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चौथे राष्ट्रीय युवा पुलिस अधीक्षक सम्मेलन और पुलिस एक्सपो का हुआ उद्घाटन

NewDelhi:  केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने आज चौथे राष्ट्रीय युवा पुलिस अधीक्षक सम्मेलन और पुलिस एक्सपो के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर BPR&D (पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो) के महानिदेशक और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के महानिदेशक/महानिरीक्षक/उप महानिरीक्षक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और केंद्रीय पुलिस संगठनों (CPOs) के महानिरीक्षक/उप महानिरीक्षक, युवा पुलिस अधीक्षक, कमांडेंट और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के सम्मेलन के लिए बीपीआरएंडडी द्वारा चुना गया विषय ‘साइबर अपराध- प्रबंधन, ड्रोन एवं काउंटर ड्रोन में नवाचार और अनुसंधान’ आज के समय में बहुत ही प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि बीपीआरएंडडी अपनी स्थापना के समय से उत्तम कार्यप्रणालियों और मानकों के प्रोत्साहन द्वारा हर उस क्षेत्र के विकास में शामिल रहा है, जहां देश की पुलिस की क्षमता निर्माण, प्रशासनिक एवं सुधारात्मक सुधार, आधुनिकीकरण और उन्नयन की आवश्यकता है। बीपीआरएंडडी ने राष्ट्र की सेवा में 52 साल की लंबी यात्रा पूरी की है और ब्यूरो देशभर में शांति, सद्भाव सुनिश्चित करने और कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने तथा भारतीय पुलिस के हर कदम का मार्गदर्शन एवं संवर्धन करने के लिए अनुकरणीय कार्य कर रहा है।

श्री नित्यानंद राय ने कहा कि लोक प्रशासन में पुलिस सबसे अहम हिस्सा है, जो सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है। पुलिस राष्ट्र की शांति और सद्भाव की प्रहरी है, जिसकी किसी भी राष्ट्र और उसके नागरिकों को सबसे अधिक आवश्यकता होती है और देश में एक सुरक्षित वातावरण की आवश्यकता होती है, जो पुलिस ही प्रदान करती है और इस तरह पुलिस देश के विकास यात्रा का एक अनिवार्य अंग है। उन्होंने कहा कि हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियां दो मोर्चों पर परिवर्तन देख रही हैं, पहला, दिन-प्रतिदिन नई आपराधिक चुनौतियों को हल करने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाना, अपराध पैटर्न की बेहतर पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि का उपयोग करना, और दूसरा, तेजी से बदलते अपराध पैटर्न और उनके तौर-तरीके को समझना और कड़ी कार्यवाही करना। श्री राय ने कहा कि अपराधी इस तकनीकी क्रांति का अधिक तेजी से दुरूपयोग करके हमारे सामने गंभीर खतरों और चुनौतियों को खड़ा कर रहे हैं, जिन पर हमें तत्काल ध्यान देने और नागरिकों और बुनियादी ढांचों की रक्षा के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को हमेशा विरोधियों से आगे रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि साइबर हमले, रैंसम-वेयर हमले, पहचान उजागर होना और बुनियादी ढांचों का प्रभावित होना आदि साइबर सुरक्षा डोमेन में होने वाले अपराध पैटर्न की कुछ प्रमुख श्रेणियां हैं।

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