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भाजपा ने राहुल गांधी पर साधा निशाना, कहा- जॉर्ज सोरोस से जुड़े लोगों से हैं संबंध

नई दिल्ली, 28 जून (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उनकी अमेरिका यात्रा पर सवाल उठाए । बुधवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में स्मृति ईरानी ने सवाल उठाए कि जॉर्ज सोरोस से जुड़ी सुनीता विश्वनाथ से राहुल गांधी की मुलाकात का क्या अर्थ है। स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के जमाते इस्लामी जैसे संगठनों से जुड़े लोगों से संबंध हैं।

स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान जॉर्ज सोरोस की सहयोगी महिला सुनीता विश्वनाथ से मुलाकात की, जिसकी फोटो सार्वजनिक रूप से मौजूद है। उन्होंने कहा कि देश को मालूम है कि किस तरह जॉर्ज सोरोस देश में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं। जॉर्ज सोरोस और उनके द्वारा वित्त पोषित संगठनों का राहुल गांधी से ताल्लुक नया नहीं, पुराना है। एक और प्रकाशन में स्पष्ट हुआ है कि सलील सेठी नामक एक सज्जन, जो ओपन सोसायटी के ग्लोबल अध्यक्ष हैं, वो जॉर्ज सोरोस के संस्थान के साथ हैं और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के 4 जून की बैठक के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले व्यक्ति का संबंध इस्लामिक संगठन से है। कांग्रेस पार्टी को अब जमाते- इस्लामी का समर्थन लेने की नौबत आ गई है। ऐसे संगठन से संबंधित लोगों के साथ गांधी परिवार अपने रिश्तों को मजबूत कर रहा है।

कौन हैं जॉर्ज सोरोस

जॉर्ज सोरोस अमेरिकी अरबपति शेयरों के निवेशक और व्यापारी हैं। हालांकि, वो खुद को दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता कहलाना पसंद करते हैं। उन पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप लगता रहता है। उन पर दुनिया के कई देशों में कारोबार और समाजसेवा की आड़ लेकर पैसे के जोर पर वहां की राजनीति में दखल देने के गंभीर आरोप लगते रहते हैं। उन्होंने कई देशों में चुनावों को प्रभावित करने के लिए खुलकर भारी-भरकम फंडिंग की। यही कारण है कि यूरोप और अरब के कई देशों में सोरोस की संस्थाओं पर भारी जुर्माना लगाकर पाबंदी लगा दी गई। इसके साथ असल में जॉर्ज सोरोस ने भारत के लिए यहां तक कह दिया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत तानाशाही व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और नागरिकता संसोधन कानून का भी खुलकर विरोध किया है। उनका हालिया बयान गौतम अडानी की कंपनियों के खिलाफ आई हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट को लेकर आया है। उन्होंने कहा कि अडानी का प्रधानमंत्री मोदी के साथ इतना घनिष्ठ संबंध है कि दोनों एक-दूसरे के लिए जरूरी हो गए हैं।

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