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यहाँ यात्री रोजाना जान जोखिम में डाल करते हैं सफ़र

छपरा: जिले में रेलवे के माध्यम से विकास की नई परिभाषा लिखी जाएगी. ऐसी ही कुछ बात बीते सप्ताह केंद्रीय मंत्री एवं छपरा के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने छपरा कचहरी रेलवे स्टेशन पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही थी. हालांकि विकास के तमाम वादे काफी दिनों से किये जा रहे हैं पर नेताओं के भाषणों और रेलवे बोर्ड के द्वारा किये जा रहे लोक-लुभावन वादों और उसके क्रियान्वयन में हो रही देरी का खामियाजा यात्री अपनी जान जोखिम में डाल कर चूका रहे है. 

छपरा कचहरी स्टेशन पर प्लेटफॉर्म के आभाव में यात्री आये दिन रेलवे ट्रैक से ही ट्रेन पकड़ने को विवश नजर आते हैं. छपरा जंक्शन से छपरा कचहरी होते हुए हाजीपुर की तरफ जाने वाली सभी ट्रेनों को बिना प्लेटफॉर्म वाली ट्रैक पर ही लाया जाता है. जिससे यात्री ट्रेन के आने से पूर्व ट्रैक के अगल-बगल खड़े हो जाते है. इस दौरान अगर प्लेटफॉर्म संख्या-1 पर भी यदि कोई ट्रेन आ रही होती है तो ऐसी स्थिति में यात्रियों में असमंजस की स्थिति हो जाती है और अफरातफरी भी मच जाती है.

रेलवे प्रशासन की नाकामी और स्थानीय व्यवस्था का परिणाम ही है कि ट्रेन किस प्लेटफॉर्म पर आ रही है इसकी सूचना भी यदा-कदा ही दी जाती है. पूर्वोत्तर रेलवे महाप्रबंधक राजीव मिश्रा ने भी छपरा में रेलवे के विकास से सम्बंधित तमाम योजनाओं की एक लंबी फेहरिस्त जारी की है, पर प्रतिदिन जान जोखिम में डाल कर यात्रा कर रहे लोगों की सुरक्षा को लेकर रेलवे बोर्ड चुप्पी साधे हुए है.

स्थानीय सांसद और रेल बोर्ड ने विकास के तमाम वादे तो स्थानीय जनता से किये है पर देखने वाली बात होगी कि उम्मीदों के इस दौर में आम यात्री कबतक जान हथेली पर रख यात्रा करते है.

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