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प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 के मंच से दुनिया को दिया ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ का मंत्र

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विश्व नेताओं को ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ का मंत्र दिया है, जिसके जरिए मौजूदा कोरोना महामारी और भविष्य की ऐसी किसी भी महामारियों का मुकाबला किया जा सके।

ब्रिटेन के कॉर्नवाल में चल रही विकसित देशों के समूह जी-7 की शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिरकत की। इस दौरान मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी से दुनिया को यह सबक मिलता है कि ऐसी वैश्विक चुनौतियों का सामना एक साथ मिलकर ही किया जा सकता है। दुनिया के विभिन्न देशों के लोगों का स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़ा हुआ है, इसलिए हमें ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ के मंत्र के साथ अपनी रणनीति तैयार करनी चाहिए।

शिखर वार्ता के कक्ष में हर विश्व नेता के सामने एक स्क्रीन लगाई गई थी, जिसके जरिए वे नरेन्द्र मोदी के साथ संवाद कर सकते थे। मोदी के वैश्विक मंत्र की जी-7 के नेताओं ने समर्थन व सराहना की। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने मोदी के इस मंत्र का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए इससे अपनी सहमति जताई।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चिकित्सा संबंधी ऐसी आपदा के दौरान लोकतांत्रिक और पारदर्शिता पर आधारित देशों की विशेष भूमिका है। उन्होंने कहा कि भविष्य में आने वाली किसी महामारी का मुकाबला विश्वस्तर पर एकता, नेतृत्व क्षमता और एकजुटता के जरिए ही किया जा सकता है।

उन्होंने विश्व व्यापार संगठन में वैक्सीन को बौद्धिक संपदा नियमों से छूट दिए जाने के भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव के प्रति जी-7 के नेताओं के समर्थन का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत विश्व स्तर पर स्वास्थ्य प्रबंधन को बेहतर बनाने के सामूहिक प्रयासों में योगदान करने के लिए तैयार है।

मोदी ने कोरोना महामारी का सामना करने के लिए भारत में किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस काम में पूरे समाज को साथ लेकर चलने की कोशिश की गई। सरकार, उद्योग जगत और समाज जीवन के विभिन्न वर्गों के साथ तालमेल कायम किया गया।

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