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तिरछी किरणों वाला सूरज बुधवार को रहेगा पृथ्वी के सबसे करीब

– सूरज हमारे सबसे करीब, फिर भी कम वातावरण का ताप

भोपाल: इन दिनों सर्दी का मौसम है और देश के उत्तर-पूर्वी इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। गर्म चाय की चुस्कियों और गर्म कपड़ों के साथ कोहरे से भरी इस ठंड में आप यह न मानें कि गर्मी देने वाला सूरज इस समय हमसे दूर चला गया है। इस समय सूरज भी नये साल के जश्न मनाने के लिए पृथ्वी के पास आया है। बुधवार, 04 जनवरी को एक खगोलीय घटना होने जा रही है, जो आम लोगों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं होगी। दरअसल, इस दिन सूरज, पृथ्वी के सबसे करीब रहेगा।

भोपाल की राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मंगलवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि अंडाकार पथ पर परिक्रमा करने के कारण पृथ्वी साल में एक दिन सूरज के पास आती है और एक दिन सबसे दूर रहती है। बुधवार, 4 जनवरी को पृथ्वी के केंद्र से सूरज के केंद्र की दूरी लगभग 14 करोड़ 70 लाख 98 हजार किमी रह जायेगी। यह साल की सबसे कम दूरी होगी। इसे खगोल विज्ञान में पेरिहेलियन कहते हैं। इसके बाद यह दूरी बढ़ेगी और 7 जुलाई को 15 करोड़ 20 लाख किमी से अधिक हो जाएगी। यह साल में पृथ्वी और सूर्य के बीच सबसे अधिकतम दूरी होती है।

सारिका ने बताया कि तपते सूर्य के पास रहने के बाद भी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध के भागों में कपकपाती ठंड पड़ रही है। इसका कारण यह है कि सूर्य इस समय मकर रेखा के पास है और वहां से आने वाली किरणें इस भाग में 45 डिग्री के झुकाव के साथ आ रही हैं। तिरछी किरणों के कारण सूरज की गर्मी फैल जाती है, इसीलिए इस समय तापमान कम हो रहा है।

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