Patna: बिहार राज्य में संचालित वेब न्यूज़ पोर्टलों और यूट्यूब चैनलों के विरुद्ध कार्रवाई के बिहार पुलिस मुख्यालय के डीआईजी (मानवाधिकार) द्वारा सभी एसएसपी/ एसपी को प्रेषित आदेश को डब्ल्यूजेएआई के एक संघर्ष के बाद आदेश वापस ले लिया गया है. वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया WJAI ने उक्त आदेश पर रोक लगाने के लिए चरणबद्ध आंदोलन शुरु किया, जिसके तहत् 8 अगस्त को संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनन्द कौशल और राष्ट्रीय महासचिव अमित रंजन द्वारा संयुक्त.रुप से सीएम बिहार, डिप्टी सीएम, मंत्री सूचना एवं जनसंपर्क, डीजीपी बिहार गुप्तेश्वर पांडेय, सचिव सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को पत्र दे कर आदेश वापसी के अनुरोध के साथ वेब पोर्टलों के निबंधन की वस्तुस्थिति की पूर्ण जानकारी दी थी. जिसके बाद स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बिहार पुलिस के मुखिया डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने खुद WJAI के शीर्ष नेतृत्व को उक्त आदेश को वापस लिए जाने की जानकारी देते हुए वेब पत्रकारों के सिर पर वात्सल्य पूर्ण हाथ धर बिहार में वेब पत्रकारिता के इतिहास में एक नज़ीर पेश की थी.

डीजीपी बिहार द्वारा आज शाम संरक्षक प्रवीण बागी को बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी लॉ एंड आर्डर द्वारा 12 अगस्त जारी आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जिसमें बिहार के सभी एस एसपी और एसपी को पत्र जारी कर 05 अगस्त को डीआईजी मानवाधिकार द्वारा जारी आदेश को डब्ल्यूजेएआई की आपत्ति के मद्देनज़र वापस लिए जाने का निर्देश दिया गया है. इस मौके पर संरक्षक प्रवीण बागी ने कहा कि पोर्टल और यूट्यूब चैनल के लिए भारत सरकार ने अभी तक कोई गाईडलाईन या उन्हें रजिस्टर करने का कानून नहीं बनाया है। उसे RNI या PIB के रजिस्ट्रेशन की जरुरत नहीं, उसेे आप रोक नहीं सकते.

राष्ट्रीय अध्यक्ष आनन्द कौशल ने कहा कि वेब पत्रकारिता संविधान के अनुच्छेद 19 के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत है जिस पर किसी का अंकुश नहीं होना चाहिए. राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अश्क़ ने कहा कि आरएनआई/ पीआईबी सहित किसी भी सरकारी संस्था में वेब पोर्टलों के निबंधन की अभी कोई व्यवस्था नहीं है. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष माधो सिंह ने कहा कि वेब पोर्टलों के लिए किसी निबंधन की जरुरत नहीं होती. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमिताभ ओझा ने कहा कि फर्जी ख़बर और अफवाह फैलाने वालों पर बेशक़ कार्रवाई करें, पर सबको एक ही तराजू में नहीं तोलें. राष्ट्रीय महासचिव अमित रंजन ने कहा कि देश भर में वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा संचालित वेब पोर्टलों के माध्यम से पत्रकारिता करने वाले वेब पत्रकारों पर बार बार फर्जी पत्रकारिता का आरोप मढ़ अपमानित करने वाले सावधान हो जाएँ. WJAI की चेतावनी है छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं.

राष्ट्रीय सचिव निखिल केडी वर्मा ने कहा कि सीएम बिहार, डिप्टी सीएम बिहार, मंत्री सूचना एवं जनसंपर्क, डीजीपी बिहार गुप्तेश्वर पांडेय, सचिव सूचना एवं जनसंपर्क, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क सभी को डब्ल्यूजेएआई आभार व्यक्त करता है. राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ. लीना ने कहा कि सरकार वेब पोर्टलों के निबंधन का प्रावधान तो लाए, निबंधन न कराएँ तो हम दोषी.

क्या है पूरा मामला
एक पत्रकार संगठन के तथाकथित प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री बिहार को एक ज्ञापन दे कर राज्य में बगैर RNI/ PIB रजिस्ट्रेशन के चल रहे न्यूज़ पोर्टलों पर अवैध, फर्जी, अवैध वसूली, पत्रकारिता का धौंस देना जैसे आरोप लगाते हुए कठोर कानूनी कार्रवाई का आदेश जारी करने की माँग की, मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा यंत्रवत उक्त ज्ञापन पुलिस विभाग को इंडोर्स कर दिया गया. बिहार पुलिस मुख्यालय के डीआईजी (मानवाधिकार) द्वारा 5 अगस्त को सभी एसएसपी/ एसपी को आदेश जारी किया गया कि उक्त ज्ञापन के आलोक में जाँच कर कार्रवाई करें और कार्रवाई से पुलिस मुख्यालय को अवगत कराएं। उक्त शिकायती पत्र में वर्णित बगैर ‘RNI/ PIB के निबंधन’ के बाबत बगैर किसी जाँच पड़ताल के पत्र परिचालित होता हुआ आदेश में परिणत हो गया जबकि शिकायतकर्ता पत्रकार संगठन के कथित प्रदेश अध्यक्ष ने अपने फेसबुक वाल पर अपना ज्ञापन और आदेश अपलोड करते हुए विजयश्री का बखान कर अपनी समझ में ‘फर्जी पत्रकारों’ को चेताया लेकिन उसी पोस्ट पर एक कमेंट का जवाब देते हुए लिख डाला, ‘ न्यूज़ पोर्टलों के निबंधन की अभी कोई व्यवस्था नहीं है……’ उनका पोस्ट तैरता हुआ डब्ल्यूजेएआई के संज्ञान में आया और संगठन ने बिहार सहित देश भर में वेब पोर्टलों के माध्यम से पत्रकारिता कर रहे वरिष्ठ पत्रकारों को ‘फर्जी’ कहे जाने के विरुद्ध उनकी प्रतिष्ठा के लिए और बिहार सरकार को अपने धोखा और फरेब के जाल में डाल कर मनमाफिक आदेश हासिल करने के विरोध में कानून और संविधान के दायरे में आंदोलन शुरु किया।.

तमाम जिलों के एसपी वास्तविकता जानते थे लिहाजा कोई कार्रवाई शुरु नहीं हुई, कुछ जिलों में उक्त आदेश पर कुछ सुगबुगाहट शुरु हुई पर बगैर विचलित हुए संगठन के शीर्ष नेतृत्व से ले कर एक एक कार्यकर्ता अनुशासित ढ़ंग से आंदोलन को गति देता रहा और महज चार दिन से भी कम समय में आदेश वापस ले लिया गया.  डब्ल्यूजेएआई ने माँग की है कि बिहार पुलिस उक्त पत्रकार संगठन के तथाकथित प्रदेश अध्यक्ष के जाल फरेब और उनके निहितार्थ की गहराई से जाँच पड़ताल कर विधि सम्मत कार्रवाई करे.

आंदोलन को गति और दिशा देने में संगठन के विधि परामर्शी प्रख्यात् अधिवक्ता रोहन प्रियम सहाय, संरक्षक वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी, अरुण अशेष, सुजीत कुमार झा, राकेश प्रवीर, श्रीकांत प्रत्युष, रजनीकांत पाठक, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अश्क़, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रजनीश कांत, माधो सिंह, अमिताभ ओझा, हर्षवर्धन द्विवेदी, आशीष शर्मा ऋषि, राष्ट्रीय सचिव निखिल केडी वर्मा, मुरली मनोहर श्रीवास्तव, सुरभित दत्त, टी. स्वामिनाथन, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव मधूप मणि पिक्कू, डॉ. लीना, डॉ. राजेश अस्थाना, मनोकामना सिंह, जीतेन्द्र कुमार सिंह, पंकज कुमार, मंजेश कुमार, संयोजक बिहार कौशलेन्द्र प्रियदर्शी, संयोजक टेक्निकल कमिटी लव सिंह, मृत्युंजय शर्मा, अध्यक्ष पटना चैप्टर बालकृष्ण, सचिव मनन कुमार मिश्र, अध्यक्ष छपरा चैप्टर संजय कुमार पांडेय, सचिव कबीर अहमद आदि ने अपनी अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन किया.

Patna: देश भर के वेब पत्रकारों के सर्वथा पहले निबंधित संगठन वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया- ‘डब्ल्यूजेएआई’ को बिहार की पत्रकारिता के रोल मॉडल, आईकॉनिक और प्रेरणास्रोत अग्रिम पंक्ति के पत्रकारों का वरदहस्त प्राप्त हुआ है। संगठन से बिहार की पत्रकारिता की आईकॉनिक हस्तियाँ शैलेन्द्र दीक्षित, अरुण अशेष, राकेश प्रवीर, सुजीत झा और श्रीकांत प्रत्युष बतौर संरक्षक जुड गए हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष आनन्द कौशल ने इस आशय की आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले समय में इन वरिष्ठ पत्रकारों के परामर्श, मार्गदर्शन और संरक्षण से संगठन ज्यादा मजबूत हो कर अपने लक्ष्यों की प्रतिपूर्ति में अग्रसर होगा। उन्होंने बताया कि संगठन ने अपने संरक्षक मंडल का विस्तार करते हुए इनकी सहमति से इन्हें संगठन का संरक्षक मनोनीत किया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि डब्ल्यूजेएआई के प्रधान संरक्षक देश की पत्रकारिता जगत के रोल मॉडल प्रख्यात् संपादक, वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने सामाजिक राजनीतिक विश्लेषक एन. के. सिंह हैं तो वहीं अब से इनके साथ संरक्षक मंडल की शोभा बढ़ाएंगे देश के जाने माने पत्रकार दैनिक जागरण आदि के संपादक रहे वरिष्ठ पत्रकार विश्लेषक शैलेन्द्र दीक्षित, विभिन्न प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों को बुलंदियों पर पहुँचाने वाले पत्रकारिता के चलते फिरते स्कूल अरुण अशेष, वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया स्ट्रेटिजिस्ट एनयूजेआई के प्रदेश अध्यक्ष राकेश प्रवीर, सूबे की पत्रकारिता जगत को अपने आलोक से प्रकाशित करने वाले टीवी पत्रकारिता के पहले नाम सुजीत कुमार झा, कई प्रतिष्ठित मीडिया घरानों का चेहरा रहे और फिलवक्त सिटीपोस्ट लाइव के एडिटर इन चीफ श्रीकांत प्रत्यूष, जो न्यू मीडिया में विश्वसनीयता की लंबी लकीर खींच रहे हैं जैसे नाम शामिल हैं। श्रीकांत प्रत्युष और सुजीत झा बिहार में टीवी पत्रकारिता में बड़े हस्ताक्षर हैं। इन सभी के बतौर सरक्षक जुड़ने से संगठन को उनका मार्गदर्शन और आशीर्वाद प्राप्त होगा। श्री आनन्द ने कहा कि डब्ल्यूजेएआई पूरी सक्रियता से वेब पत्रकारिता को देश भर में मुकाम देने में लगी है। दिल्ली एनसीआर, यूपी उत्तराखंड, मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत प्रक्षेत्र, ओडिशा के बाद अब पंजाब हरियाणा, दक्षिण पूर्वी राज्यों में संगठन का विस्तार किया जा रहा है। संगठन द्वारा ग्लोबल समिट किया जाना है जिसकी तैयारी जोर शोर से कोरोना से मुक्ति के बाद की जाएगी। कई योजनाएं पाईपलाईन में हैं जिसके लिए मुफीद समय का इंतज़ार किया जा रहा है।

राष्ट्रीय महासचिव अमित रंजन ने कहा कि यह बड़ी बिडम्बना है कि जानकारी के मुताबिक 1992 में अमेरिका में शिकागो टाईम्स के नाम से शुरु हुई वेब पत्रकारिता को आज तीसरे दशक में भी नई मीडिया कहा जा रहा है। इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण यह कि आज तक देश में सरकार वेब मीडिया के लिए न तो कोई गाईडलाईन बना सकी न कोई सरकारी नियामक संस्था। ये सूचना है कि देश में आरएनआई द्वारा वेब पोर्टलों के निबंधन की व्यवस्था बनाने की तैयारी की जा रही है तो वहीं बिहार सरकार भी वेब मीडिया नीति की तैयारी कर रही है। केन्द्र और बिहार सरकार के संबद्ध मंत्रालयों को डब्ल्यूजेएआई ने भी अपना प्रस्ताव अपने संविधान के अंश वेब पत्रकारों के लिए तैयार ‘स्व नियमन’ के ड्राफ्ट के साथ भेजा है और संगठन इस दिशा में प्रयत्नशील है।

उन्होंने बताया कि डब्ल्यूजेएआई देश भर में अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के मार्फत वेब पत्रकारों और वेब पोर्टलों को एकसूत्र में जोड़ने में लगी है।

वरिष्ठ पत्रकार- संपादक और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने कहा कि संगठन ने अपने फेसबुक पेज पर 21 जुलाई से लाईव कार्यक्रम के जरिये वेब पत्रकारों के साथ सीधा संवाद कायम करना शुरु किया है जहाँ सवाल जबाब के माध्यम से बड़ी ठोस जानकारियां सामने आ रही हैं। 21 जुलाई को महासचिव अमित रंजन ने लाईव संवाद का आग़ाज करते हुए देश में वेब पत्रकारिता, वेब पोर्टल के प्रसार, महत्व, नियमन और डब्ल्यूजेएआई के कार्य कलापों की जानकारी दी। 22 जुलाई को ओम प्रकाश अश्क़ ने कोरोनाकाल में पारंपरिक मीडिया का संकट और वेब पत्रकारों के लिए अवसर पर अपनी बात रखी। 23 जुलाई को प्रख्यात् समाजसेवी और संगठन के संरक्षक रजनीकांत पाठक ने संकटकाल में ‘वेब पत्रकारों की सुध ले सरकार’ की अपील की। 24 जुलाई को पटना शाखा अध्यक्ष बालकृष्ण ने संगठन पर बात रखी। 25 जुलाई को देश के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष माधो सिंह ने ‘भरोसा खो चुकी मुख्यधारा की पत्रकारिता का मजबूत विकल्प बन कर उभर रही वेब पत्रकारिता पर बड़ी सारगर्भित बातें रखीं। 26 जुलाई को वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ. लीना ने वेब पत्रकारिता पर फर्जी का आरोप पर बात रखी।

उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में नये समय पर रात 9 बजे लाईव संवाद में प्रख्यात् काननूविद अधिवक्ता और संगठन के विधि परामर्शी रोहन प्रियम सहाय ने देश में मीडिया के इतिहास, संविधान में वर्णित अधिकार और निरोध, कानूनी पहलूओं, वेब पत्रकारिता और डब्ल्यूजेएआई पर बहुत अहम बातें रखीं।

राष्ट्रीय सचिव निखिल केडी वर्मा ने बताया कि देश भर के पत्रकार, वेब पत्रकार और सुधि समाज के लोग संगठन के फेसबुक पेज पर जारी लाईव संवाद का हिस्सा बन सकते हैं और हमारी आधिकारिक वेबसाइट wjai.in लॉगिन कर संस्था से सीधा जुड़ सकते हैं जहाँ सदस्यता की अर्हता, प्रक्रिया और ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है।

बिहार के पत्रकारिता जगत की पांचों बड़ी हस्तियों का संरक्षक मंडल के सदस्य के रुप में प्रधान संरक्षक एन.के. सिंह, संरक्षक एम एल सी प्रो. वीरेन्द्र नारायण यादव, रजनीकांत पाठक, ई. संजय कुमार राय, मनोज कुमार चौधरी, उपाध्यक्ष रजनीश कांत, माधो सिंह, अमिताभ ओझा, हर्षवर्धन द्विवेदी, आशीष कुमार शर्मा, सचिव मुरली मनोहर श्रीवास्तव, सुरभित दत्त, टी. स्वामीनाथन, संयुक्त सचिव मधूप मणि पिक्कू, डॉ. लीना, मनोकामना सिंह, डॉ. राजेश अस्थाना, जितेन्द्र कुमार सिंह, पंकज कुमार मिश्रा, कार्यालय सचिव मंजेश कुमार, पटना शाखा अध्यक्ष बालकृष्ण, सचिव मनन कुमार मिश्रा छपरा अध्यक्ष संजय कुमार पांडेय सचिव कबीर अहमद और संगठन से जुड़े सभी वेब पत्रकारों ने स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया है।