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सरकारी स्कूलों में वार्षिक परीक्षा प्रारंभ, कहीं ब्लैकबोर्ड से उतारकर तो कही फोटोस्टेट पर छात्रों ने दी परीक्षा

सरकारी स्कूलों में वार्षिक परीक्षा प्रारंभ, कहीं ब्लैकबोर्ड से उतारकर तो कही फोटोस्टेट पर छात्रों ने दी परीक्षा

Chhapra: सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले वर्ग 5वी एवं 8वी के छात्र छात्राओं की परीक्षा प्रारंभ हुई. अव्यवस्था के बीच प्रारंभ हुई इस वार्षिक परीक्षा में स्कूली बच्चों को प्रश्नपत्र भी नसीब नही हुआ. आलम यह था बच्चों के लिए प्रश्नों को बोर्ड पर लिखा गया वही कई स्कूलों में फोटो स्टेट प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए गए. जिसके पैसे भी 30 से 50 रुपये तक छात्रों से ही लिए गए.

सोमवार से राज्य निदेशालय के निदेश पर पांचवी और आठवीं के छात्र छात्राओं की परीक्षा संचालित हुई. परीक्षा को लेकर पूर्व से विभाग सक्रिय था. लेकिन इस सक्रियता की सत्यता तब सामने आई जब जिले के लगभग विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं में से परीक्षा कक्ष में उपस्थित बच्चों को भी शत प्रतिशत प्रश्नपत्र नही मिल पाया. बच्चें प्रश्न के इंतेज़ार में बैठें रहे.

पहले दिन निर्धारित समय से परीक्षा विलंब से शुरू हुई. जिसमे कई विद्यालयों में छात्रों को प्रश्नपत्र मिला, वही कई विद्यालयों में बोर्ड पर ही प्रश्नों को लिखा गया जिसके बाद छात्रों ने अपनी कॉपी के पन्ने पर उत्तर दिया. वही कई विद्यालयों में फोटो स्टेट प्रश्नपत्र पर उत्तर लिखा. हालांकि कुछ ऐसे भी स्कूल मिले जहाँ छात्रों से फोटो स्टेट के पैसे लेकर प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए गए.

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निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे करने वाली सरकार में ऐसा हाल कभी नही था. स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या प्रखंड से लेकर जिला एवं राज्य तक कक्षावार छात्रों की संख्या की जानकारी है. ऐसे में बच्चों को प्रश्नपत्र ना मिलना समझ से पड़े है. सरकार शिक्षा के नाम पर करोड़ों खर्च करती है. लेकिन अंतिम चरण में जब वार्षिक परीक्षा में भी फोटो स्टेट प्रश्नपत्रों से परीक्षाएं आयोजित हो, बच्चों से फोटो स्टेट प्रश्नपत्र के पैसे लिए जाए ऐसे में उन करोड़ों खर्च का क्या उद्देश्य बचता है.

वार्षिक परीक्षाएं प्रारंभ हो चुकी है. जिसमे वार्षिक परीक्षा 2021-22 की जगह 2020 ही प्रकाशित है. ऐसे में एक बड़ी राशि जो प्रश्नपत्र के नाम पर कहा खर्च हो रही है. यह जांच का विषय है.A valid URL was not provided.

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