कोरोना के मामलों में देशभर में हो रही वृद्धि के बाद इसके चौथी लहर के आने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में लोगों को इस बीमारी से बचने के लिए गंभीर होना चाहिए, लेकिन लोग इसे अब मजाक बना रहे हैं.
खासकर सोशल मीडिया पर कोरोना की खबरों पर लोग मीडिया को ही कोसने लग रहे हैं. लोगों का कहना है कि कोरोना अगर बढ़ रहा है, तो फिर देश में चुनाव कराने की जरूरत है, ताकि वह कम हो सके.
लोग ऐसा तर्क इसलिए कर रहे हैं क्योंकि भारत में विगत दिनों जिस प्रकार सरकार ने कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच चुनाव और बड़े आयोजन किए हैं, वैसे में लोगों का भरोसा अब कोरोना के बचाव से उठ गया है.
लोगों का मानना है कि कोरोना केवल सरकार का सगुफा है और सरकार को जब जरूरत होती है वह कोरोना के बढ़ने का दावा करती है. हालांकि इस दौरान अगर चुनाव आ जाए तो नेता बड़ी-बड़ी जनसभाएं करते हुए देखे जाते हैं. कोरोना को लेकर लोगों का इस प्रकार से और असंवेदनशील और लापरवाह होना भारी पड़ सकता है.
लोग अब सरकारी पाबंदियों को पार्टी पॉलिटिक्स से जोड़ कर देखने लगे हैं. लोगों का कहना है कि सरकार मेडिकल कंपनियों और तमाम अन्य लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कर रही है.
आपको बता दें कि ताजा आंकड़ों में एक बार फिर से देश में कोरोना की मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में संक्रमण का प्रतिशत तेजी से बढ़ा है. दिल्ली में हर राज्य के लोग रहते हैं और लगातार अपने राज्य आते और जाते हैं. ऐसे में संक्रमण के और बढ़ने के आसार दिखाई दे रहे हैं.
संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच लोगों की ऐसी लापरवाही भारी पड़ सकती है.