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आरएसएस के सरसंघचालक ने ”इंडिया” के बजाय ”भारत” शब्द के इस्तेमाल का किया आह्वान

गुवाहाटी (असम), 02 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने लोगों से “भारत” शब्द का प्रयोग करने को कहा है। वे गुवाहाटी में भगवान महावीर धर्मशाला में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

सरसंघचालक शुक्रवार को गुवाहाटी की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं। जैन समाज के समारोह में आज उन्होंने कहा, “हम सभी को इंडिया शब्द का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए और भारत का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, ”अंग्रेजी बोलने वालों से बात करते समय विशेष नाम नहीं बदलते। उदाहरण के लिए, गोपाल नाम अंग्रेजी में कहने पर नहीं बदलेगा। हमारे देश में ऐसे कई शहर हैं जिनके नाम सदियों से चले आ रहे हैं। इसी तरह, हमें विदेशी लोगों से बात करते समय इंडिया कहने की ज़रूरत नहीं है। हमें भारत का उपयोग करना चाहिए।”

सरसंघचालक ने आगे कहा कि हम कहीं भी जाएं तो भारत ही कहते हैं। यदि कोई नहीं समझता है तो उसे नहीं समझने दो। जब उसे ऐसा करने की आवश्यकता होगी तब वह समझ जाएगा।

अगर किसी को समझ नहीं आती तो चिंता की कोई बात नहीं है। जिसे समझने की जरूरत है वह समझ लेगा। और हमें उसे समझाने की जरूरत नहीं है जो खुद समझना नहीं चाहेगा। हम आत्मनिर्भर और स्वतंत्र हैं।

‘आज पूरी दुनिया को हमारी ज़रूरत है, आज कोई भी हमें नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता। हम सभी को साथ लेकर चलते हैं क्योंकि यही हमारी संस्कृति और आध्यात्मिकता है। ‘हम पूरी दुनिया को एक मानते हैं। हम अकेले जा सकते हैं। लेकिन, सबको साथ लेकर चलते हैं क्योंकि हम सोचते हैं कि पूरी दुनिया हमारी है। यह हमारा ज्ञान है और आज पूरी दुनिया को इस ज्ञान की आवश्यकता है।’

सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा, “जब हर कोई परिवर्तन चाहता है। और परिवर्तन के लिए आचरण करता है। और बलिदान देने को तैयार होता है। तभी परिवर्तन होता है। हम कई भाषाएं सीखेंगे लेकिन अपनी मातृभाषा नहीं भूलेंगे। हमारे परिवारों में आजकल बच्चे हिंदी या असमिया में गिनती करना नहीं जानते। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे बच्चे अन्य सभी भाषाएं सीखें लेकिन घर पर वह केवल हमारी मातृभाषा का उपयोग करें। इस तरह हम अपने समाज को मजबूत और अपने भारत को मजबूत बना सकेंगे।’

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