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बाल श्रम के प्रति आम जनता एवं दुकानदारों को किया जा रहा जागरूक

Chhapra: बाल श्रम मुक्त सारण की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए जिला प्रशासन सक्रिय दिख रहा है. आगामी 26 जनवरी को श्रम मंत्री द्वारा रिविलगंज नगर पंचायत को पूर्ण रूप से बाल श्रम मुक्त नगर पंचायत करने की घोषणा की जाएगी. इसी उद्देश्य से इन दिनों रिविलगंज नगर पंचायत क्षेत्र में प्रचार प्रसार कर लोगों को बाल श्रम के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

इस संदर्भ में श्रम अधीक्षक रमेश कमल रत्नम ने बताया कि 26 जनवरी के अवसर पर रिविलगंज नगर पंचायत को बाल श्रम मुक्त नगर पंचायत की घोषणा की जाएगी. इसके लिए पूरे क्षेत्र में लगातार प्रचार प्रसार कर आम लोगों को, दुकानदारों को बाल श्रम कानून की जानकारी दी जा रही है. साथ ही ईट भट्ठा एवं छोटे छोटे दुकानदारों को इस कानून के बारे में बताया जा रहा है. इस कानून के तहत होने वाली कार्यवाही, जुर्माना को भी बताया जा रहा है.

श्री रत्नम ने बताया कि रिविलगंज नगर पंचायत के बाद छपरा नगर निगम को भी बाल श्रम मुक्त करने की योजना प्रस्तावित है. पूरे नगर निगम क्षेत्र में बाल श्रम कानून एवं इसके विरुद्ध होने वाली कार्यवाही को लेकर ध्वनि विस्तारक यंत्र से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. बस स्टैंड से प्रारंभ होकर यह प्रचार-प्रसार ब्रह्मपुर तक किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम के अंतर्गत दोषी नियोजको के विरुद्ध स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

बाल एवं किशोर श्रमिकों को नियोजित करना है अपराध 

बाल एवं किशोर श्रमिकों को नियोजित करना एक अपराध है. इस अपराध के लिए दुकानदार, ईट भट्ठा एवं अन्य प्रतिष्ठानों के मालिकों को 6 माह से 2 वर्ष तक के कारावास, 20 हज़ार से 50 हज़ार तक का आर्थिक दंड या दोनों का प्रावधान है.

इसके अलावे सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना के लिए अलग से 20 हज़ार का जुर्माना भी वसूला जाएगा. जुर्माना राशि का भुगतान नहीं करने वाले मालिकों के विरुद्ध नीलाम वाद दायरकर राशि की वसूली कर जिला बाल एवं किशोर पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा करने का प्रावधान है.

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