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अगस्त के बाद माता वैष्णो देवी जाने की तैयारी में है तो, पढ़ें पूरी ख़बर

अगस्त के बाद माता वैष्णो देवी जाने की तैयारी में है तो, पढ़ें पूरी ख़बर

Katra : अगर आप माता वैष्णों देवी के दर्शन को जा रहे है तो यह खबर आपके लिए जरूरी हो सकती है. आगामी अगस्त माह से श्राइन बोर्ड द्वारा कुछ बदलाव किया जा रहा है.

नए नियमों के तहत माता वैष्णो देवी की यात्रा पर्ची इतिहास बनने जा रही है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड 62 साल से चल रही यात्रा पर्ची की जगह अब नई तकनीकयुक्त रेडियो फ्रिकवेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) सेवा शुरू कर रहा है.

नववर्ष के पहले दिन मां के भवन पर भगदड़ की घटना पर कड़ा संज्ञान लेकर बोर्ड प्रशासन ने अगस्त से आरएफआइडी सेवा अनिवार्य कर दी है. इस सुविधा से यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की दिक्कतें मौके पर ही दूर होंगी. ताकि भविष्य में भगदड़ जैसी संभावना भी न बन सके. आरएफआइडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है जो सरवर के साथ कनेक्ट होगा. इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनेगा. कार्ड में श्रद्धालु की फोटो के साथ पुरी तरह की जानकारी होगी. श्रद्धालु यात्रा आरंभ करने से पहले श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र से आरएफआइडी कार्ड प्राप्त करेगा.

यात्रा पूरी करने के उपरांत कार्ड को मां वैष्णो देवी के प्रवेश द्वार दर्शनी ड्योढ़ी या फिर नए ताराकोट मार्ग के प्रवेश द्वार, कटड़ा हेलीपैड या फिर श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र पर वापस करेगा. यह कार्ड दोबारा कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, आरएफआइडी कार्ड की कीमत 10 रुपये में है, लेकिन श्रद्धालु को यह कार्ड निश्शुल्क मिलेगा. इसका खर्चा श्राइन बोर्ड स्वयं वाहन करेगा.आरएफआइडी कार्ड का टेंडर श्राइन बोर्ड प्रशासन ने पुणे की एमटेक इनोवेशन कंपनी को दिया है.

आनलाइन यात्रा पंजीयन कराने वालों के लिए जरूरी

तत्काल सुविधा लेने वाले श्रद्धालुओं के अलावा आनलाइन पंजीयन करने वालों के लिए भी आरएफआइडी कार्ड लेना अनिवार्य होगा. श्राइन बोर्ड यात्रा पंजीकरण केंद्रों के साथ दर्शन ड्योढ़ी, नए ताराकोट मार्ग के प्रवेश द्वार, कटड़ा हेलीपैड, श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन आदि पर और भी जगहों पर यात्रा पंजीकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाएगा. ताकि श्रद्धालुओं को आरएफआइडी कार्ड लेने को लेकर इंतजार न करना पड़े.

फोन पर आएगा मैसेज

आनलाइन यात्रा पंजीयन कराने वाले श्रद्धालु जैसे ही आधार शिविर कटड़ा पहुंचेंगे उसी समय वाई-फाई से उसके स्मार्ट फोन पर मैसेज आएगा कि उसे कितने बजे और किस काउंटर पर जाकर आरएफआइडी कार्ड लेना है. इसके लिए वायरलैस फिडेलिटी सुविधा विकसित की जा रही है.

आरएफआइडी कार्ड पानी से भी नहीं होता खराब

आरएफआइडी कार्ड पूरी तरह से पालीफैब्रिक्स युक्त होगा जो बारिश या फिर पसीने से खराब नहीं होगा. यात्रा पूरी करने के उपरांत इस कार्ड को नजदीकी काउंटर पर जमा करवाना अनिवार्य होगा.

यात्रा पर्ची का सफर

कई दशकों से माता वैष्णो देवी की यात्रा चली आ रही है. वर्ष 1962 में सूचना विभाग ने श्रद्धालुओं के पंजीकरण को लेकर यात्रा पर्ची शुरू की थी. इसके बाद 1968 में पर्यटन विभाग ने कटड़ा में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इमारत का निर्माण कर कार्य करवाया. 1970 में पर्यटन विभाग ने यात्रा पर्ची का जिम्मा संभाला. वर्ष 1986 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का गठन होते ही यात्रा पर्ची का जिम्मा अपने हाथों में ले लिया. वर्ष 2001 में कंप्यूटरीकृत यात्रा पर्ची उपलब्ध होने लगी. तब परिवार का एक सदस्य यात्रा पंजीकरण केंद्र पर जाकर अन्यों का नाम बताकर पर्ची लेता था. सुरक्षा को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने वर्ष 2013 में फोटो एसेस कार्ड सुविधा शुरू की जो वर्तमान में लगातार जारी है. श्रद्धालु की फोटो और साथ ही नाम तथा पता दर्ज किया जाता है.

यात्रा पर बारीकी से नजर रखी जाएगी

माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीइओ अंशुल गर्ग ने बताया कि अगस्त से यात्रा में आरएफआइडी कार्ड श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य होगा. इसमें आनलाइन पंजीयन कराने वाले श्रद्धालु भी शामिल होंगे. इस कार्ड को वापसी पर जमा कराना भी अनिवार्य होगा. इस सुविधा को शुरू करने का मकसद यात्रा पर बारीकी से नजर रखना है.

यह फायदा होगा 

भवन मार्ग पर किसी तरह का दुव्र्यवहार और यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लापता होने के मामलों पर विराम लगेगा. इसके अलावा सबसे बड़ा मुद्दा भीड़ को नियंत्रण करना होगा. कार्ड देते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि भीड़ इकट्ठी न भवन पहुंच जाए. अनुमान के मुताबिक भवन करीब 10 हजार श्रद्धालु एक समय में दर्शन के लिए रुक सकता है. श्राइन बोर्ड प्रशासन कंट्रोल रूम से भीड़ पर पल-पल की निगाह रखेगा. इसके लिए टीम बनाई जाएगी.

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