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डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने पर आगे बढ़ रहा है भारत: सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल

Jalalpur: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने पर देश अग्रसर है. उक्त बातें महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने अपने आवास पर कही. वे डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.

उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन करते हुए कहा कि सबसे कम उम्र से ही देश के प्रति समर्पित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्र के लिए एक धरोहर के रूप में थे. राष्ट्र के परिवर्तन, त्याग और तपस्या तथा बलिदान के प्रतीक थे. वे शुरू से ही एक देश में दो विधान दो संविधान का विरोध करते थे. केन्द्र में जब वे मंत्री थे उस समय देश में दो विधान (पासपोर्ट तथा वीजा) कश्मीर के लिए अलग चल रहा था. उन्होंने इसका विरोध किया और इसके लिए उन्होंने 53-54 में बलिदान भी दे दिया. उन्ही के अनुयायी बने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक झटके मे कश्मीर से 370 धारा और 35a को समाप्त कर दिया. इस सरकार के पहले कितनी सरकारे आई और गई, कश्मीर से 370 धारा समाप्त नहीं हुआ था. उन्हीं की राह पर देश कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि “जहां बलिदान हुए मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है; वह सार्थक हुआ है.

उन्होंने कहा कि जो लोग टीका नहीं लिए हैं वे टीका अवश्य ले ले.कोरोना का एकमात्र इलाज टीका ही है .उन्होने बताया कि पर्यावरण को संतुलित करने के लिए हर व्यक्ति पेड़ लगाए और उसे सुरक्षा देने का कार्य करें. ऑक्सीजन की जिस तरह से कमी हुई है इस को ध्यान में रखते हुए हमारे लिए पेड़ लगाना बहुत जरूरी है. लगातार आक्सीजन देने वाले पेड़ खास करके नीम, पीपल, तुलसी, आंवला अवश्य लगाएं. इसके लिए सभी को संकल्पित होने की जरूरत है.

मौके पर युवा नेता प्रमोद सिग्रीवाल ने कहा कि एक विधान एक निशान, एक संविधान श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना था. इसके लिए उन्होने बलिदान भी दे दिया. आज उनके अनुयायियों ने उस सपने को पूरा कर दिया है. यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है.

बाद में सांसद ने महेंद्र मिश्र चौक पर वैक्सीनेशन रथ को जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा के साथ रवाना किया. उसके पहले उपस्थित सभी ने जलालपुर उच्च विद्यालय के परिसर में दो पेड़ लगाकर उन्हें संरक्षित रखने का संकल्प भी लिया. मौके पर रामा शंकर मिश्र शांडिल्य ,मनोज कुमार पांडेय, शांतनु सिंह, अमरजीत सिंह, नीलेश सिंह सहित कई अन्य भी थे.

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