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कोरोना गाइडलाइंस की उड़ रही धज्जियां, पाबंदियों और संक्रमण के खतरे के बीच राजनीतिक दलों के कार्यक्रम जारी

Chhapra: कोरोना की तीसरी लहर के दौरान राजनीतिक कार्यक्रमों पर लगी पाबंदी के बावजूद जिले में धड़ल्ले से कार्यक्रम आयोजित हो रहें है. ऐसी हालत तब है जब खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट के कई मंत्री भी कोरोना के संक्रमण की चपेट में आ गए है.

कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए स्कूल-कालेज, शॉपिंग मॉल, सिनेमाघर, जिम जैसे प्रतिष्ठानों को बंद रखा गया हैं वही दूसरी ओर जिले में राजनीतिक दलों के द्वारा लगातार भीड़भाड़ युक्त कार्यक्रम किये जा रहें हैं.  जिसमे भीड़ जुटने से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. खास बात तो यह है कि इन कार्यक्रमों में संवैधानिक पदों पर आसीन माननीय लोग भी शामिल हो रहें हैं. 

राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश

कोविड गाइडलाइन्स को फॉलो करने के नाम पर केवल मास्क पहना जा रहा है. वही कैमरे की नजर में खुद की पहचान लोगों तक पहुंचाने के लिए मास्क हटा कर तस्वीरें भी खूब खिंचवाई जा रही हैं. वहीँ मास्क वितरण कर यह जताने की कोशिश भी की जा रही है कि COVID PROTOCOL का ध्यान रखा जा रहा है. लगी पाबंदियों के बावजूद कार्यक्रम के आयोजन में सत्तारूढ़ दल के साथ विपक्ष भी पीछे नही है. जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि इन्हें अपनी जिम्मेवारियों से कोई लेना देना नहीं है.

बिहार में कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर दिनांक 04 जनवरी 2022 को मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि “सभी प्रकार के सार्वजनिक एवं निजी प्रकार के सामाजिक/ राजनीतिक/ मनोरंजन/ खेल कूद/ शैक्षणिक/ सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन 50% क्षमता एवं अधिकतम 50 व्यक्तियों की अधिसीमा (जो भी कम हो) तथा कोविड-19 व्यवहार एवं अद्यतन मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनिवार्य अनुपालन के साथ आयोजित किए जा सकेंगे. आयोजनों के लिए जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी”

सरकार द्वारा जारी इस आदेश का उल्लंघन करते पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51-60 एवं भारतीय दंड विधान की धारा 188 के प्रावधानों के अंतर्गत दंडात्मक कार्यवाही करने के निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए गए हैं.

ऐसे में जिले में आयोजित हो रहे राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए क्या जिला प्रशासन पूर्व से अनुमति दे रहा है? राजनीतिक कार्यक्रमों को जिला प्रशासन आखिर किस मजबूरी के कारण नही रोक पाए रहा है यह समझ से परे है.

अब देखने वाली बात होगी कि आम लोगों पर कोविड प्रोटोकॉल का डंडा चलाने वाला प्रशासन कब जगता है और कार्रवाई कर भी पाता है या नही!

 

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