New Delhi: रक्षा मंत्री ने रायसेन के उमरिया में रेल कोच फैक्टरी का किया शिलान्यास, बोले- हमारा संकल्प है जो हमें छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहींभोपाल, 10 अगस्त (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले रक्षा क्षेत्र का सामान हम दूसरे देशों से खरीदते थे। अब इनमें से बहुत सारी चीजें हम न केवल देश में बना रहे हैं बल्कि दूसरे देशों को निर्यात करने का काम भी कर रहे हैं। अब हम 24 हजार करोड़ से ज्यादा की डिफेंस सामग्री निर्यात कर रहे हैं।

हम चाहते हैं कि केवल भारत का ही कल्याण न हो, बल्कि संपूर्ण विश्व का कल्याण होना चाहिए: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को मध्य प्रदेश के प्रवास के दौरान रायसेन जिले के ग्राम उमरिया में ग्रीनफील्ड रेल कोच निर्माण इकाई के भूमिपूजन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में रक्षा क्षेत्र का केंद्र बनने के लिए हर गुण है। सभी संसाधन हैं। रायसेन में रेल कोच का निर्माण होगा। साथ ही रेलवे के अलग-अलग प्रोडक्ट्स भी यहां बनाए जाएंगे। देशभर की स्पीड ट्रेनों में एमपी में बनने वाले रेलवे कोच लगेंगे। मध्य प्रदेश का औद्योगिक विकास देश को भी विकास की नई ऊंचाई पर लेकर जाएगा।

रक्षा मंत्री सिंह ने पड़ोसी देश को चेतावनी देते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि केवल भारत का ही कल्याण न हो, बल्कि संपूर्ण विश्व का कल्याण होना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी हम पर हमला कर दे। जो छेड़ेगा, हम उसे छोड़ेंगे नहीं। पहलगाम में हमारे निर्दोष भाइयों की हत्या की गई थी। वे मानते थे कि हम शांत होकर बैठ जाएंगे। हमने संकल्प लिया कि मुंहतोड़ जवाब देंगे। हम हत्या में विश्वास नहीं करते, लेकिन हमने ठान लिया है कि हम धर्म देखकर नहीं, कर्म देखकर मारेंगे।

रक्षा मंत्री ने ब्रह्मा परियोजना (रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग इकाई) का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि ग्राम उमरिया में 60 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर 1800 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली ब्रह्मा परियोजना (बीईएमएल रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग) से भोपाल, रायसेन, सीहोर और विदिशा आदि जिलों को लाभ होगा। इन जिलों के तकनीकी संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल व नारायण सिंह पंवार, विधायक सुरेंद्र पटवा रहे।

उन्होंने कहा कि आज रायसेन के उमरिया में 1800 करोड़ की लागत से ग्रीनफील्ड रेल कोच फैक्टरी का भूमिपूजन हुआ है। इससे पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। रक्षा क्षेत्र के माध्यम से मध्य प्रदेश में जो भी हो सकेगा, मैं सदैव तैयार रहूंगा। मध्य प्रदेश प्राकृतिक सुंदरता के लिए देशभर में जाना जाता है। अब औद्योगिक विकास के लिए भी जाना जाएगा, लेकिन हमें पर्यावरण और विकास का संतुलन बनाना होगा। उद्योग धंधों में मध्य प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां 30 लाख करोड़ से अधिक का निवेश मिला है। मध्य प्रदेश सरकार ने 18 हजार हेक्टेयर का भूमि बैंक तैयार किए हैं। कनेक्टिविटी की सुविधा मुहैया कराई गई है। उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर में सबसे तेजी से भारत की अर्थव्यवस्था करीब साढ़े 6 फीसदी की गति से बढ़ रही है। आज देश की अर्थव्यवस्था डैशिंग और डायनामिक हो गई है।

उन्होंने केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि विकास को जो गति यहां शिवराज सिंह ने अपने कार्यकाल में दी थी, उसी कुशलता ओर तेजी के साथ हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव एमपी को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। गत 18 वर्षों की शिवराज जी की विरासत को आगे बढ़ाने का काम मोहन यादव कर रहे हैं।

भूमि पूजन कार्यक्रम को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 साल में पैंतीस हजार किमी पटरी बिछाई गई। देश को नई जनरेशन की ट्रेनें दी गई हैं। गत 11 वर्षों में 40 हजार कोचेस अपडेट किए हैं। ब्रह्मा इसी कड़ी में रेलवे का मजबूत साथी बनकर सामने आया है। मध्य प्रदेश में कोच फैक्टरी बनने से रेलवे का ईको सिस्टम आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री मोहन यादव और केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया।

 

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New Delhi, 10 अगस्त (हि.स.)। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है, क्योंकि पाकिस्तान के साथ हवाई संघर्ष के दौरान सरकार ने हमें पूरी छूट दी थी। पहली बार हमने राजनीतिक स्पष्टता देखी। किसी भी तरह की पाबंदी न होने से सेना कमांडरों को खुद फैसले लेकर अपने विवेक के अनुसार काम करने में मदद मिली।

सरकार की ओर से पूरी छूट दी गई थी कि आप तय करें कि क्या करना है: सेनाध्यक्ष

थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने यह टिप्पणी आईआईटी मद्रास में 4 अगस्त को एक कार्यक्रम के दौरान की थी, जिसकी अधिकृत जानकारी सेना ने रविवार को दी है।ऑपरेशन पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी कहते हैं कि 22 अप्रैल को पहलगाम में जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर दिया था।हमले के दूसरे दिन यानी 23 अप्रैल को हम सब बैठे। यह पहली बार था, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘बस बहुत हो गया।’ तीनों सेना प्रमुख इस बात पर बिल्कुल स्पष्ट थे कि कुछ तो करना ही होगा। सरकार की ओर से पूरी छूट दी गई थी कि आप तय करें कि क्या करना है। इस तरह का आत्मविश्वास, राजनीतिक दिशा और राजनीतिक स्पष्टता हमने पहली बार देखी।

9 में से 7 लक्ष्यों पर हमले को अंजाम दिया: सेनाध्यक्ष

उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व की स्पष्टता के चलते हमारे सेना कमांडर-इन-चीफ को जमीन पर रहकर अपनी बुद्धि के अनुसार काम करने में मदद मिली। 25 अप्रैल को हमने उत्तरी कमान का दौरा किया, जहां हमने सोचा, योजना बनाई, संकल्पना की और नष्ट किए गए 9 में से 7 लक्ष्यों पर हमले को अंजाम दिया और बहुत सारे आतंकवादी मारे गए। इसके बाद 29 अप्रैल को हम पहली बार प्रधानमंत्री से मिले। यह महत्वपूर्ण है कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने पूरे देश को एक साथ जोड़ा। यह कुछ ऐसा है, जिसने पूरे देश को प्रेरित किया। यही कारण है कि पूरा देश कह रहा था कि आपने इसे क्यों रोक दिया? यह प्रश्न पूछा जा रहा था और इसका पर्याप्त उत्तर दिया गया है।

आईआईटी मद्रास में संबोधन के दौरान थल सेनाध्यक्ष ने बताया कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में हमने शतरंज खेला। हमें नहीं पता था कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी और हम क्या करने वाले हैं। इसे ग्रेजोन कहते हैं, जिसका मतलब है कि हम पारंपरिक ऑपरेशन नहीं कर रहे हैं। हम जो कर रहे हैं, वह पारंपरिक ऑपरेशन से बस थोड़ा कम है। हम शतरंज की चालें चल रहे थे और वह (दुश्मन) भी शतरंज की चालें चल रहा था। कहीं हम उन्हें शह और मात दे रहे थे, तो कहीं हम अपनी जान गंवाने के जोखिम पर भी वार कर रहे थे, लेकिन ज़िंदगी का असली मतलब यही है।

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श्रीनगर, 9 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले अखल के जंगल में आतंकवादियों के साथ रात भर चली मुठभेड़ में सेना के दो जवान बलिदान हो गए जबकि दो अन्य घायल हो गए हैं। यह घाटी में सबसे लंबे आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक है जिसका शनिवार को नौवां दिन है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में मुठभेड़ में बलिदान हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए बताया गया है कि आतंकियों के साथ मुठभेड़ जारी है।

दक्षिण कश्मीर जिले के अखल के जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों द्वारा 1 अगस्त को घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद शुरू हुई। मुठभेड़ में अबतक दो आतंकवादी मारे गए हैं।

शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में चिनार कोर ने कहा कि चिनार कोर राष्ट्र के लिए कर्तव्य निभाते हुए बहादुर लेफ्टिनेंट कमांडर प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के सर्वाेच्च बलिदान का सम्मान करता है। उनका साहस और समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करेगा।

सेना ने कहा कि वह शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ी है। अधिकारियों ने बताया कि रातभर हुई गोलीबारी में दो अन्य जवान घायल हो गए जिससे घायल सुरक्षा बलों के जवानों की संख्या कुल 9 हो गई।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात और सेना के उत्तरी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा समेत वरिष्ठ पुलिस और सेना के अधिकारी चौबीसों घंटे ऑपरेशन पर कड़ी नज़र रख रहे हैं।

सुरक्षा बलों ने जंगल क्षेत्र में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है। पैरा कमांडो भी छिपे हुए आतंकवादियों को बेअसर करने में सुरक्षा बलों की सहायता कर रहे हैं।

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New Delhi, 09 अगस्त (हि.स.)। वित्त वर्ष 2024-25 में वार्षिक रक्षा उत्पादन बढ़कर 1,50,590 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष के 1.27 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन की तुलना में 18 फीसदी की वृद्धि और वित्त वर्ष 2019-20 के बाद से 90 फीसदी की आश्चर्यजनक वृद्धि है, जब यह आंकड़ा 79,071 करोड़ रुपये था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को भारत के मजबूत होते रक्षा औद्योगिक आधार का स्पष्ट संकेत बताया।

रक्षा उत्पादन की यह उपलब्धि भारत के मज़बूत होते औद्योगिक आधार का संकेत : रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह उपलब्धि हासिल करने में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों ने कुल उत्पादन में लगभग 77 फीसदी का योगदान दिया, जबकि निजी क्षेत्र का योगदान 23 फीसदी रहा। निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023-24 में 21 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 23 फीसदी हो गई। उद्योग के सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों ने पिछले एक दशक में दूरगामी नीतिगत सुधारों, व्यापार करने में आसानी और स्वदेशीकरण पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करने के कारण लगातार साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की है। वित्त वर्ष 2024-25 में डीपीएसयू और निजी क्षेत्र के कुल उत्पादन में क्रमशः 16 और 28 फीसदी की वृद्धि हुई है।

मंत्रालय ने बताया कि रक्षा उत्पादन में यह रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धि इसलिए हासिल हुई है, क्योंकि आयात पर निर्भरता कम करने और ऐसा रक्षा औद्योगिक परिसर बनाने पर जोर दिया गया है, जो न केवल भारत की जरूरतों को पूरा करे, बल्कि निर्यात की क्षमता को भी मजबूत कर सके। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात हुआ है, जबकि 2023-24 में 21,083 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। इस तरह देखा जाए तो रक्षा निर्यात आंकड़ों में 2,539 करोड़ रुपये या 12.04 फीसदी की वृद्धि हुई है।

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नई दिल्ली, 9 अगस्त (हि.स.)। भारतीय रेलवे ने आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने और उन्हें यात्रा में सुविधा देने के उद्देश्य से एक नई प्रायोगिक योजना की घोषणा की है। इस योजना का नाम “राउंड ट्रिप पैकेज फॉर फेस्टिवल रश” रखा गया है, जिसमें आने-जाने की यात्रा एक साथ बुक करने पर रिटर्न टिकट के बेस फेयर पर 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यह योजना 14 अगस्त से लागू होगी।

रेलवे बोर्ड द्वारा 8 अगस्त को जारी वाणिज्यिक परिपत्र के अनुसार इस योजना का लाभ उन्हीं यात्रियों को मिलेगा जो अपनी आवागमन दोनों यात्राएं एक साथ बुक करेंगे और दोनों टिकटों में यात्री विवरण समान होगा। छूट केवल उन्हीं टिकटों पर मिलेगी जो पूरी तरह से कन्फर्म हों, यानी प्रतीक्षा सूची वाले टिकट इसमें शामिल नहीं होंगे।

जाने की यात्रा के लिए टिकट 13 से 26 अक्टूबर के बीच और वापसी की यात्रा के लिए 17 नवम्बर से 1 दिसम्बर के बीच किसी भी तारीख हो सकती है। खास बात यह है कि वापसी यात्रा की टिकट बुकिंग के लिए एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (एआरपी) की बाध्यता नहीं होगी, जिससे यात्रियों को सुविधा होगी।

रेलवे ने यह स्पष्ट किया है कि इस योजना के अंतर्गत बुक की गई टिकटों में कोई रद्दीकरण, संशोधन या रिफंड नहीं किया जाएगा। टिकट में कोई रियायत, पास, पीटीओ या वाउचर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा और न ही किसी प्रकार का बदलाव स्वीकार किया जाएगा। इस योजना का लाभ सभी क्लास और ट्रेनों में मिलेगा, सिवाय फ्लेक्सी फेयर वाली ट्रेनों के। टिकट की बुकिंग के लिए यह भी शर्त रखी गई है कि दोनों यात्राएं एक ही माध्यम से बुक की जाएं, यानी या तो पूरी बुकिंग ऑनलाइन की जाए या फिर पूरी बुकिंग रेलवे रिज़र्वेशन काउंटर से की जाए।

रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवेज़ को निर्देशित किया है कि इस योजना का अधिकतम प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक यात्री इसका लाभ ले सकें। इसके लिए स्टेशनों पर घोषणाएं, मीडिया और अन्य माध्यमों से जानकारी साझा की जाएगी। साथ ही रेलवे की सूचना प्रणाली (क्रिस) और आईआरसीटीसी को आवश्यक तकनीकी बदलाव करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।

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श्रीनगर, 9 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम ज़िले के अखल के जंगल में शनिवार को नौवें दिन भी जारी है। मुठभेड़ में बीती रात भर हुई गोलीबारी में चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।

अधिकारियों ने बताया कि यह घाटी में सबसे लंबे आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक है। उन्होंने बताया कि अभियान शुरू होने के बाद से अब तक ग्यारह सुरक्षाकर्मी घायल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि अभियान अभी भी जारी है।

माना जा रहा है कि इस जंगली क्षेत्र में तीन स्थानों पर आठ आतंकवादी छिपे हुए हैं जो दिन के समय गोलीबारी करने से बच रहे हैं लेकिन रात को भागने के लिए तेज गोलाबारी कर रहे हैं। अखल का यह जंगल बहुत धना है जहां पर बहुत सी प्राकृतिक गुफाएं हैं जिसमें ये आतंकी छिपे हैं।

सुरक्षा बलों ने जंगल क्षेत्र में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया है। पैरा कमांडो भी छिपे हुए आतंकवादियों को मार गिराने में सुरक्षा बलों की मदद कर रहे हैं।

1 अगस्त को दक्षिण कश्मीर ज़िले के अखल के एक जंगल में सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवादियों की मौजूदगी की ख़ुफ़िया जानकारी मिलने के बाद घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद शुरू हुई मुठभेड़ में अब तक दो आतंकवादी मारे गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि पिछले शुक्रवार को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच शुरुआती गोलीबारी के बाद रात के लिए अभियान रोक दिया गया था लेकिन घेराबंदी को मज़बूत कर दिया गया और अतिरिक्त सुरक्षा बल इलाके में भेजे गए। अगले दिन जब गोलीबारी फिर से शुरू हुई तो दो आतंकवादी मारे गए। मारे गए आतंकवादियों की पहचान और उनके समूह का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

सुरक्षा बलों ने इलाके की कड़ी घेराबंदी कर रखी है और घने जंगलों में छिपे आतंकवादियों से मुठभेड़ जारी है।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात और सेना के उत्तरी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा सहित वरिष्ठ पुलिस और सेना के अधिकारी चौबीसों घंटे अभियान पर कड़ी नज़र रख रहे हैं।

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नई दिल्ली, 7 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी पर मिलीभगत से वोटर लिस्ट में फर्जी वोटर शामिल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों की मिलीभगत से देश के लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है और इससे चुनावों के नतीजों में हेरफेर हुआ है।

राहुल गांधी ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट और महादेवपुरा विधानसभा सीट के आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर आरोप लगाया कि इन इलाकों में करीब एक लाख वोटों की चोरी हुई है। उन्होंने दावा किया कि सिर्फ इन दो क्षेत्रों की 6.26 लाख वोटर लिस्ट में 1,00,250 वोट संदिग्ध पाए गए हैं। उन्होंने इस डाटा के विश्लेषण से 6 लाख 25 हजार कुल वोटरों में 1,00,250 वोटर फर्जी होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि 11,965 डुप्लीकेट वोटर, 40,009 फर्जी या अमान्य पते मिले, 10,452 एक ही पते पर असामान्य संख्या में वोटर पाए गए, 4,132 लोगों की अमान्य या गायब तस्वीरें मिलीं और 33,692 फॉर्म 6 का दुरुपयोग के मामले सामने आए हैं।

उन्होंने कहा कि इस जांच को पूरा करने में छह महीने लगे और इस दौरान चुनाव आयोग ने किसी तरह की मदद नहीं की, बल्कि जरूरी डेटा देने से इनकार करता रहा। हमें पहले से संदेह था कि देश में चुनावी प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ चल रही है। हरियाणा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बार-बार भाजपा की जीत के पीछे झूठे नैरेटिव गढ़े जाते रहे हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर हो या पुलवामा हमला, ‘लाडली बहना’ योजना हो या कोई और भावनात्मक मुद्दा, हर चुनाव में माहौल भाजपा के पक्ष में बनाया गया। इसके बाद चुनाव आयोग का शेड्यूल ऐसा तय होता है जिससे भाजपा को फायदा मिले। पहले जब कागज के बैलेट होते थे, तो देश एक दिन में मतदान कर लेता था। अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन होने के बावजूद मतदान महीनों तक चलता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में पांच चरण, महाराष्ट्र में तीन-चार चरण और असम, हरियाणा जैसे राज्यों के मतदान समय में बदलाव को लेकर भी सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ने चुनाव आयोग से डिजिटल वोटर लिस्ट मांगी तो आयोग ने इनकार कर दिया। बार-बार डेलीगेशन भेजे गए, पत्र लिखे गए, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। जब महाराष्ट्र में साढ़े पांच बजे की सीसीटीवी फुटेज मांगी गई तो चुनाव आयोग ने कहा कि उसे 45 दिन में नष्ट कर दिया जाएगा। राहुल ने सवाल उठाया कि 21वीं सदी में, जब अनलिमिटेड डेटा एक हार्ड ड्राइव में स्टोर किया जा सकता है, तो सीसीटीवी फुटेज या अन्य सूची क्यों नष्ट की जा रही है? उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने जांच की शुरुआत कर्नाटक से की। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें भारी मात्रा में कागजी दस्तावेज दिए। करीब दो से तीन सौ किलो। इस डेटा को डिजिटल करने और विश्लेषण करने में छह महीने लग गए।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि फॉर्म 6, जो नए वोटरों के लिए होता है, उसका जबरदस्त दुरुपयोग किया गया। 70 साल की महिला को ‘फर्स्ट टाइम वोटर’ दिखाकर दो बार फॉर्म भरे गए और दोनों बार वोटिंग दर्ज की गई। यही कारण है कि चुनाव आयोग सीसीटीवी फुटेज छुपा रहा है, क्योंकि वह नहीं चाहता कि असली गड़बड़ी उजागर हो।

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देहरादून, 07 अगस्त (हि.स.)। उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल में बादल फटने व बाढ़ के बाद आज तीसरे दिन गुरुवार सुबह से राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह उत्तरकाशी में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर धराली क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में शुरू हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया में जारी पोस्ट में लिखा है कि कहा कि, ‘आज प्रातःकाल से ही हेली रेस्क्यू शुरू किया जा चुका है। यात्रा मार्ग बाधित होने के कारण फंसे हुए लोगों को मातली हेलीपैड, उत्तरकाशी सुरक्षित लाया जा रहा है।’ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमों के साहस और समर्पण की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विषम परिस्थितियों में भी दल निष्ठा और कार्य कुशलता का आपदा प्रबंधन में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

ऑपरेशन के दौरान अब तक कई लोगों का रेस्क्यू किया गया है जबकि आर्मी के जवानों समेत कई लोग अभी भी लापता हैं।

राज्य आपदाकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक गुरुवार को अबतक 43 लोगों सुरक्षित बचाया गया है। इनमें से ज्यादातर तीर्थयात्री हैं। जलगांव (महाराष्ट्र) निवासी अनामिका मेहरा ने सपरिवार रेस्क्यू किए जाने पर सरकार का आभार जताया।

इसके अलावा मातली से हर्षिल के बीच शटल सेवा शुरू हो गई है। उकाडा के कुल 08 हेलीकॉप्टर शॉर्टी कर रहे हैं। राजपूताना राइफल्स के 150 जवान, 100 आईटीबीपी कर्मी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में लगी हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर उपचार कर रही हैं। देहरादून, कोरोनेशन और एम्स ऋषिकेश में आईसीयू व जनरल बेड आरक्षित हैं।

एसडीआरएफ के पुलिस महानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी ने बताया कि रेस्क्यू अभियान में जुटी सभी एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं। प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि हर प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाना और सामान्य स्थिति बहाल करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।

लगातार बारिश से उत्तराखंड के अन्य क्षेत्रों में भी जनजीवन प्रभावित हुआ है। पहाड़ से मैदान तक हो रही बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पौड़ी गढ़वाल, चमोली, हरिद्वार और रुद्रप्रयाग समेत कई जिलों में बारिश और भूस्खलन से सड़कों को नुकसान पहुंचा है, जबकि कुछ स्थानों पर जानमाल की हानि हुई है।

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नई दिल्ली, 7 अगस्त (हि.स.)। उप राष्ट्रपति पद के लिए गुरुवार 7 अगस्त से चुनावी प्रक्रिया शुरू हो रही है। आज उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। एक से ज्यादा उम्मीदवार होने पर 9 सितंबर को इसके लिए मतदान होगा।

उल्लेखनीय है कि 22 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने स्वास्थगत कारणों से अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद से उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारों को लेकर चर्चाएं तेज थीं।

उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए 7 अगस्त को अधिसूचना जारी की जाएगी। 21 अगस्त को नाम निर्देशन करने की अंतिम तारीख है। 22 अगस्त को नामांकन पत्रों की समीक्षा की जाएगी। 25 अगस्त तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। इस पद के लिए एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 9 सितंबर को चुनाव होगा। जिसमें राज्यसभा के 233 सदस्य, 12 राज्यसभा के नामित सदस्य और 543 लोकसभा के सदस्य मतदान करेंगे।

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (हि.स.)। भारत ने अमेरिका की ओर से लगाए गए 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ को अनुचित करार देते हुए कहा कि देश अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठायेगा।

भारत का कहना है कि अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों में रूस से आयात कर रहे हैं। ऐसे में भारत पर टैरिफ लगाना अनुचित और समझ से परे है।

अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से जारी टैरिफ संबंधी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उक्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अमेरिका की ओर से भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठायेगा।

प्रवक्ता ने कहा कि हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है। हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है। हमारा आयात बाजार कारकों पर आधारित है तथा इसका समग्र उद्देश्य भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड रोमुयल्डेज मार्कोस जूनियर का स्वागत किया। यह उनकी भारत की पहली राजकीय यात्रा है। राष्ट्रपति मुर्मु ने उनके सम्मान में एक भव्य रात्रिभोज का भी आयोजन किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत और फिलीपींस के बीच संबंध प्राचीन सभ्यताओं के संपर्क, ऐतिहासिक संबंधों और साझा मूल्यों पर आधारित हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच सहयोग बहुआयामी है, जिसमें उच्च स्तरीय सतत संपर्क, व्यापार और वाणिज्य, समुद्री क्षेत्र सहित रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग, विकास भागीदारी, स्वास्थ्य और दवा क्षेत्र में सहयोग, कृषि, डिजिटल और वित्तीय प्रौद्योगिकियां, संस्कृति, पर्यटन तथा जनता से जनता के स्तर पर संपर्क शामिल हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत और फिलीपींस के संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक उठाना हमारे आपसी सहयोग को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी न केवल दोनों देशों के नागरिकों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि की आधारशिला भी है।

राष्ट्रपति मुर्मु ने इस अवसर पर कहा कि फिलीपींस भारत की एक्ट ईस्ट नीति, विजन महासागर और इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। उन्होंने फिलीपींस को अगले वर्ष आसियान की अध्यक्षता के लिए शुभकामनाएं भी दीं।

राष्ट्रपति मुर्मु ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने और आतंकवाद के विरुद्ध भारत के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए फिलीपींस सरकार का आभार प्रकट किया।

उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत, फिलीपींस के साथ विकास सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें त्वरित प्रभाव परियोजनाओं का कार्यान्वयन भी शामिल है, जो स्थानीय समुदायों के दैनिक जीवन पर सीधा सकारात्मक प्रभाव डालती हैं।

राष्ट्रपति ने यह भी रेखांकित किया कि दोनों देशों की समुद्री क्षेत्र में साझा रुचियां और चिंताएं हैं, विशेषकर मानवता सहायता एवं आपदा राहत और खोज एवं बचाव के क्षेत्रों में। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भारत और फिलीपींस एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं।

राष्ट्रपति मुर्मु और राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर ने इस बात पर सहमति जताई कि यह यात्रा, जो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है, आपसी साझेदारी को और सुदृढ़ करने में मील का पत्थर साबित होगी।

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New Delhi, 5 अगस्त (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को एक अनोखा कीर्तिमान अपने नाम कर लिया। वे अब देश के सर्वाधिक लंबे समय तक गृहमंत्री रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं

अमित शाह ने लालकृष्ण आडवाणी को छोड़ा पीछे 

अमित शाह ने इस पद पर 2,258 दिन (6 साल 65 दिन) पूरे कर लिए हैं, जिससे उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी के 2,256 दिन (6 साल 64 दिन) के कार्यकाल को पीछे छोड़ दिया है। आडवाणी इस पद पर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक रहे। तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।

नरेन्द्र मोदी ने गृहमंत्री के रूप में अमित शाह के योगदान की तारीफ की

संसद भवन के जीएमसी बालयोगी सभागार में राजग संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गृहमंत्री के रूप में अमित शाह के योगदान की तारीफ की। प्रधानमंत्री ने देश के सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री रहने पर अमित शाह को बधाई दी।

उल्लेखनीय है कि अमित शाह ने 30 मई 2019 को गृहमंत्री पद पर अपनी जिम्मेदारी संभाली थी। प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में राजनाथ सिंह गृह मंत्री बनाए गए थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने रिकॉर्ड जीत हासिल की, उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में अमित शाह को गृहमंत्री बनाया गया था और वर्तमान में भी वह इस पद पर कार्यरत हैं। 10 जून 2024 को अमित शाह दूसरी बार गृहमंत्री बने।

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