New Delhi, 10 अगस्त (हि.स.)। अग्रिम पंक्ति के स्टील्थ फ्रिगेट ‘उदयगिरि’ और ‘हिमगिरि’ को भारतीय नौसेना अपने समुद्री बेड़े में शामिल करने के लिए तैयार है। यह पहली बार होगा जब दो प्रतिष्ठित भारतीय शिपयार्डों के दो प्रमुख सतही लड़ाकू जहाजों को एक ही समय में 26 अगस्त को विशाखापत्तनम में नौसेना में शामिल किया जाएगा। दो जहाजों का एक साथ नौसेना में शामिल होना भारत के तेजी से बढ़ते नौसैनिक आधुनिकीकरण और विभिन्न शिपयार्डों से अत्याधुनिक युद्धपोतों की आपूर्ति करने का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

‘हिमगिरि’ कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में निर्मित इसी प्रोजेक्ट का पहला जहाज है

प्रोजेक्ट 17ए के तहत स्टील्थ फ्रिगेट्स का दूसरा जहाज ‘उदयगिरि’ मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने निर्मित किया है, जबकि ‘हिमगिरि’ कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में निर्मित इसी प्रोजेक्ट का पहला जहाज है। भारतीय नौसेना के लिए एक और बड़ी उपलब्धि यह है कि उदयगिरि नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो में डिजाइन किया गया 100वां जहाज है। डिजाइन के लिहाज से देखा जाए तो उदयगिरि और हिमगिरि अगली पीढ़ी के जहाज हैं। लगभग 6,700 टन विस्थापन वाले प्रोजेक्ट 17ए के यह फ्रिगेट अपने पूर्ववर्ती शिवालिक-श्रेणी के फ्रिगेट से लगभग पांच प्रतिशत बड़े हैं। फिर भी इनका आकार अधिक सुडौल है और इनका रडार क्रॉस सेक्शन कम है।

दोनों जहाजों के निर्माण में 200 से अधिक एमएसएमई का सहयोग रहा है

नौसेना के मुताबिक इन्हें डीजल इंजन और गैस टर्बाइनों का उपयोग करते हुए संयुक्त डीजल या गैस प्रणोदन संयंत्रों से संचालित किया जाता है, जो नियंत्रणीय-पिच प्रोपेलर चलाते हैं और एक एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से प्रबंधित होते हैं। हथियार सूट में सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 76 मिमी एमआर गन और 30 मिमी और 12.7 मिमी क्लोज-इन हथियार प्रणालियों और पनडुब्बी रोधी/पानी के नीचे की हथियार प्रणालियों का संयोजन शामिल है। दोनों जहाजों के निर्माण में 200 से अधिक एमएसएमई का सहयोग रहा है। इनसे लगभग 4,000 प्रत्यक्ष नौकरियों और 10 हजार से अधिक अप्रत्यक्ष नौकरियों का मौका मिला है।


आत्मनिर्भरता का एक गौरवशाली प्रमाण

उदयगिरि और हिमगिरि का जलावतरण जहाजों के डिजाइन और निर्माण में आत्मनिर्भरता के प्रति नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके बाद अन्य स्वदेशी जहाजों, जैसे विध्वंसक आईएनएस सूरत, फ्रिगेट आईएनएस नीलगिरि, पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर, पनडुब्बी आईएनएस अर्णाला और गोताखोरी सहायता पोत आईएनएस निस्तार का जलावतरण 2025 में ही होगा। कठोर समुद्री परीक्षणों के दौरान फ्रिगेट्स के पतवार, मशीनरी, अग्निशमन, क्षति नियंत्रण, नौवहन और संचार प्रणालियों ने पुष्टि की है कि वे परिचालन तैनाती के लिए तैयार हैं।​ विशाखापत्तनम में होने वाला समारोह आत्मनिर्भर समुद्री रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र की ओर भारत की यात्रा का उत्सव होगा।

18 मई: इतिहास के पन्नों में दर्ज एक गौरवशाली दिन

आज का दिन भारतीय इतिहास में विज्ञान, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक चेतना के लिए एक मील का पत्थर है। 18 मई को भारत ने 1974 में राजस्थान के पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया था। इस परीक्षण का कोडनेम “स्माइलिंग बुद्धा” रखा गया था और यह शांतिपूर्ण उद्देश्य से किया गया भूमिगत परीक्षण था। इस ऐतिहासिक घटना ने भारत को विश्व के परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल कर दिया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में यह सफलता भारत की वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता और सामरिक क्षमता का प्रतीक बन गई

ऐसे हुई पोखरण परमाणु परीक्षण की शुरुआत

1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने यह परीक्षण किया था। इसका उद्देश्य था भारत की वैज्ञानिक क्षमता को प्रदर्शित करना और एक आत्मनिर्भर परमाणु नीति की ओर कदम बढ़ाना। परीक्षण को पूरी तरह गोपनीय रखा गया और इसे शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोट के रूप में प्रस्तुत किया गया।

भारतीय वैज्ञानिकों की टीम:
इस परीक्षण के पीछे भारत के प्रमुख वैज्ञानिकों का एक दल था, जिसमें डॉ. राजा रामन्ना, डॉ. होमी सेठना, और पी.के. अय्यंगार जैसे नाम शामिल थे। इस परीक्षण का सफल निष्पादन भारत की तकनीकी क्षमता और अनुसंधान की उत्कृष्टता का बेहतर परिचायक बना।

भारत के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया क्या रही ?

इस परीक्षण के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिलीं। कुछ देशों ने इसका विरोध किया, जबकि कई ने भारत की वैज्ञानिक उपलब्धि को सराहा। इसके बाद भारत ने ‘नो फर्स्ट यूज़’ (पहले उपयोग न करने) की नीति अपनाई।

1998 में पोखरण का महत्व फिर से बढ़ा

24 साल बाद, 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में ही भारत ने पुनः परमाणु परीक्षण किए, जिन्हें पोखरण-II के नाम से जाना जाता है। इसके बाद भारत ने खुद को एक “परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र” घोषित किया।

सुवा, 06 अगस्त (हि.स.)। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में फिजी की राजधानी सुवा में हैं। फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियामे मैवलीली कटोनिवेरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किया। यह फिजी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह सम्मान भारत और फिजी के बीच मित्रता के गहरे संबंधों का परिचायक है। यह सचित्र विवरण भारत की राष्ट्रपति के एक्स हैंडल पर साझा किया गया है।

द्रौपदी मुर्मू का सुवा पहुंचने पर फिजी के प्रधानमंत्री सीटिवेनी राबुका ने जोरदार स्वागत किया। राष्ट्रपति फिजी के बाद न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते जाएंगी। किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की फिजी और तिमोर-लेस्ते की पहली यात्रा है। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी।

विदेश मंत्रालय के सचिव जयदीप मजूमदार ने पिछले दिनों नई दिल्‍ली में राष्ट्रपति की यात्रा का ब्यौरा साझा किया था। इसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पांच से 10 अगस्‍त तक तीन देशों फिजी, न्‍यूजीलैंड और तिमोर-लेस्‍ते की यात्रा पर रहेंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक्‍ट ईस्‍ट नीति के अंतर्गत दक्षिण-पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र पर भारत ने विशेष रूप से ध्‍यान केन्द्रित किया है। यह तीनों देश भारत की एक्‍ट ईस्‍ट नीति के तहत आते है। भारत और फिजी के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। भारत, फिजी का प्रमुख विकास भागीदार रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रविवार को एक्स पर कहा कि एक्ट ईस्ट नीति को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते की तीन देशों की यात्रा पर रवाना हुईं। पहले चरण में राष्ट्रपति फिजी की राजकीय यात्रा पर रहेंगी। यह यात्रा दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगी। राष्‍ट्रपति फिजी की संसद को भी संबोधित करेंगी। उनका भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करने का भी कार्यक्रम है।

यात्रा के दूसरे चरण में राष्ट्रपति आठ और नौ अगस्त को न्यूजीलैंड जाएंगी। इस दौरान वे गवर्नर जनरल सिंडी किरो के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगी और प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से मुलाकात करेंगी। राष्ट्रपति, वेलिंगटन में एक अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन को भी संबोधित करेंगी और ऑकलैंड में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगी। यात्रा के अंतिम चरण में राष्ट्रपति 10 अगस्त को तिमोर-लेस्ते जाएंगी।

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का कहर जारी है. देश में अबतक करीब 28 लाख लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं और 52 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 64,531 नए मरीज सामने आए और 1092 लोगों की मौतें हो गई.

स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 27 लाख 67 हजार 274 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 52,889 लोगों की मौत हो चुकी है. एक्टिव केस की संख्या 6 लाख 76 हजार हो गई और 20 लाख 37 हजार 870 लोग ठीक हो चुके हैं. ICMR के मुताबिक 18 अगस्त तक कोरोना वायरस के लिए कुल 3 करोड़ 17 लाख 42 हजार 782 सैंपल टेस्ट किए गए, जिनमें से 8 लाख 1 हाजर 518 सैंपल की टेस्टिंग कल की गई.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना के प्रतिदिन नए मामलों और बीमारी के कारण होने वाली मौत के मामलों में 13 अगस्त से गिरावट देखी गई है. हालांकि मंत्रालय ने कोई ढिलाई बरते जाने को लेकर चेतावनी दी और कहा कि पांच दिन की गिरावट महामारी के संदर्भ में एक छोटी अवधि है. हालांकि मंत्रालय के दावों के बाद आज एक बार फिर 64 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं.

कनाडा के टोरंटो में कई वर्षों से रहते हुए वहां की नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति, लोक गायन से रूबरू करा रही सुमिता सुगंधा मूलरूप से बिहार के सारण जिले की निवासी है.

उनका परिवार पटना रहता है. वे पेशे से इंजीनियर है. लोक गायन में अपनी रुचि और संस्कृति से लगाव के कारण उन्होंने कनाडा में इसके प्रसार के प्रयास किये है. भोजपुरी और अन्य भाषाओं में उनके गाये गीत लोग पसंद कर रहे है.

बिहार की बेटी, लोक गायिका सुमिता सुगंधा, विदेश में रहते हुए अपनी संस्कृति और लोक परम्पराओं की सुगंध अपने गीतों के माध्यम से नयी पीढ़ी तक पहुंचा रही है. कनाडा के टोरंटो से chhapratoday.com के साथ जुड़ कर उन्होंने अपने गीतों को साझा किया है आप भी देखिये और सुनिए उनके गीत. 

 

नई दिल्ली: देश में कोरोना हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है. पिछले 24 घंटे के अंदर करीब 50 हजार नए मामले सामने आए हैं और 740 लोगों की मौत हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी अपडेट के मुताबिक, देश में कुल मरीजों का आंकड़ा 12 लाख 87 हजार 945 हो गया है, जिसमें 30 हजार 601 लोगों की मौत हो चुकी है.

राहत की बात है कि अब तक 8 लाख 17 हजार से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 44 हजार से अधिक एक्टिव केस है. आईसीएमआर के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 1 करोड़ 54 लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं. 23 जुलाई को ही 3 लाख 52 हजार से अधिक टेस्ट किए गए थे.

कोरोना से सबसे अधिक महाराष्ट्र प्रभावित है. यहां कुल मरीजों का आंकड़ा 3 लाख 47 हजार से अधिक है. अब तक 12 हजार 854 लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना से अब तक 1 लाख 94 हजार से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 1 लाख 40 हजार से अधिक एक्टिव केस है.

कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में अनलॉक-1 लागू कर दिया है. अनलॉक-1 की गाइडलाइंस सरकार ने जारी कर दी है. कंटेनमेंट जोन के बाहर सरकार की ओर से चरणबद्ध तरीके से छूट दी गई है.

बता दें कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है. लॉकडाउन 4.0 की अवधि 31 मई को खत्म हो रही है. ऐसे में सरकार ने अनलॉक-1 लागू किया है जो 1 जून से 30 जून तक रहेगा. स्कूल-कॉलेज खोलने का फैसला केंद्र ने राज्यों पर छोड़ दिया है. जुलाई में राज्य इसपर फैसला लेंगे. होटल 8 जून से खोल दिए जाएंगे. देशभर में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा.

सुरभित दत्त

केंद्र सरकार ने देश भर में पिछले 24 मार्च से लागू lockdown को दूसरी बार बढ़ाने का फैसला लिया है. इस बार 17 मई तक इसे बढ़ाया गया है. देश में 55 दिनों तक के lockdown के दौरान आम जनजीवन खासकर दैनिक मजदूरी कर के अपना गुजारा करने वालों पर असर पड़ा है. Lockdown लागू होते ही काम, धंधे बंद होने पर घर पहुंचने की जद्दोजहद के बीच एक लंबा समय बीत गया है.

अब जब केंद्र सरकार ने lockdown 3 की शुरूआत की है, जिसे हम केंद्र का lockdown से exit प्लान भी कह सकते है, तो एक बार फिर से अलग अलग प्रदेशों में फंसे यह मजदूर फिर से शंका, आशंकाओं में घिरे नजर आ रहे है. जो अपने घर जैसे तैसे पहुंच गए वे या तो वहीँ रहेंगे या एक बार फिर काम की तलाश उन्हें शहरों तक लाएगी, लाएगी भी शायद क्योंकि जीवन चलाने के लिए रोजगार का होना भी जरुरी है पर ये भविष्य के गर्त में है. फिलहाल वैसे प्रवासी जो अबतक घर नही जा सके थे वे सब अब क्या करें, क्या ना करें के संशय की स्थिति में पहुंच गए है.

फैक्ट्रियों, कार्यालयों और अन्य दैनिक मजदूरी बंद थी तब एक ही सोच थी की घर जाना है. परिवार को संभालना है. लेकिन lockdown के कारण जा नही सके. अब जब सरकार से कुछ छूट मिलने पर काम शुरू होगा, फैक्ट्रियां खुलने वाली है ऐसे में दिमाग में घर जाना और जीवन चलाने के लिए काम भी करना है दोनों ही बातें आएगी. वही इसका दूसरा पहलू यह भी है कि प्रवासी मजदूरों को हीन नजर से देखने वाले बड़े पूंजीपति क्या अपने कल कारखानों को इनके बिना चला सकेंगे.

मजदूरों को अपने घर में रोजगार मिलना एक बड़ी चुनौती होगी, जो भविष्य में फिर उन्हें  महानगरों की ओर जाने के लिए मजबूर करेगी. 

इन सबके बीच प्रवासी मजदूर दोराहे पर खड़े यही सोचने को विवश होंगे  ‘क्या करें, क्या ना करें’

#lockdownindia

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• सरकार ने कोरोना जागरूकता के लिए किया वेबसाइट लांच (www.indiafightscovid.com)

• सामाजिक दूरी, कोरोना पर फ़ैल रही अफवाह सहित संक्रमण रोकथाम आदि की मिलेगी जानकारी
• जागरूकता बढ़ाने के लिए ऑडियो एवं विडियो संदेशों को भी किया गया शामिल
• संस्थागत प्रसव जैसी अन्य जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं की भी मिलेगी जानकारी

Chhapra: कोरोना संक्रमण प्रसार की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं. कोरोना से बचने के लिए सरकार द्वारा नियमित तौर पर दिशानिर्देश भी जारी किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में सरकार ने लोगों को कोरोना पर सटीक एवं प्रमाणिक जानकारी देने के उद्देश्य से ‘इंडिया फाइट कोविड’ नाम से वेबसाइट (www.indiafightscovid.com) भी लांच किया है. जिसमें लोगों को कोरोना संबंधित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी गयी है. कोरोना को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फैलाई जा रही अफवाहों के कारण लोगों में संशय की स्थिति भी बन रही है. इसे ध्यान में रखते हुए इस वेबसाइट पर अफवाहों के विषय में भी विस्तार से जानकारी दी गयी है. साथ ही संस्थागत प्रसव अन्य जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं के विषय में भी सतर्क एवं सावधान रहने की बात बताई गयी है.

सामाजिक दूरी की जगह इमोशनल दूरी न बनायें
कोरोना को लेकर सरकार लगातार सामाजिक दूरी बनाने पर जोर दे रही है. लेकिन सामाजिक दूरी बनाने के क्रम में कई जगह संक्रमितों से भावनात्मक दूरी बनती जा रही है. इसको लेकर ‘इंडिया फाइटस कोविड’ ने आगाह किया है एवं संक्रमितों के प्रति भावनात्मक दूरी नहीं बनाने की अपील की गयी है. कोरोना पर फ़ैल रही भ्रामक जानकरियों से बचने की भी सलाह देते हुए वेबसाइट पर यह जानकारी दे गयी है कि किसी भी कोरोना के विषय में किसी भी तरह की प्रमाणिक जानकारी के लिए भारत सरकार द्वारा लांच की गयी टोल फ्री नंबर 1075 या राज्य सरकार की टोल फ्री नंबर 104 पर कॉल कर ली जा सकती है.

संस्थागत प्रसव की सुविधा है उपलब्ध
कोरोना संक्रमण के बीच कई जरुरी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुयी है. लेकिन राज्य सरकार ने जरुरी स्वास्थ्य सेवाएं जैसे मातृ स्वास्थ्य सेवा, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा, परिवार नियोजन सेवाएं एवं अन्य आपातकालीन सेवाओं को पुनः नियमित किया गया है. वेबसाइट के माध्यम से भी संस्थागत प्रसव को लेकर जानकारी दी गयी है. यह बताया गया है कि कोरोना के कारण कुछ लोगों के मन में भ्रांतियां फैली है कि सारे अस्पताल बंद होंगे या वहाँ सिर्फ कोरोना का ही उपचार किया जा रहा होगा. लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है. सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव की सेवा पूर्वत दी जा रही है. इसके लिए गर्भवती महिला के परिवार को अपने आशा एवं एएनएम से संपर्क में रहने ई जरूरत है एवं उन्हें प्रसव की जानकारी देनी है.

इन चीजों पर वेबसाइट में दी गयी है जानकारी
• सामाजिक दूरी के महत्व
• हेल्थ वर्कर सपोर्ट
• घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कोरोना की रोकथाम के उपाय
• लॉकडाउन की स्थिति में संस्थागत प्रसव की सेवा
• लॉकडाउन में मानसिक स्वास्थ्य की जरूरत
• कोरोना पर फ़ैल रही विभिन्न अफवाहों की सटीक जानकारी
• कोरोना रोकथाम के उपाय
• लॉकडाउन में डिजिटल पेमेंट
• लॉकडाउन में स्तनपान एवं नवजात देखभाल की जरूरत आदि अन्य जरुरी सेवाओं की भी जानकरी दी गयी है

नई दिल्ली: देश में Corona Virus के संक्रमण के मद्देनजर Lockdown जारी है. जो 14 अप्रैल तक चलेगा.

इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार की सुबह 9 बजे देश के साथ वीडियो संदेश साझा करेंगे.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर जानकारी दी और लिखा कि “कल सुबह 9 बजे देशवासियों के साथ मैं एक वीडियो संदेश साझा करूंगा।”


इससे पहले प्रधानमंत्री ने 24 मार्च को राष्ट्र को संबोधित करते हुए देश में 21 दिनों के Lockdown की घोषणा की थी.

नई दिल्ली: Corona Virus का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. संक्रमितों की संख्या 1834 पहुंच गई है. बीते 24 घंटे में कोरोना के 437 नए मामले सामने आए हैं, वहीं संक्रमण से 144 लोग ठीक हो चुके हैं. जबकि अबतक 42 लोगों की मौत हो चुकी है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बुधवार रात को ये आंकड़े जारी किए गए हैं. लॉकडाउन (Lockdown) के पालन में विफलता के फलस्वरूप संक्रमण के मामलों में इजाफा होना तय है.

इसके मद्देनजर उन्होंने देशवासियों से 21 दिन के लॉकडाउन का हर हाल में पालन करने की अपील की. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में बुधवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक में राज्यों के स्तर पर संक्रमण को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों एवं लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने के उपायों की समीक्षा की गई.

नई दिल्ली: Corona Virus से देश आक्रांत है. सरकार के प्रयास से इस महामारी से जनता को बचाने की कोशिशें हो रही है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से PM-Cares Fund में दान देने की अपील की है.

वही संकट के इस समय में टाटा ट्रस्ट मदद के लिए आमने आया है. टाटा ट्रस्ट ने इसके लिए 500 करोड़ रुपये दिए हैं.

टाटा ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए 500 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है. टाटा ट्रस्ट के प्रमुख रतन एन. टाटा ने शनिवार को कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए टाटा समूह, टाटा संस की कंपनियां और टाटा ट्रस्ट संकट के इस समय में समाज और सरकार के साथ है और इससे निपटने के लिए 500 करोड़ रुपए देने की घोषणा करते हैं.

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