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गोदना-सेमरिया मेला में दिखती है धार्मिक, पारंपरिक छटा

Chhapra/Rivelganj: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रत्येक वर्ष लगने वाले गोदना सेमरिया मेला का धार्मिक, ऐतिहासिक महत्व है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाखों लोग पवित्र स्नान के लिए पहुंचते है. मान्यताओं के अनुसार यहाँ स्नान दान करने से पाप और शाप से मुक्ति मिलती है.

यही हुआ था अहिल्या का उद्धार 
सारण जिला मुख्यालय से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर छपरा-मांझी मुख्य मार्ग पर अवस्थित पौराणिक गोदना-सेमरिया वह स्थान है जहाँ मर्यादा पुरोषतम भगवान श्रीराम ने अहिल्या का उद्धार किया था. वाल्मीकि रामायण में इस स्थान का संपूर्ण वर्णन मिलता है.

कहा जाता है कि इसी स्थान पर महर्षि गौतम के श्राप से पत्थर बनी उनकी पत्नी अहिल्या का उद्धार भगवान श्रीराम ने किया था. मर्यादा पुरोषतम भगवान श्रीराम अपने अनुज लक्ष्मण व कुलगुरु विश्वामित्र जी के साथ अयोध्या से धनुष यज्ञ में भाग लेने के लिए जनकपुर जा रहे थे. जाने के क्रम में ही बक्सर के जंगल में तारकासुर का वध कर सरयू नदी के रास्ते यहाँ पहुंचे थे. भगवान श्रीराम का पैर अचानक एक सिला पट्ट से जैसे ही स्पर्श हुआ एक नारी अवतरित हो गयी. वह नारी महर्षि गौतम की पत्नी अहिल्या थी जो श्राप से पत्थर बन गयी थी.

अहिल्या का उद्धार जिस स्थान पर हुआ था वहां आज भी प्रभु श्रीराम के पदचिन्ह उभरे है जिनकी लोग श्रद्धापूर्वक पूजा करते है.

यही है वीर हनुमान जी का ननिहाल
एक अन्य मान्यता के अनुसार महर्षि गौतम की पत्नी अहिल्या और पुत्र सतानन व पुत्री अंजनी थी. वीर हनुमान के अंजनी के पुत्र होने के इस नाते यह स्थान वीर हनुमान के ननिहाल के रूप में भी जाना जाता है. इसका उल्लेख कई शास्त्रों में भी किया गया है.

आप कैसे पहुंचे गोदना सेमरिया मेला

रेल: नजदीकी स्टेशन गौतम स्थान, रिविलगंज
बस: छपरा जिला मुख्यालय से वाहनों की सुविधा
हवाई मार्ग: नजदीकी एयरपोर्ट पटना लगभग 85 किलोमीटर

File photo

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