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एमएलसी चुनाव के भावी प्रत्याशी डॉ लाल बाबू यादव ने शिक्षकों के प्रस्तावित हड़ताल पर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

Chhapra: सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के भावी प्रत्याशी प्रो.(डॉ.) लाल बाबू यादव ने शिक्षकों के प्रस्तावित हड़ताल पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.

पत्र में उन्होंने कहा है कि, राज्य के लगभग साढ़े चार लाख सभी कोटि के नियोजित शिक्षक (केजी से लेकर पीजी तक)17 फरवरी से समान कार्य के बदले समान वेतन की मांग तथा अपने सहयोगी स्थाई शिक्षकों के समान सेवाशर्त ,चिकित्सा, स्थानांतरण आदि की मांग को लेकर अनिश्चतकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं जिससे सम्पूर्ण राज्य में सभी स्तरों पर पठन पाठन ठप्प हो जाएगा तथा मैट्रिक परीक्षा के संचालन एवम् उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी पूर्ण रूप से प्रभावित हो जाएगा.

अपनी उपरोक्त मांगों के लिए शिक्षकगण पिछले पांच वर्षों से लगातार विभिन्न तरीकों से संघर्ष करते आ रहे हैं परन्तु सरकार ने इन समस्याओं के समाधान के लिए अबतक कोई ठोस पहल नहीं की है.

शिक्षकों के इस मामले में माननीय पटना उच्च न्यायालय ने भी शिक्षकों के पक्ष में भी अपना निर्णय दिया परन्तु आपकी सरकार ने इसे लागू ना कर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से अनावश्यक कानूनी दावपेंच में उलझा दिया.

भारतीय संविधान की धारा 14 के अनुसार कोई भी सरकार एक हीं तरह के मामले में दो अलग अलग तरीके की निर्णय नहीं कर सकती परन्तु यहां एक हीं तरह से पठन पाठन के मामले में नियोजित शिक्षकों एवं स्थाई शिक्षकों को अलग अलग वेतनमान दिए जा रहे हैं जो संविधान की भावना के प्रतिकूल हैं जिसका आपने शपथ लिया है.

17 फरवरी से होने वाले हड़ताल के संबंध में सरकार के बड़े अधिकारी शिक्षकों के दमन के लिए तरह तरह के निर्देश यथा वेतन भुगतान पर रोक निलंबन, बर्खास्तगी तथा अन्य दमनात्मक कारवाइयों की धमकियां देकर शिक्षकों का मनोबल तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जो अनावश्यक एवं निंदनीय है। हम सभी जानते हैं कि शिक्षकों के ऊपर हमारे नौनिहालों के भविष्य संवारने का दायित्व है इस लिए उन्हें राष्ट्र निर्माता भी कहा जाता हैं परन्तु उनकी मांगों की अनसुनी कर उन्हें धमकी देना मानवीय गरिमा के प्रतिकूल है.

उन्होंने तथ्यों के आलोक में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप कर मांगों के संबंध में सकारात्मक निर्णय लेकर प्रस्तावित हड़ताल को समाप्त कराने की मांग की है. ताकि राज्य में पठन पाठन एवं परीक्षा संचालन का कार्य बिना किसी अवरोध के संपन्नहो सके.

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