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इसरो ने अपने सबसे भारी रॉकेट GSLV मार्क-3 का सफल प्रक्षेपण किया

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 का सोमवार को सफल प्रक्षेपण किया. जीएसएलवी (GSLV) मार्क-3 ने अपने साथ संचार उपग्रह जीसैट-19 को लेकर उड़ान भरी. जीएसएलवी एमके-थ्री का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सोमवार की शाम 5.28 बजे किया गया.

जीएसएलवी मार्क-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी.

इसरो की कामयाबी पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी ट्वीट कर बधाई दी.

सबसे भारी रॉकेट और उपग्रह है जिसे देश से छोड़ा गया. अब तक 2300 किलोग्राम से अधिक वजन के संचार उपग्रहों के लिए इसरो को विदेशी लॉन्चरों पर निर्भर रहना पड़ता था. जीएसएलवी एमके थ्री-डी 4000 किलो तक के पेलोड को उठाकर जीटीओ और 10 हजार किलो तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाने में सक्षम है.

इनके प्रक्षेपण के साथ ही डिजिटल भारत को मजबूती मिलेगी. साथ ही ऐसी इंटरनेट सेवाएं मिलेगी जैसे पहले कभी नहीं मिलीं. जीसैट-19 को पहली बार भारत में बनी लीथियम आयन बैटरियों से संचालित किया जा रहा है. इन बैटरियों को इसलिए बनाया गया है ताकि भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ाया जा सके.

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