पूर्णिया के रास्ते बिहार में 11 जून को मानसून के पहुंचने के आसार, छपरा में 18 जून को मानसून की बारिश
Chhapra: मानसून को लेकर लोगो की टकटकी है, ऐसे मे मौषम विभाग ने मानसून को लेकर अंदेशा जताया है. मानसून को लेकर मौषम विभाग के अनुसार नई परिस्थितियों में पूर्णिया के रास्ते बिहार में 11 जून को मानसून के पहुंचने के आसार हैं. हालांकि इसके लिये आगे भी मौसमी परिस्थतियों का अनुकूल होना जरूरी है. पूर्णिया में मानसून के आगमन का मानक समय 13 जून है.
मौसमविदों के अनुसार असानी चक्रवात की वजह से इस बार मानसून के प्रसार में तेजी आई है. लेकिन बंगाल की खाड़ी या भारतीय समुद्री क्षेत्र में फिलहाल किसी भी चक्रवात के सक्रिय होने के संकेत नहीं मिले हैं.
केरल में मानसून की दस्तक के बाद ही यह देश में धीरे-धीरे आगे बढ़ता है. मानसून के पिछले हफ्ते अंडमान सागर और अरब सागर में ठिठकने की वजह से पहले केरल तट पर आने में अब थोड़ी देरी होगी. हालांकि अनुकूल स्थिति बनने की वजह से अगले दो दिन में केरल तट पर इसके दस्तक देने के आसार है. इस अनुसार मानक समय से दो दिन पूर्व बिहार में इसके दस्तक के अब भी आसार बने हुए हैं. हालांकि पहले के पूर्वानुमान के अनुसार इसके आठ से दस जून तक पहुंचने का अनुमान किया गया था.
मानसून अभी दक्षिण अरब सागर, मालदीव, लक्षदीव के आसपास के इलाकों में सक्रिय है तथा इसके आगे बढ़ने के लिए अनुकूल स्थितियां बनी हुई हैं. बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में भी यह पहले की अपेक्षा पिछले दो दिनों में आगे बढ़ा है. सूबे में मानसून के प्रसार के मानक अवधि के अनुसार पांच दिन का समय लगता है. मानसून की पहली बारिश 13 जून को पूर्णिया में होती है जबकि पटना और गया में 16 जून को मानसून की पहली बारिश होती है.
छपरा में 18 जून को मानसून की बारिश के बाद यह तय किया जाता है कि मानसून का प्रसार राज्य भर में हो गया है. हर साल अलग-अलग कारकों से इसके मानक समय से पहले या बाद में दस्तक की स्थिति बनती है. मानसून के आगमन और प्रसार की स्थिति जानने के लिए सूबे में चार ग्रिड प्वाइंट तय किये गए हैं. यहां दो दिनों में होने वाली तय मानक की बारिश के बाद मानसून के आगमन की आधिकारिक घोषणा होती है.A valid URL was not provided.