Chhapra: करोना का कहर सारण सहित सूबे में दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर बाढ़ ने सारण सहित बिहार को बेहाल कर रखा है. सारण जिले के तरैया, पानापुर, मकेर, मढ़ौरा व मसरख के 45 पंचायतों के 203 गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. बाढ़ से लगभग एक लाख की आबादी प्रभावित है. गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. वही गंगा अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है और घागरा अभी खतरे के निशान से 2 फीट नीचे है. लेकिन गंडक नदी के उफान पर होने से बाढ़ ने तबाही मचा रखी है.
बिजली, सड़क व संचार सेवाएं हुई बाधित
गोपालगंज में सारण तटबंध टूटने के बाद बाढ़ ने मशरक प्रखंड में विकराल रूप धारण कर रखा है. बाढ़ से परेशान स्थानीय लोग हंगामा व अधिकारियों का घेराव कर रहे हैं. प्रखंड में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली सड़क व संचार सेवा बाधित हो गया है. प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता पहुंचाने के बाद भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एनएच 104 और एसएच 76 पर बाढ़ का पानी चढ़ रहा है. सारण जिला के तरैया-अमनौर मुख्य सड़क एनएच 104 पर पानी बह रहा है. वही तरैया मशरख मुख्य सड़क एस एच 73 पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. इन मुख्य सड़कों पर यातायात बाधित होने की संभावना है. कई गांव का संपर्क टूट चुका है.
सारण में डूबने से 4 की हुई मौत
बुधवार के दिन सारण के पानापुर के चौसा गांव में 12 वर्षीय लड़की की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई. वही मकेर प्रखंड स्थित जिन्ना पोखरा में नहाने के दौरान एक किशोरी की पानी में डूबने से मौत हो गई. वही तरैया में 18 वर्षीय युवक की एवं 35 वर्षीय मजदूर की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई.
बाढ़ से कई एकड़ फसल बर्बाद
सारण के कई प्रखंडों में बाढ़ में फसल को डुबो दिया. बाढ़ की वजह से कई एकड़ फसल बर्बाद हो गई. किसानों का कहना है कि इस बार अच्छी फसल की उम्मीद थी. लेकिन बाढ़ ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. बाढ़ के कहर के साथ आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है. इससे पहले कोरोनावायरस की वजह से हुए लॉकडाउन से आर्थिक हालात खराब है.
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