नई दिल्ली: हम सब के प्यारे नटखट नंदलाल, राधा के श्याम और भक्तों के भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन की तैयारियां पूरे देश में चल रही हैं. इस बार श्रीकृष्ण की 5245वीं जयंती है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद यानी कि भादो माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था. हालांकि इस बार कृष्ण जन्माष्टमी की तारीख को लेकर लोगों में काफी असमंजस में हैं. इस बार जन्माष्टमी दो दिन पड़ रही है क्योंकि यह त्योहार 2 सितंबर और सितंबर दोनों ही दिन मनाया जाएगा. वहीं, वैष्णव कृष्ण जन्माष्टमी 3 सितंबर को है. अब सवाल उठता है कि व्रत किस दिन रखें? जवाब है 2 सितंबर यानी कि पहले दिन वाली जन्माष्टमी (Janmashtami) मंदिरों और ब्राह्मणों के घर पर मनाई जाती है. 3 सितंबर यानी कि दूसरे दिन वाली जन्माष्टमी वैष्णव सम्प्रदाय के लोग मनाते हैं.
जन्माष्टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस बार अष्टमी 2 सितंबर की रात 08:47 पर लगेगी और 3 तारीख की शाम 07:20 पर खत्म हो जाएगी.
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 2 सितंबर 2018 को रात 08 बजकर 47 मिनट.
अष्टमी तिथि समाप्त: 3 सितंबर 2018 को शाम 07 बजकर 20 मिनट.
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 2 सितंबर की रात 8 बजकर 48 मिनट.
रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 5 मिनट.
निशीथ काल पूजन का समय: 2 सितंबर 2018 को रात 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 48 मिनट तक.
व्रत का पारण: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 05 मिनट के बाद.
वैष्णव कृष्ण जन्माष्टमी 3 सितंबर को है और व्रत का पारण अगले दिन यानी कि 4 सितंबर को सूर्योदय से पहले 6:13 पर होगा.