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सारण में अवैध शराब का धंधा जोरों पर, पुलिसिया दबिश के बावजूद कारोबारियों के हौसले बुलंद

छपरा: सूबे में पूर्णशराबबंदी कानून के लागू होने के बाद सारण पुलिस ने युद्धस्तर पर छापेमारी अभियान चलाकर अवैध शराब का धंधा चला रहे कारोबारियों पर नकेल कसने की भरपूर कोशिश की है, बावजूद इसके अवैध धंधेबाजों के हौसले इन दिनों सातवें आसमान पर हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस प्रशासन को बिहार में शराब पीने और किसी भी रूप में इसका कारोबार करने वाले लोगों को सख्त सजा देने का निर्देश दिया है, इस बाबत कड़े कानून का भी प्रावधान किया गया है. इसके बाद भी जिले में ऐसे कई धंधेबाज हैं जो गुप्त रूप से अवैध शराब निर्माण की भट्ठियां चला रहे हैं.

बीते दिनों पुलिस कप्तान पंकज कुमार राज के निर्देश पर एएसपी मनीष कुमार के नेतृत्व में जिले के दियारा क्षेत्रों में ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान चलाकर सैकड़ों लीटर अवैध शराब के साथ कई धंधेबाजों को गिरफ्तार किया गया था, इस दौरान पुलिस ने शहर के सोनारपट्टी स्थित निचले दियारा क्षेत्र, मुफस्सिल थानाक्षेत्र के बिनटोलिया तथा रिविलगंज थानाक्षेत्र के दिलीया रहीमपुर इलाकों में एक के बाद एक छापेमारी कर अवैध धंधेबाजों के बीच हड़कंप मचा दिया था.

पुलिस के द्वारा की गई इस सघन छापेमारी के बाद ऐसा लगा कि इन धंधेबाजों में इस करवाई का असर देखने को मिलेगा और अवैध शराब निर्माण पर काबू पाया जा सकेगा, किन्तु इस घटना के बाद भी कारोबारियों के हौसले बुलंद दिखे और इनके द्वारा फिर से गुप्त रूप से शराब निर्माण का धंधा चलाने की बात उजागर हुई.जानकारी मिलते ही पुलिस ने पुनः इन इलाकों में छापा मारकर भट्ठियों को ध्वस्त किया और शराब भी जब्त कर लिया.

पुलिस के कारवाई के बाद भी अवैध कारोबारियों के इस दुस्साहस को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि इनके अंदर से पुलिस का खौफ समाप्त हो चुका है. पुलिस अवैध भट्ठियां तोड़ती है, धंधेबाजों को गिरफ्तार भी करती है,पर पुलिस के जाते ही फिर से अवैध निर्माण शुरू हो जाता है. पुलिस की करवाई और कड़े सजा के प्रावधान के बावजूद इन कारोबारियों में दहशत का ना दिखना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.

ये पुलिस की असफलता है या अवैध कारोबारियों का बेख़ौफ़ होना इस बात पर एक गंभीर विचार की आवश्यकता है, किन्तु ये बात भी तय है कि अगर पुलिस पूरी तन्मयता से निर्णय कर ले तो शराब के कारोबार पर 24 घंटों के अंदर लगाम लगाया जा सकता है. पुलिस सक्रीय है पर असली सफलता तभी मिलेगी जब ऐसे कारोबारियों को जड़ से ख़त्म किया जा सकेगा और शराब और उससे जुड़े धंधेबाजों में पुलिस का खौफ पैदा होगा.

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