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कथित संदेहास्पद मौत पर सांसद रुडी ने प्रशासन से मांगा ब्यौरा

Chhapra: विगत कुछ दिनों से सारण में कई लोगों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मीडिया में यह चर्चा होने लगी तो प्रशासन की ओर से इसे संदेहास्पद मौत की संज्ञा दी गई। संदेहास्पद मौत की सूचना आमलोगों की तरफ से स्थानीय सांसद के कंट्रोल रूम में भी लगातार मिल रही है और लोग चिंता व्यक्त कर रहे है। इसे देखते हुए सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने राज्य सरकार से पुछा है कि यह संदेहास्पद मौत क्या है ? इसे परिभाषित की जाय।

विदित हो कि समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के अनुसार बिहार के सारण में संदिग्ध परिस्थितियों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। गुरुवार को मकेर में एक, अमनौर में दो, मढ़ौरा में चार और दरियापुर में दो लोगों की मौत हो गई। लगातार हो रही मौत के बाद भी प्रशासन इसे संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ही बता रहा है पर शराब से मौत से इनकार भी नहीं कर रहा है। जब भी सारण क्षेत्र में किसी प्रकार की घटना दुर्घटना होती है तो लोग चिंतित होकर उसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए सांसद कंट्रोल रूम में फोन करते है। हालांकि यह जन समस्याओं के निवारण के लिए शूरू किया गया है तथापि उपलब्ध सूचनाओं का भी जनता के बीच आदान-प्रदान किया जाता है। इस मामले में भी सांसद कंट्रोल रूम में लगातार फोन आ रहे है।

सांसद रुडी ने पत्रकारों को बताया कि प्रत्येक नागरिक का जीवन महत्वपूर्ण है। यह घटना मेरे संसदीय क्षेत्र में हुई है इसलिए बिहार सरकार के गृह सचिव चैतन्य प्रसाद के साथ-साथ सारण के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखकर पुछा है कि आखिर यह संदेहास्पद या संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत क्या है ? ऐसी किसी भी हुई मौत पर मृतकों का पोस्टमॉर्टम कराया जाता है जिससे मौत के कारणों का पता चलता है। इसलिए पिछले तीन माह में जिला में इस प्रकार से हुई मौत विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध कराने की बात कही है। सांसद ने कहा कि डीएम ने भी माना है कि सभी मौतों में एक बात सामान्य है कि सबमें खून की उल्टी और पेट दर्द की शिकायत की गयी है। सांसद ने बताया कि प्रशासन सक्रिय है और दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है। परन्तु पिछले तीन माह में इस प्रकार की हुई मौतों पर विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने की बात कही है जिससे इस दिशा में समुचित कार्रवाई की जा सके।

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