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वाणिज्य एवं सामाजिक विज्ञान के प्रशिक्षित छात्रों को वंचित रखने के निर्णय पर पुनः विचार करे समिति: प्रोo रणजीत

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव एवम बिहार शिक्षा मंच के संयोजक प्रो० रणजीत कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर को सम्बोधित पत्र में उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान के प्रशिक्षित छात्रों को वंचित रखने के निर्णय पर पुनः विचार करने का आग्रह किया है.

प्रो० कुमार ने कहा है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना के द्वारा 7 सितंबर 2019 को माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा हेतु जो रिक्तियां प्रकाशित की गई है उसमे उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों हेतु जो विषयवार रिक्तियां प्रकाशित की गई है, उसमे वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान से सम्बंधित किसी विषय में रिक्ति नही दर्शायी गयी है.

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STET की 7 साल तक मान्यता है और सरकार के निदेशानुसार अधिकांश उत्क्रमित उच्च विद्यालयों को उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बनाने की घोषणा हो चुकी है. जहाँ बड़ी संख्या में वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान से सम्बंधित शिक्षकों की जरूरत पड़ेगी. पुनः STET हेतु उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक बनने के लिए 37 वर्ष की अधिकतम उम्र सीमा निर्धारित की गई है. जबकी बहुत सारे माध्यमिक शिक्षक उच्च माध्यमिक शिक्षक बनने हेतु परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं. लेकिन उम्र सीमा आड़े आ रही है. पुनः जो माध्यमिक शिक्षक निर्धारित अहर्ता पूरा करते है, उनके लिये 25 प्रतिशत सीटे आरक्षित किया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि विज्ञापन में 2018 तक बी.एड. उतीर्ण अभ्यर्थियों को ही आवेदन करने का मौका दिया जा रहा हैं. जबकि सैकड़ो छात्रों ने सत्र 2017-19 में बी.एड.की परीक्षा उतीर्ण किया है. इन छात्रों को आवेदन करने के अधिकार से वंचित किया जाना नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है.


उपर्युक्त तथ्यों के आलोक में उन्होंने आग्रह किया है कि वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान संकाय के योग्य अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने का मौका दिया जाय. माध्यमिक शिक्षक के रूप में कार्यरत अभ्यर्थियों के लिए विषयवार 25 प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाए तथा आवेदन की अधिकतम उम्र सीमा 37 वर्ष के स्थान पर 40 वर्ष निर्धारित किया जाए. यदि माध्यमिक शिक्षक उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक के पद पर चयनित होते है तो उनकी सेवा निरंतरता बनी रहनी चाहिए. सत्र 2017- 19 में बी.एड. उतीर्ण छात्रों को भी आवेदन का मौका दिया जाना चाहिए. आवेदन करने की अवधि 15 दिनों तक विस्तारित किया जाए ताकि उपयुक्त मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय लिया जा सके. उन्होंने कहा कि उम्मीद है छात्र एंवम शिक्षक हित मे सकारात्मक निर्णय लेंगे.

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