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वाराणसी मण्डल के अपर मण्डल रेल प्रबन्धक इंफ़्रा ज्ञानेश त्रिपाठी ने ग्रहण किया कार्यभार

वाराणसी: पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मण्डल के अपर मण्डल रेल प्रबन्धक इंफ़्रा का कार्यभार ज्ञानेश त्रिपाठी ने ग्रहण किया. इसके पूर्व श्री त्रिपाठी बनारस रेल इंजन कारखाना, वाराणसी में मुख्य यांत्रिक इन्जीनियर के पद पर कार्यरत थे. वर्तमान में श्री त्रिपाठी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पी. एच. डी. (रिसर्च स्कालर) कर रहे हैं.

वे इण्डियन रेलवे मेकेनिकल सर्विसेज के माध्यम से वर्ष 2002 में रेल सेवा में अपने कैरियर की शुरुआत उत्तर मध्य रेलवे के झाँसी मण्डल में एडीएमई डीजल एवं एडीएमई समाडि के पद से किया. इसके उपरान्त आपने प्रयागराज मण्डल में डीएमई समाहि तथा आगरा मंडल में डीएमई समाडि के पद पर अपनी सेवायें दी है. श्री त्रिपाठी ने बनारस रेल इंजन कारखाना में पदस्थापना के दौरान डिप्टी चीफ डिजाईन इन्जीनियर डीजल एवं डिप्टी चीफ मैकेनिकल इन्जीनियर एल्को, प्रधानाचार्य टेक्निक्त ट्रेनिंग सेन्टर, डिप्टी चीफ मैकेनिकल इन्जीनियर लोको मुख्य गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रवन्धक तथा मुख्य संरक्षा अधिकारी के पद पर कार्य करते हुए अपने क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किये हैं.

उन्होंने अप ने कार्य के दौरान डीजल इंजन से इलेक्ट्रिक इंजन में परिवर्तन करने वाले परियोजन टीम का कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया है, जिसके फलस्वरूप इस परिवर्तित इलेक्ट्रिक रेल इंजन को  प्रधानमंत्री  ने हरी झंडी दिखाकर राष्ट्र को समर्पित किया था.

डीजल रेल इंजन में लगने वाले तमाम उपकरणों का स्वदेशीकरण करने के साथ ही डीजल इंजन के ड्राईवर बैंच को वातानुकूलित तथा आरामदायक एवं संरक्षित करने का भी उल्लेखनीय कार्य किया है. म्यांमार तथा श्रीलंका को निर्यात होने वाले इंजनों के इन्जीनियरिंग टीम का भी कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया है.

अमेरिका के जी. ई. रिसर्च सेन्टर से रेल इंजनों के विकास हेतु एडवांस प्रशिक्षण प्राप्त किया है तथा प्रबन्धन के क्षेत्र में सिंगापुर एवं मलेशिया से उच्च प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है.

श्री त्रिपाठी को अपने विभाग से सम्बन्धित तकनीकी कार्यों के ज्ञान एवं अनुभव के अलावा सामान्य प्रशासन में भी कार्य करने का गहन अनुभव है, जिसके फलस्वरूप आप रेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच बेहद लोकप्रिय है.

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