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दाखिल खारिज के बदले मांगी पांच लाख की रिश्वत, युवक ने किया आत्मदाह का प्रयास

गड़खा: अंचल परिसर में उस समय अफरा तफरी मच गई जब एक युवक ने आत्मदाह का प्रयास करने लगा. अंचल गार्ड व अन्य कर्मियों ने उसे समझाने का प्रयास किया पर वो नहीं माना. स्थिति की गंभीरता को दखते हुए कुछ लोगों ने पंचायत प्रतिनिधियों को सूचना दी.

मौके पर पहुंचे मुखिया संघ के अध्यक्ष दिनेश कुमार राय और अन्य लोगों ने तत्परता दिखाते हुए युवक को समझा बुझाकर उसे शांत कराया. कुछ देर बाद सब इंस्पेक्टर दिनेश प्रसाद भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए.

पीड़ित युवक व रामपुर पंचायत के अढ़ूपुर गांव निवासी गुड्डू सिंह का कहना था कि कुछ वर्षों पहले उन्होंने जमीन बेची थी, लेकिन अंचल कार्यालय द्वारा उसका दाखिल-खारिज नहीं किया जा रहा है. पार्टी द्वारा उन पर दबाव बनाया जाता है. वे पिछले तीन वर्षों से इसके लिए अंचल कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं. दाखिल खारिज के एवज में सीओ और उनके हेड क्लर्क द्वारा पांच लाख रुपए घूस की मांग की जा रही है. तंग आकर उन्हें यह कदम उठाना पड़ा. उन्होंने बताया कि दाखिल खारिज के लिए उन्होंने तत्कालीन सीओ अश्विनी कुमार चौबे के समय भी काफी चक्कर लगाने पड़े, लेकिन उन्होंने टालमटोल कर काम नहीं किया. इसके बाद उनका तबादला हो गया. वर्तमान सीओ मो इस्माइल के यहां भी वे पिछले कई दिनों से इस कार्य के लिए चक्कर लगा रहे हैं. भू-स्वामी के नाते कार्यालय द्वारा उन्हें भी नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था, अन्यथा एक तरफा फैसला देने की बात कही गई थी. वे जवाब देने के लिए हाजिर भी हुए.

सारे कागजी कोरम होने के बावजूद जमीन का दाखिल खारिज नहीं किया जा रहा है. पूर्व में डीसीएलआर द्वारा भी अंचल कार्यालय को अग्रेतर कारवाई के लिए पत्र भेजा गया था. लेकिन अंचल कार्यालय द्वारा हमेंशा कोई न कोई बहाना बनाकर उसमें नया पेंच फंसा दिया जाता है. अब उन्हें आत्मदाह करने के अलावे कोई उपाय नहीं सूझ रहा था, क्योंकि रिश्वत के तौर पर वे इतनी बड़ी रकम कहां से लाएं.

उधर सीओ मो इस्माइल ने बताया कि जिस जमीन की दाखिल खारिज की बात वह कह रहे हैं. वास्तव में यह जमीन उनकी है ही नहीं. उक्त जमीन को उन्होंने बेच दिया है. मामला कोर्ट में विचाराधीन है. विक्रेता का जमीन पर कब्जा भी नहीं है. रिश्वत मांगे जाने का आरोप पूरी तरह गलत और बेबुनियाद है.

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