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जिला स्कूल में सिर्फ जयंती पर याद किए जाते हैं प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद

Chhapra: भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती 3 दिसंबर को मनाई जाती है. महापुरुषों की जयंती पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है लेकिन राजेंद्र बाबू की जयंती पर साधारण कार्यक्रम तक सीमित कर दिया जाता है.

जिला स्कूल में स्थापित राजेंद्र बाबू की प्रतिमा गौरव तो जरूर महसूस कराती है लेकिन स्थापित प्रतिमा के समीप मेन गेट बंद होने से मानो ऐसा प्रतीत होता है कि उनको कैद कर दिया गया है.

बात राजेंद्र उद्यान की करें या फिर परिसर की तो दोनों की हालत बेहद खराब है साफ सफाई नहीं होने से जंगल जैसी स्थिति उत्पन्न है.

अक्सर जिला स्कूल के प्रांगण में स्थापित राजेंद्र बाबू की प्रतिमा उनके जयंती और पुण्य तिथि पर ही साफ सफाई की जाती है अन्यथा कोई सुद लेने वाला भी नहीं रहता है. हालांकि इस वर्ष कोविड-19 बहाना देखने को मिला है लेकिन पिछले कई वर्षों से इस तरह की स्थिति उत्पन्न है.

प्राचार्य मुनमुन प्रसाद श्रीवास्तव कहते है कि जिला स्कूल के गौरव को जीवित रखने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहें है. परिसर की साफ़-सफाई भी करायी जा रही है. कोविड संक्रमण के मद्देनजर कुछ परेशानी आई थी जिसे अब दूर कर लिया जायेगा. विद्यालय का पुराना गौरव बरकरार रहे इसके लिए सभी प्रयत्न किये जा रहें है.

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