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किसानों के विकास के बिना गाँधी के सत्याग्रह का स्मरण अधूरा: प्रवीन तोगड़िया

छपरा: विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष  डॉ प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है सम्मान का भी कार्यक्रम हो रहा है लेकिन यह सत्याग्रह किसानों के लिए था. जबतक देश में किसानों को गरीबी से, कर्ज से, आत्महत्या से मुक्ति नही मिलेगी तब तक सही मायनों में चंपारण सत्याग्रह का स्मरण अधुरा है.

श्री तोगड़िया एक शादी समारोह में शामिल होने छपरा पहुंचे थे. इस दौरान पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि सरकार कहती है हम विकास कर रहे है, लेकिन विकास दिख नही रहा. उन्होंने कहा कि आजादी के समय देश की आमदनी में कृषि का योगदान 44 प्रतिशत था. वर्तमान में किसानों की संख्या तीन गुनी बढ़ी है 20 करोड़ से आज किसानों की संख्या 70 करोड़ पहुँच चुकी है. लेकिन देश की आमदनी में कृषि का योगदान 14 प्रतिशत रह गया है. किसानों की आय 100 में से 10 प्रतिशत रह गयी है. 52 प्रतिशत से ज्यादा किसान कर्जदार है. प्रति आधे घंटे पर किसान आत्महत्या कर रहे है. उन्होंने कहा की सरकार किसानों के खेतो में पानी, बिजली, उत्पादन का योग्य मूल्य और कृषि उत्पादन को एग्रो प्रोसेस इंडस्ट्रीज की मदद से लाभ दिलवाए. तभी जाकर उनका विकास संभव है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

जम्मू कश्मीर में सेना पर हुए हमले में को लेकर उन्होंने कहा कि सेना पर हमला देश के विरुद्ध युद्ध है और देश के विरुद्ध युद्ध का उत्तर बम और गोलियों से दिया जाता है. उन्होंने सैनिको पर किये गए मुक़दमे को लेकर जम्मू सरकार से पूछा कि वह देश की सेना के साथ है पाकिस्तानियों के साथ.

एक प्रश्न के जबाब में उन्होंने कहा कि सभी जगह अपनी सरकार है. चाहे वह सरकार योगी आदित्य नाथ की हो या ममता बनर्जी की या फिर नितीश कुमार की. हम सभी सरकारों से अच्छा काम करने की आशा व्यक्त व्यक्त करते है. clinical establistment act को लेकर उन्होंने कहा कि देश में दो तिहाई मेडिकल सेवा प्राइवेट के डॉक्टर के द्वारा किया जाता है. जो opration 10 से 15 हजार रूपये में हो सकता है उसी opration के कॉर्पोरेट अस्पतालों में 3 गुनी ज्यादा महँगी 70 हजार रूपये लगेगे. उन्होंने गरीबो के लिए clinical establistment act पर पुनर्विचार करने को कहा.

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