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सोनपुर मेला में लोगों को पसंद आ रही पेपरमेशी पर बनी मधुबनी पेंटिंग की कलाकृति

Chhapra/Sonpur Mela (Surabhit Dutt): हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में वैसे तो कई स्टॉल लगाये गए है पर हस्तशिल्प या हस्तकला के स्टॉलों पर सैलानियों की खूब भीड़ उमड़ रही है. मेले में लगाये गए आर्ट एंड क्राफ्ट बाज़ार में हस्तशिल्प के कई स्टाल लगाये है. इस स्टालों पर सिक्की कला (सिक से बने कलाकृति), मिट्टी की कलाकृति, टेराकोटा, काष्ट कला और पेपरमेशी पर बने विश्व प्रसिद्द मधुबनी पेंटिंग के स्टॉल है. 

इन स्टालों के माध्यम से बिहार के गावों में बनाये जाने वाले हस्तशिल्प आदि को लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया है. मेले में लगाये गए पेपरमेशी के स्टॉल पर सैलानियों की खूब भीड़ जुट रही है. पेपर मेशी पर मधुबनी पेंटिंग को लोग खूब पसंद कर रहे है. इसके माध्यम से पेपर के बने तरह तरह के आकृतियों को बना कर उनपर मधुबनी पेंटिंग की जाती है.

शिक से चूड़ी आदि बनाती कारीगर

इस कला के लिए स्टेट अवार्ड विजेता ललिता देवी ने बताया कि पेपरमेशी में न्यूज़ पेपर आदि को पानी में भिगो कर कूट कर लुगदी बनायीं जाती है. जिसमे कीड़ा न लगे इसके लिए दर्दमेढ़ा का पाउडर, फेविकोल या गोंद और मुल्तानी मिट्टी मिलाकर एक मिश्रण तैयार किया जाता है. जिसे मनचाही आकृति देने के बाद उसे मधुबनी पेंटिंग से सजाया जाता है. जो इसे आकर्षक रूप प्रदान करता है.


उन्होंने बताया कि इस कला को जानने वालों की संख्या समय के साथ अब कम हो रही है. आधुनिक दौर में इस कला को बचाए रखने और लोगों को अवगत कराने के लिए सरकार इन दिनों सभी ब्लाक में प्रशिक्षण चला रही है. जिससे की इस प्राचीन कला को आने वाली पीढ़ियों से भी रूबरू कराया जा सके. उन्होंने बताया कि वे इस कला को पिछले 30-35 वर्षों से बनाती आ रही है. उनके रोजगार का यह मुख्य साधन भी है. समय समय पर प्रदर्शनी के माध्यम से इसको प्रस्तुत किया जाता है. पेपरमेशी पर बनी मधुबनी पेंटिंग की इन कलाकृतियों की मांग विदेशों तक है. आज यह कला वैश्विक हो चुकी है.

स्टॉल पर पेपरमेशी से बने विभिन्न कलाकृतियाँ की बिक्री की जा रही है. आप भी यदि सोनपुर मेला जा रहे है तो एक बार इस कला को जरुर देखे.

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