Site icon | छपरा टुडे डॉट कॉम | #ChhapraToday.com

पीएम ने की ‘मन की बात’, इमरजेंसी के दौर को किया याद

नई दिल्ली: ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 33वें संस्करण में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि मौसम बदल रहा है, गर्मी भी बहुत है, लेकिन अच्छा हुआ कि वर्षा समय पर अपने नक्शे कदम पर आगे बढ़ रही है. जीवन में कितनी ही आपाधापी हो, तनाव हो, व्यक्तिगत जीवन हो, सार्वजनिक जीवन हो, बारिश का आगमन मनःस्थिति को बदल देता है.

उन्होंने कहा कि आज भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकल रही है, देश के कई भागों में बहुत ही श्रद्धा और उल्लासपूर्वक देशवासी मनाते हैं. भारत की विविधता इसकी विशेषता भी है और ये भारत की शक्ति भी है.

रमजान का पवित्र महीना सब दूर इबादत में पवित्र भाव के साथ मनाया. अब ईद का त्योहार है ईद उल फित्र के अवसर पर मेरी तरफ से सबको शुभकामनाएं. रमजान खुशिया बांटने का महीना है. हम इन पवित्र अवसरों से खुशियां बांटते चलें.

प्रधानमंत्री ने इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान अखबारों को बेकार कर दिया गया था. 25 जून, 1975 की रात भारतीय लोकतंत्र के लिए काली रात थी.

पीएम मोदी ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता भी पढ़ी, जो उन्होंने उस दौर में लिखी थी.

झुलासाता जेठ मास,
शरद चांदनी उदास.
सिसकी भरते सावन का.
अंतर्घट रीत गया.
एक बरस बीत गया.

सींखचों में सिमटा जग,
किंतु विकल प्राण विहग.
धरती से अम्बर तक,
गूंज मुक्ति गीत गया.
एक बरस बीत गया.

पथ निहारते नयन,
गिनते दिन पल छिन.
लौट कभी आएगा,
मन का जो मीत गया.
एक बरस बीत गया.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 21 जून, 2017 को पूरा विश्व योगमय हो गया.

Exit mobile version