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छपरा के छात्रों और युवाओं ने PM नरेंद्र मोदी से सीखा जीवन का गुरुमंत्र

छपरा के छात्रों ने टीवी और स्मार्ट फोन पर देखा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परीक्षा पर चर्चा. छपरा के विद्याविहार कॉलेज के छात्रों ने प्रधानमंत्री से सीखा गुरु मंत्र

Chhapra: मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पर चर्चा को सारण के हजारों युवा और छात्रों ने टेलीविजन और स्मार्ट फोन के माध्यम से देखा. इस दौरान जिलेभर के विभिन्न स्कूलों निजी संस्थानों में छात्र और युवाओं ने प्रधानमंत्री का परीक्षा पर चर्चा देखा. इस मौके पर शहर के विद्या विहार कॉलेज के BCA के दर्जनों छात्र-छात्राओं ने क्लास रूम में लगे टीवी सेट पर परीक्षा पर चर्चा देखा और पीएम से कई अहम बातें भी सीखी. इस दौरान छात्रों ने समय प्रबंधन, परीक्षा की तैयारी, जीवन मे लक्ष्य व सफल होने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुरु मंत्र सीखा. 
छात्रों ने बताया कि इस चर्चा ने उनके जीवन की कई समस्याओं व कई सवालों का हल मिला है. उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की एक नई राह मिली है. विद्या विहार कॉलेज की छात्रा सुरभि कुमारी ने बताया कि उसने आज प्रधानमंत्री से टाइम मैनेजमेंट करना सीख लिया.

दरअसल इस चर्चा के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छात्रों से कहा कि टाइम मैनेजमेंट अपने हाथ की बात होती है. इसको हम बड़ी आसानी से कर सकते हैं. जो सफल लोग होते हैं, उनके लिए कभी समय का कभी कोई दबाव नहीं होता. अमीर से अमीर को भी 24 घंटे ही मिले हैं और गरीब से गरीब को भी 24 घंटा ही मिला है. समय का सर्वाधिक उपयोग करना है की आदत सीखनी चाहिए. 

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पढ़ाई को इंट्रेस्ट की तरह लेंं ना कि तनाव की तरह

वहीं एक अन्य छात्र आशीष कुमार ने बताया कि इस चर्चा के जरिए परीक्षा को लेकर भी विद्यार्थियों के मन में कई सवाल थे. उसके जवाब मिल गए. छात्रों ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को सुना और यह जाना कि पढ़ाई को इंटरेस्ट की तरह लेना है ना कि तनाव की तरह. परीक्षा एक कश्ती है, जीवन में परीक्षाओं को अगर अवसर मानकर चलेंगे तो हमें परीक्षा देने में भी आनंद आएगा और परीक्षा की तैयारी करने में भी मजा आएगा.

परीक्षा के लिए नहीं खुद के लिए जियें

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित परीक्षा पर चर्चा में हजारों छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोई भी खिलाड़ी डायरेक्ट ओलंपिक खेलने नहीं जाता. इसके पहले उसे स्कूल स्तर, शहरी स्तर पर, जिला स्तर पर, राज्य स्तर पर खेलने का अनुभव होना ज़रूरी होता है. तभी वह ओलंपिक खेलने जाता है. इसी प्रकार जीवन में परीक्षाएं भी होती हैं. जब तक आप परीक्षाओं की तैयारी अच्छे से नहीं करेंगे आप जीवन में आगे नहीं बढ़ेंगे. हम परीक्षा के लिए नहीं खुद के किये जिये. उन्होंने कहा कि हम एग्जाम के पीछे भागते हैं. जिंदगी पीछे छूट जाती है. परीक्षा को देखने का नजरिया बदलें.

 

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