Site icon | छपरा टुडे डॉट कॉम | #ChhapraToday.com

सांसद सिग्रीवाल ने उठाया भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का मुद्दा

Chhapra: भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग लगातार उठती रही है. भोजपुरी क्षेत्रवासी हमेशा से चाहते हैं कि भोजपुरी संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हो जाए.

महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने लोगों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए मंगलवार को संसद में नियम 377 के अधीन सूचना के अंतर्गत इस मामले को उठाया.

इसे भी पढ़ें: सासंद रूडी ने अपनी ही सरकार को संसद में घेरा, बिहार में पर्यटन की अनदेखी को लेकर उठाए सवाल

सांसद सिग्रीवाल ने संसद में मांग उठाते हुए कहा कि अभिव्यक्ति के लिए भाषा की महत्ता और अनिवार्यता कितनी है हम सभी इस से अवगत हैं. इसी कारण व्यक्ति अपने अपने क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषाओं के विकास, प्रचार, प्रसार और मान्यताओं के लिए हमेशा प्रयासरत रहता है. हमारे देश में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं इन्हीं भाषाओं में से एक प्राचीन भाषा का भोजपुरी भी है. यह भाषा विश्व के कई देशों तथा देश के कई राज्यों में करोड़ों करोड़ों लोगों द्वारा बोली और समझी जाती है.

इतनी प्राचीन और बड़े भूभाग में बड़ी जनसंख्या में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित किए जाने हेतु देश के अनेक संगठनों, प्रतिनिधियों द्वारा बहुत लंबे समय से संसद से लेकर सड़क तक आवाज उठाई जाती रही है. पूर्व की सरकारों द्वारा कई बार आश्वासन दिया गया की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने हेतु शीघ्र आवश्यक कदम उठाया जाएगा. इसके बावजूद आज तक भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित नहीं किया जा सकता है.

सांसद सिग्रीवाल ने लोकसभा के अध्यक्ष के माध्यम से सरकार से विशेष आग्रह करते हुए कहा कि भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने हेतु शीघ्र आवश्यक कदम उठाया जाए. जिससे कि देश के अंदर वास कर रहे करोड़ों लोगों की भावनाओं और उनके विश्वास का आदर हो सके.

 

Exit mobile version