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दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं, गरखा थाना प्रभारी को अविलंब बर्खास्त कर हत्या का मुकदमा दर्ज हो: ज्ञानचंद मांझी

दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं, गरखा थाना प्रभारी को अविलंब बर्खास्त कर हत्या का मुकदमा दर्ज हो: ज्ञानचंद मांझी

गड़खा: गड़खा थाना क्षेत्र के पीठा घाट निवासी वीरा मांझी के पुत्र सिकंदर मांझी की मौत पर बीजेपी नेताओं ने गड़खा थानाध्यक्ष के विरुद्ध जांच और दलित हत्या के तहत हत्या की प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की जा रही है.

इस मामले में पीड़ित परिवार का कहना है कि सिकंदर मांझी को गरखा थाना प्रभारी द्वारा शराब के झूठे केस में फंसा कर 24 अगस्त बुधवार को थाने ले जाया गया. जहाँ थाना प्रभारी द्वारा जाति सूचक गालियां देकर बेरहमी से पिटाई की गई, जब वह अधमरा हो गया तो उसको 1 दिन बाद छपरा जेल भेजा गया. जहाँ जेल ने उसे रखने से इंकार कर दिया तो उसे छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसी बीच सोमवार को उसकी मौत हो गई.

तुरंत पोस्टमार्टम में गरखा के पूर्व विधायक ज्ञानचंद माझी एवं भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रामदयाल शर्मा एवं भाजपा के जिला प्रवक्ता विवेक कुमार सिंह, श्याम बिहारी अग्रवाल, सुशील कुमार सिंह सहित दर्जनों कार्यकर्ता पहुंचे.

उन्होंने पुलिस प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया. ज्ञानचंद मांझी ने कहा कि सरकार द्वारा दलितों पर अत्याचार किया जा रहा है एवं पुलिस प्रशासन द्वारा शराब के झूठे मुकदमे बनाकर दलितों को जेल में डाला जा रहा है.

थाना प्रभारी द्वारा सिकंदर मांझी को उसी क्रम में गलत केस में फंसा कर और जातिसूचक गालियां देकर बहुत ही बर्बरता पूर्वक उसकी पिटाई की गई. जिसके कारण सोमवार को सदर अस्पताल में उसकी मौत हो गई.

उन्होंने बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन एवं पुलिस अधीक्षक से गरखा के थाना प्रभारी पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की है. उन्होंने बिहार सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार लगातार दलितों पर अत्याचार कर रही अब दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त के बाहर हो गया है इसका खामियाजा नीतीश सरकार को भुगतना पड़ेगा.

भाजपा का शिष्टमंडल भाजपा जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा के नेतृत्व में अनुशासन समिति प्रदेश अध्यक्ष विनय सिंह, गरखा पूर्व विधायक ज्ञानचंद मांझी,श्याम बिहारी अग्रवाल, रणजीत सिंह, सुशील कुमार सिंह मृतक के पिता वीरा मांझी ने आरक्षी उपाधीक्षक सदर मुनेश्वर प्रसाद सिंह से मिलकर ज्ञापन सौंपा.

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