मुंबई: ताउते चक्रवात के चलते दूसरे दिन मंगलवार को भी मूसलाधार बारिश हुई। वसई विरार में बाढ़ जैसे हालात नजर आए। निचले इलाकों में भारी जलभराव से दुकानों व घरों में काफी नुकसान पहुंचा है। तेज बारिश से ग्रामीण भागों में कई गांव पानी में डूब गए। जिससे हजारों लोग बारिश से प्रभावित हुए हैं। जिलेभर में भारी बारिश से कई गावों का संपर्क टूट जाने से आवागमन में भारी दिक्कतें हुईं। हालांकि किसी जनहानि की खबर नहीं है। प्रशासन की ओर से प्रभावित हुए लोगों की मदद की जा रही है। हालांकि शाम 4 बजे बारिश थम जाने के बाद लोगों ने थोड़ी राहत महसूस की है।
दुकानों व घरों में भरा पानी : सोमवार सुबह से मंगलवार दोपहर बाद तक हुई मूसलाधार बारिश से निचले इलाकों में बने घरों में तीन से चार फुट पानी भर गया। नालासोपारा, वसई, विरार, सफाले, केलवे, बोईसर, पालघर आदि क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से दुकानों व घरों में पानी भरने से घरों का सामना खराब हो गया, तो वहीं दुकानदारों का लाखों रुपये का माल भीगने से बर्बाद हो गया है।
वसई – विरार की हाई प्रोफाइल सोसायटियां लबालब : भारी बारिश के चलते वसई विरार की हाई प्रोफाइल सोसायटियों में तीन से चार फुट पानी भर जाने से लबालब हो गई। ग्राउंड फ्लोर में रहने वाले लोगों के घरों में पानी भर जाने से उनका सारा सामान खराब हो गया। वसई पश्चिम के आनंद नगर, मानिकपुर, दिवानमान, अम्बाडी रोड, विरार पश्चिम के ग्लोबल सिटी, विवा कालेज, एमबी इस्टेट, यशवंत नगर, स्टेशन के आसपास, नालासोपारा ईस्ट व वेस्ट में भारी जलभराव की समस्या हुई है।
दो दिन में 150 से अधिक पेड़ धराशायी : फायरब्रिगेड के मुख्य अधिकारी दिलीप पालव ने बताया कि तूफानी चक्रवात से सोमवार व मंगलवार को वसई विरार में लगभग 150 पेड़ गिरे है। हालांकि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है। इसी तरह स्लम इलाकों में बने कच्चे घरों के पतरे उड़ने की खबर सामने आई है। चक्रवात का सबसे ज्यादा असर समुद्री किनारों पर देखा गया है। वहां आसपास केले व मकई की खेती पूरी तरह नष्ट हो गई है। चक्रवात व बारिश से ज्यादा लोगों को बिजली विभाग ने परेशानी में डाल दिया। बिजली नहीं रहने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अस्पतालों में भर्ती मरीजों से लेकर हर इंसान बिजली न रहने से परेशान रहा। वसई विरार में सोमवार सुबह 4 बजे बिजली काट दी गई थी। जो मंगलवार दोपहर तक कट रही। विभाग का है कि तेज हवाओं के चलते पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति ठप की गई थी। कई जगहों पर पोल गिरने से काफी दिक्कतें आ रही हैं।
शहरों में जलभराव से यातायात ठप्प : जिलेभर में भारी जलभराव से ज्यादातर इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है। जिससे यातायात व्यवस्था ठप हो गई है। कई जगह रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने से ट्रेनें देरी से चल रही है। सड़कों पर चार से पांच फुट पानी भरने से गाड़ियां पानी मे डूब रही थी। बाढ़ वाले क्षेत्रों में नाले उल्टी दिशा में बह रहे हैं। नालासोपारा, वसई, विरार, पालघर, सफाला, बोईसर, डहाणू, तलासरी, कासा, घोलवड, सातपाटी, केलवा आदि जगहों पर तीन से चार फुट पानी भर जाने से जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। शहरों में सड़कें तालाब में तब्दील हो गई। नदियां उफान पर बह रही थी। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व मनपा की ओर से राहत व बचाव कार्य जारी है। अगले 12 घण्टों तक समुद्र में हाईटाइड की चेतावनी दी गई है।