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जन गण मन यात्रा के तहत छपरा पहुंचे कन्हैया कुमार, केंद्र सरकार पर जमकर बोला हमला

Chhapra: जेएनयू के पूर्व छात्र अध्यक्ष कन्हैया कुमार जन गण मन यात्रा के तहत छपरा के हवाई अड्डा मैदान पहुंचे. जहां जनसभा को संबोधित किया और 29 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में आने को कहा.

संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अपने आसपास के विद्यालयों में घूम कर के देखिए कहीं भी पढ़ाई तो दूर प्रयोगशाला की सुविधा नहीं है. 3 साल की पढ़ाई 5 साल में पूरी होती है. युवा रोज सुबह उठकर फील्ड का चक्कर लगाते हैं और उम्मीद करते हैं कि नौकरी होगी. लेकिन जब एग्जामिनेशन हॉल में जाते हैं तो पता चलता है की प्रश्न पत्र लीक हो गया है.

उन्होंने कहा कि बिहार का सबसे बड़ा मुद्दा है कि बिहार के लोग अपनी मां को, अपनी बहन को, अपने परिवार को, अपने त्यौहार को, अपनी संस्कृति को, अपनी मिट्टी को, अपना घर छोड़कर काम करने के लिए बाहर जाना पड़ता है. जब हम बाहर जाकर काम करते हैं जब पैसा मांगते हैं, तो समय पर पैसा नहीं मिलता है. काम का पैसा देने के बजाय हमें अपमानित किया जाता है.

कोपा में हुए हमले पर बोले कन्हैया कुमार

उन्होंने कहा कि शेम कहने से नहीं होगा, चिंता करने की जरूरत है इस बात के लिए चिंतित हो जाइये की ऐसे नौजवान के दिमाग मे अपनी संस्कृति को अपमानित कौन कर रहा है. जब कोई आता है तो उसका स्वागत पत्थर से किया जा रहा है, यह हमारी संस्कृति नही है.

उन्होंने कहा कि नफरत को हराने के लिए किसी से नफरत मत कीजिए, अगर नफरत को हराने के लिए नफरत करेंगे तो अंततः वह जीत जाएंगे. हमारे नौजवानों के दिमाग से बेरोजगारी से भटकाकर हिंदू मुस्लिम किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इस देश में भेदभाव नहीं बर्दाश्त किया जाएगा. 1947 में जो हमें आजादी मिली थी. उसको बचाने की जरूरत है. भारत मां के 4 सिपाही हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई. गरीब के बच्चों के हाथ में रोड थमा दिया गया है और अमित शाह के बेटे के हाथ में बीसीसीआई का पद थमा दिया गया है.

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कन्हैया कुमार ने कहा कि अगर आपने दिल किसी को दे दिया है कोई बात नहीं. लेकिन थोड़ा सोचिए क्या सही है और क्या गलत है. सही के लिए आवाज उठाना ही देशभक्ति है. जब आप सच के साथ खड़े होंगे तो तरह-तरह से आपको अपमानित किया रहा है.

उन्होंने कहा कि हमारे साथ एक जनसभा में खड़े लोग बिकाऊ नहीं है. देश इस वक्त संकट की घड़ी में खड़ा है. हमें हक अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं. 1947 में जो हम आजादी मिली थी उसे बचाना है. सीए के नाम पर एक बड़ी साजिश इस देश में रची गई है.

उन्होंने कहा कि हम लंदन से नहीं आए हैं हम भी बिहारी हैं हम भी यही के जन्मे हैं धर्म को बचाने का नाटक नहीं चलेगा इन लोगों के कई जन्मों से पहले से यह धर्म था और इनके आने वाले पुस्तक के बाद भी यह धर्म रहेगा जिस वक्त आप हिंदू मुस्लिम का चर्चा कर रहे हैं वही सरकार सरकारी कंपनी को बेच रही है और प्राइवेट कंपनी धन धना धन हो रहा है रेलवे बिक रहे हैं रोज नौकरी खत्म हो रही है.

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