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आंतरिक चुनौतियों के साथ ही वैश्विक चिंताओं का समाधान कर रहा भारत: राष्ट्रपति

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने मंगलवार को संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से पहली बार संबोधित करते हुए देश में विभिन्न क्षेत्रों में हो रही प्रगति, समावेशी विकास और विश्व पटल पर भारत की बढ़ती साख का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत आंतरिक चुनौतियों के साथ ही वैश्विक चिंताओं के समाधान का भी प्रयास कर रहा है।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने संसद के केन्द्रीय कक्ष में लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गरीब और वंचित वर्ग के लिए देश में हो रहे प्रयासों का उल्लेख किया। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना से जुड़ी पारदर्शी व्यवस्था और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की दुनियाभर में हो रही सराहना की प्रशंसा व्यक्त की।

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए संकट के समय में भारत दुनिया के अन्य देशों की मदद के लिए आगे आ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत विभाजित दुनिया को जोड़ने का काम कर रहा है और दुनिया का सप्लाई चैन पर से उठा भरोसा लौटा रहा है। अपने प्रभुत्व के जरिए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को मजबूत कर रहा है।

राष्ट्रपति ने प्रगति और प्रकृति विरोध को समाप्त करने और भारत के अक्षय ऊर्जा के लिए किए जाने वाले विशेष प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में भारत ने अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता को 20 गुना बढ़ाया है।

राष्ट्रपति ने गरीबों और वंचितों के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार बिजली पानी, गैस और अन्य जरूरी सुविधाएं लोगों तक पहुंचाकर उनका सरकार में विश्वास बढ़ा रही है। आयुष्मान भारत और जन औषधी के माध्यम से ही गरीबों के करीब 01 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है। 11 करोड़ लोगों के घरों में नल से जल पहुंचा है और साढ़े तीन करोड़ लोगों को पक्का मकान मिला है।

सरकार के अंत्योदय प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों के बाद अब सरकार आकांक्षी ब्लाक पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “आकांक्षी जिला कार्यक्रम को अब ब्लॉक स्तर पर दोहराया जा रहा है, जिसके लिए देश में 500 ब्लॉकों की पहचान की गई है। सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों को विकसित करने के लिए ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम भी शुरू किया गया है।”

महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रपति ने कहा कि बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ जैसी योजनाओं से देश में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है और महिलाओं के स्वास्थ्य में भी पहले से ज्यादा सुधार हुआ है।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश आत्मनिर्भर भारत के तहत प्रगति के मार्ग पर है। भारत निर्यात में वृद्धि कर रहा है और रक्षा निर्यात अब 6 गुणा बढ़ गया है। भारत दुनिया का शीर्ष मोबाइल निर्यातक देश बन गया है और खिलौनों में निर्यात 60 प्रतिशत बढ़ा और आयात 70 प्रतिशत घटा है। इसके साथ ही खादी का भी एक लाख करोड़ का टर्नओवर हो गया है।

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