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श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पांच लाख गांवों तक जाएगा अक्षत

अयोध्या, 07 अक्टूबर (हि.स.)। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक शनिवार को श्री मणिराम दास छावनी में देर शाम समाप्त हुई। बैठक के बाद ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि बैठक में 12 लोग मौजूद रहे, जबकि ट्रस्टी केशव परासरण ऑनलाइन शामिल हुए। मीटिंग में 18 बिंदुओं पर चर्चा की गई। मन्दिर प्रांगण में बैठक के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि मंदिर को तीन चरणों में बनाया जा रहा है। पहले चरण में भूतल जनवरी 2024 में पूरा होगा, जबकि दूसरा दो चरण दिसंबर 2024 और तीसरा चरण दिसंबर 2025 में पूरे किए जाएंगे।

ट्रस्ट के लेखाजोखा के संदर्भ में उन्होंने बताया कि 05 फरवरी 2020 से 31 मार्च 2023 तक मंदिर निर्माण में 900 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। जबकि बैंक खाते में अब भी 3 हजार करोड़ रुपये हैं, जिसमें एफडी, बचत भी शामिल है। समर्पण निधि से आये धन को खर्च नहीं किया गया है। मन्दिर में आ रहे दान और ऑनलाइन मिली राशि से शेष खर्चों का निबटारा हो रहा है। ट्रस्ट को जानकारी दी गई कि मंदिर के लिए विदेशी करेंसी में चंदा लेने के लिए एफसीआरए के रजिस्ट्रेशन को ऑनलाइन किया गया है, जो प्रक्रिया है उसे कर दिया गया है।

हर घर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन 5 दीपक जलाए जाएंगे
चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर पूरे देश में हर घर में 5 दीपक सरसों के तेल से जलाए जाएंगे। जिससे वातावरण शुद्ध होगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद गर्भ गृह से भगवान की फोटो को लेकर छपवाया जाएगा और प्रसाद के रूप में भक्तों को दर्शन के समय दिया जायेगा। लगभग 10 करोड़ घरों तक फोटो वितरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद लगभग 50 लाख लोगों के अयोध्या पहुंचने की संभावना है। अयोध्या में 25 हजार लोगों के रहने और भोजन की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें एक हजार चलित शौचालय बनाए जायेंगे।

प्राण प्रतिष्ठा के लिए 5 लाख गांवों तक जाएगा अक्षत
उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के पहले गर्भ गृह के सामने अछत का पूजन होगा, जो प्राण प्रतिष्ठा के लिए 5 लाख गांवों तक भेजा जाएगा। सभी लोग अपने अपने घरों के आसपास देव स्थान पर पूजन अर्चन करें और वहीं से लाइव कार्यक्रम दूरदर्शन से देखें।

ट्रस्ट के 15 सदस्यों में 11 सदस्य अयोध्या की बैठक में शामिल हुए। जबकि के पाराशरण सहित तीन सदस्य वर्चुअली रूप से जुड़े रहे। बैठक में ट्रस्ट अध्यक्ष एवं मणि राम दास छावनी महंत नृत्यगोपाल दास, जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती और कोषाध्यक्ष गोविंदेव गिरि, महासचिव चंपत राय, सदस्यों में अयोध्या राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, डॉ अनिल मिश्र, कामेश्वर चौपाल, जिलाधिकारी नीतिश कुमार, प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि एवं मणि राम दास छावनी महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास शास्त्री उपस्थित रहे।

900 करोड़ अब तक खर्च, कुल 1800 करोड़ लगेंगे
राम मंदिर निर्माण पर अब तक 900 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। ट्रस्ट के मुताबिक, पूरे मंदिर को तैयार करने में 1800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राम मंदिर निर्माण में लार्सन एंड टुब्रो और टाटा कंसल्टेंसी लगी है। चम्पत राय ने बताया कि कंपनियों के समझौते के हिसाब से अगस्त में ही मन्दिर निर्माण पूरा होना था। पत्थर का इतना बड़ा कार्य अनुभव न होने के कारण नहीं हो पाया। श्री राय ने प्रधानमंत्री के समारोह में सम्मिलित होने के विषय में कहा कि अभी तक कोई पत्र आने का नहीं प्राप्त हुआ है।

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