Site icon | छपरा टुडे डॉट कॉम | #ChhapraToday.com

प्लास्टिक धागे ने भतमंझा की ली जगह, नही आई है पतंगबाजों के जोश में कमी

Chhapra(Kabir): इन दिनों कड़ाके की ठंड में भी बच्चे व युवा पतंगबाजी का खुमार सर चढ़ कर बोल रहा है. कोई अखबार को काटकर पतंग में साटने के लिए पूंछ बनता है तो कोई लई से फटी पतंग को चिपकाता दिखता है. हाथों में लटाई और पतंग इसके बाद शुरू हो जाता है पतंग उड़ाने का दौर.

समय के साथ पतंगबाजी के सामानों में बदलाव तो हुआ है लेकिन उत्साह में कोई कमी नही दिख रही है. तरह तरह के मांझे की जगह चाइनीज धागों ने जरूर ले ली है. पतंग के दाम में वृद्धि हुई है लेकिन फिल्मों के नाम, हीरो, हीरोइन, क्रिकेटर आदि की तस्वीर लगी डिजिटल प्रिंट वाली पंतग की धूम है.

पतंगबाजों ने छपरा टुडे से बात करते हुए कहा कि अब पहले की तरह कोई मांझे में समय देना नही चाहता, क्योंकि मांझे से मजबूत प्लास्टिक के धागे बाजार में उपलब्ध है. ऐसा नही है कि अभी मांझा नही किया जाता है लेकिन समय को देखते हुए बाजार से खरीदना आसान होता है.

भतमंझा की बात करें तो पतंगबाज जीतोड़ मेहनत करके पतंगबाजी के लिए धागा को तैयार करते थे. शीशे को बारीक पिसा जाता था. धागे को भात और शीशे से गुजारते हुए लटाई में लपेटा जाता था. मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी के लिए इसकी खास तैयारी की जाती थी.

Exit mobile version