाषा से विरोध नहीं है, लेकिन  अपनी भाषा का सम्मान का होना चाहिए”

शाह ने कहा कि आने वाले समय में केंद्र और राज्यों के प्रशासन में भारतीय भाषाओं का उपयोग और भी बढ़ेगा। वह इसके लिए राज्यों से संपर्क करेंगे और उन्हें समझाने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर शाह ने राजभाषा हिन्दी और सभी भारतीय भाषाओं के प्रेमियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “हमें किसी भी भाषा या विदेशी भाषा से विरोध नहीं है, लेकिन आग्रह अपनी भाषा के सम्मान और उपयोग का होना चाहिए। जब तक हम अपनी भाषा में सोचेंगे और गर्व से बोलेंगे नहीं, तब तक गुलामी की मानसिकता से मुक्ति संभव नहीं है।”

सरकारी प्रशासन आम नागरिकों की भाषा में हो: अमित शाह

राजभाषा विभाग की 1975 से 2025 तक की यात्रा का उल्लेख कर शाह ने कहा कि भारत की आजादी की शताब्दी (2047) तक देश के आत्मगौरव से जुड़े हर प्रयास में राजभाषा विभाग का योगदान स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकारी प्रशासन आम नागरिकों की भाषा में हो, यह लोकतंत्र और आत्मसम्मान दोनों के लिए जरूरी है।

अब जेईई, नीट और सीयूईटी जैसी परीक्षाएं 13 भारतीय भाषाओं में कराई जा रही हैं

शाह ने बताया कि अब जेईई, नीट और सीयूईटी जैसी परीक्षाएं 13 भारतीय भाषाओं में कराई जा रही हैं। सीएपीएफ कांस्टेबल भर्ती परीक्षा भी अब 13 भाषाओं में हो रही है और 95 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी मातृभाषा में परीक्षा दी है। यह दिखाता है कि भारतीय भाषाओं का भविष्य उज्ज्वल है।

हिंदी सभी भाषाओं की मित्र है: अमित शाह

गृह मंत्री ने कहा कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं है। हिंदी सभी भाषाओं की मित्र है और सब भाषाएं मिलकर ही भारत के स्वाभिमान को ऊंचा उठा सकती हैं। उन्होंने कहा कि पहले भाषाओं का इस्तेमाल देश को बांटने के लिए किया गया, लेकिन अब उन्हें भारत को जोड़ने का जरिया बनाया जाएगा।

समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार, सांसद भर्तृहरि महताब, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी और हिंदी भाषा की वरिष्ठ विद्वान डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन समेत कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं।

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New Delhi , 26 जून (हि.स.)।​ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने​ चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के विरुद्ध​ एकजुट होने का आह्वान किया​ है।​ उन्होंने एससीओ​ देशों के सामने पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में शुरू किये गए ऑपरेशन ​’सिंदूर​’ की जानकारी देकर पाकिस्तान के आतंकवाद को बेनकाब किया।​ उन्होंने भारत की नीति ​स्पष्ट करते हुए कहा कि क्षेत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित हैं तथा बढ़ती कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद इन समस्याओं का मूल कारण हैं।

चीन की मेजबानी में इस बार एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक किंगदाओ में हो​ रही है

चीन की मेजबानी में इस बार एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक किंगदाओ में हो​ रही है।​ उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व​ करने के लिए राजनाथ सिंह​ गए हैं। सदस्य देशों के​ रक्षा मंत्रियों, एससीओ महासचिव, एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक ढांचे (आरएटीएस) के निदेशक और अन्य प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने​ कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति के रूप में इस्तेमाल कर​के आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए और एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।

आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के जवाब में आतंकवाद से बचाव और सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए ऑपरेशन ​’सिंदूर​’ शुरू किया। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के दौरान पीड़ितों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर गोली मार दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र ​से घोषित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ खुद का बचाव करना हमारा अधिकार है। हमने दिखाया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे।

रक्षा मंत्री ने युवाओं में कट्टरपंथ ​का प्रसार रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आह्वान किया

राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के हर कृत्य को आपराधिक और अनुचित करार दिया। उन्होंने कहा कि एससीओ सदस्यों को इस बुराई की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने की भारत की प्रतिबद्धता ​जताई।​ रक्षा मंत्री ने युवाओं में कट्टरपंथ ​का प्रसार रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आह्वान किया। राजनाथ सिंह ने सीमा पार से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन सहित इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक का मुकाबला करने की आवश्यकता ​पर जोर दिया। मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में एससीओ की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने मध्य एशिया के साथ संपर्क बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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Jammu Kashmir:र, 26 जून (हि.स.)। जम्मू संभाग के उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके में गुरुवार सुबह सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो रही है। दोनों ओर से भारी गोलीबारी जारी है। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध गतिविधि के बारे में विशेष इनपुट मिलने के बाद कड़ी घेराबंदी की गई थी। अधिकारी ने बताया कि तलाशी के दौरान सुरक्षाबलों पर गोलीबारी हुई, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी गोलीबारी की है। दोनों ओर से फिलहाल भारी गोलीबारी जारी है। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है तथा और अतिरिक्त बल भेजा गया है।

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नई दिल्ली, 25 जून (हि्.स.)। देशभर में दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरी तरह सक्रिय है। यह अब राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 7 दिनों तक देश के उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। विशेष रूप से 25 जून की रात को ओडिशा और गुजरात क्षेत्र में कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान गुजरात और दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश में कई जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा पूर्वी राजस्थान, उत्तर हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश, अंडमान द्वीप, मध्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश और केरल सहित देश के कई इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर अच्छी बारिश हुई। वहीं गुजरात, हिमाचल, महाराष्ट्र, अंडमान-निकोबार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में 40 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चली।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मध्य प्रदेश के ऊपर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है, जिससे आने वाले दिनों में मध्य और आसपास के इलाकों में ज्यादा बारिश हो सकती है। इसके अलावा एक ट्रफ लाइन (द्रोणिका) पूर्वोत्तर अरब सागर से होते हुए मध्य प्रदेश तक फैली हुई है। वहीं बंगाल की खाड़ी और उत्तर ओडिशा के तट के आसपास के इलाके में अगले 24 घंटों में उस इलाके में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना जताई गई है।

इनके असर से पश्चिम भारत में भी तेज बारिश की संभावना बन रही है। खासकर गुजरात क्षेत्र में 25 जून को कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र के घाटी क्षेत्रों में भी आज भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ में अगले 7 दिनों तक रुक-रुक कर अच्छी बारिश होती रहेगी।

उत्तर-पश्चिम भारत की बात करें तो पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में अगले एक हफ्ते तक बारिश का दौर जारी रहेगा। कुछ स्थानों पर आंधी, बिजली गिरने और 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावना है। उत्तराखंड, हिमाचल और हरियाणा में 25 से 27 जून तक भारी बारिश का विशेष अलर्ट है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में 30 जून और 1 जुलाई को तेज बारिश हो सकती है।

पूर्वी भारत में भी ओडिशा सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है। 25 जून को यहां कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा की आशंका है, जो सामान्य जनजीवन को प्रभावित कर सकती है। मौसम विभाग ने आम जनता और प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

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Golaghat (Assam), 25 जून (हि.स.)। असम के गोलाघाट जिले में स्थित बोकाखात क्षेत्र के सापजुरी पानबारी निगम में मंगलवार रात एक ग्रेनेड विस्फोट की घटना हुई। अज्ञात हमलावर बाइक से आए और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कैंप (अब इसमें असम पुलिस की 11वीं एपीबीएन यूनिट तैनात है)पर ग्रेनेड फेंक कर फरार हो गए।

संदिग्ध विस्फोट में  तीन जवान सिद्धार्थ बरबोरा, सुशील भूमिज और मिंटू हजारिका घायल हो गए हैं

संदिग्ध विस्फोट में असम पुलिस की 11वीं सशस्त्र पुलिस बटालियन (एपीबीएन) के तीन जवान सिद्धार्थ बरबोरा, सुशील भूमिज और मिंटू हजारिका घायल हो गए हैं। उन्हें बोकाखात के शहीद कमला मिरी महकमा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना के बाद पुलिस ने रात में ही अभियान चलाया

दरअसल, यह कैंप अब सीआरपीएफ का नहीं रहा है, यहां वर्तमान में असम पुलिस की 11वीं एपीबीएन यूनिट तैनात है। घटना के बाद पुलिस ने रात में ही अभियान चलाया और संदेह के आधार पर दो व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है।

यह घटना किसी उग्रवादी संगठन की साजिश नहीं मानी जा रही है

पुलिस के अनुसार, यह घटना किसी उग्रवादी संगठन की साजिश नहीं मानी जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई गई है कि किसी अवैध शिकारी या नशीले पदार्थों के तस्कर ने यह हमला किया होगा। फॉरेंसिक विभाग टीम बुधवार दोपहर को घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंची हैं।

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New Delhi, 25 जून (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह ने आज ‘संविधान हत्या दिवस’ पर एक्स हैंडल पर अपने उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ‘आपातकाल’ कांग्रेस की सत्ता की भूख का ‘अन्यायकाल’ था। 25 जून, 1975 को लगे आपातकाल में देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया।

न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया- गृहमंत्री

उन्होंने लिखा, ” यह दिवस बताता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है, तो जनता उसे उखाड़ फेंकने की ताकत रखती है। आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्रविरोधी मानसिकता का परिचायक था। प्रेस की स्वतंत्रता कुचली गई। न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया।”

संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों गृहमंत्री शाह ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी 

केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने लिखा, ” देशवासियों ने ‘सिंहासन खाली करो’ का शंखनाद किया और तानाशाह कांग्रेस को उखाड़ फेंका। इस संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि। ” उल्लेखनीय है कि केंद्रीयमंत्री शाह ने कल ‘आपातकाल के 50 साल’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ” नई दिल्ली में आपातकाल की पूर्व संध्या पर आपातकाल के 50 साल कार्यक्रम में आपातकाल के खिलाफ संघर्ष करने वाले वीरों को सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।”

गृहमंत्री शाह ने आगे कहा कि 

जब किसी व्यक्ति के भीतर छिपा हुआ तानाशाही स्वभाव बाहर आ जाता है, तभी आपातकाल लगता है, यह इतिहास हमारी युवा पीढ़ी को जानना जरूरी है। आपातकाल, कांग्रेस द्वारा मल्टीपार्टी डेमोक्रेसी को एक पार्टी की तानाशाही में बदलने के षड्यंत्र की शुरुआत थी। आपातकाल का मूल कारण सत्ता की भूख थी। न देश पर कोई बाहरी खतरा था, न ही कोई आंतरिक संकट था, खतरा बस इंदिरा गांधी की कुर्सी पर था।

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New Delhi, 25 जून (हि.स.)। देश में साल 1975 में थोपे गए आपातकाल की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘संविधान हत्या दिवस’ पर इस काले कालखंड की लड़ाई में शामिल हर योद्धा को सलाम किया है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा ” हम अपने संविधान में निहित सिद्धांतों को मजबूत करने तथा विकसित भारत के अपने सपने को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराते हैं। हम प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएं तथा गरीबों और वंचितों के सपनों को पूरा करें।”

 

प्रधानमंत्री मोदी ने एक पोस्ट में लिखा, ” हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘संविधान हत्या दिवस’ के संबंध में एक्स पर कई पोस्ट किए हैं। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, ” हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं! ये पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आए लोग थे जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए।”

भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं

उन्होंने लिखा, ” आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन, भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था!”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तब के क्रूर कालखंड याद करते हुए लिखा

” जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। मुझे खुशी है कि ब्लू क्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना एच.डी. देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।”

उल्लेखनीय है कि ब्लू क्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन की इस किताब का नाम ‘द इमरजेंसी डायरीज – इयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर’ है। फाउंडेशन के अनुसार, इस किताब का विमोचन आज केंद्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह करेंगे।

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Patna: जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ में अब 40 रूपए के स्थान पर 20 रूपये प्रति थाली की दर से भोजन की व्यवस्था होगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया के माध्यम से  दी जानकारी  

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि आप सभी अवगत हैं कि जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ का संचालन बहुत ही अच्छे ढंग से हो रहा है। राज्य के सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों तथा विभिन्न सरकारी संस्थानों में जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ द्वारा संचालित कैंटीन के माध्यम से 40 रूपए प्रति थाली भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था। अब हमलोगों ने 40 रूपए के स्थान पर 20 रूपये प्रति थाली की दर से गुणवत्तापूर्ण भोजन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। आज कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी गई है।

सस्ता एवं शुद्ध भोजन उपलब्ध होने से बाह्य मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी सुविधा होगी

‘दीदी की रसोई’ का प्रति थाली न्यूनतम खर्च लगभग 40 रूपए है इसलिए 20 रूपए प्रति थाली की क्षतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा जीविका को उपलब्ध कराई जाएगी। सस्ता एवं शुद्ध भोजन उपलब्ध होने से बाह्य मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी सुविधा होगी। राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हमलोगों ने इस व्यवस्था को राज्य के सभी समाहरणालयों, अनुमण्डल कार्यालयों, प्रखण्ड एवं अंचल कार्यालयों में भी लागू करने का निर्णय लिया है और इसके लिए अधिकारियों को निदेशित कर दिया गया है ताकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले आमजनों को सस्ते दर पर शुद्ध भोजन मिल सके।

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