लोक आस्था का महापर्व चैती छठ के दूसरे दिन शनिवार को व्रतियों के द्वारा खरना किया गया. खरना के साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया. जो सप्तमी को उदयगामी सूर्य को अर्घ के बाद संपन्न होगा।
चैती छठ: खरना का प्रसाद ग्रहण करती व्रती
Posted by Chhapra Today on Saturday, 17 April 2021
खरना के दिन गुड़ और चावल से बने प्रसाद को तैयार करने में पवित्रता का पूरा ख्याल रखते हुए खरना का प्रसाद पारम्परिक तरीके से मिट्टी के नये चूल्हा पर मिट्टी या पीतल के बर्तन में आम की लकड़ी से तैयार किया गया। तत्पश्चात छठ व्रती के द्वारा प्रसाद ग्रहण करने के बाद सभी लोगों के बीच प्रसाद वितरण किया गया।
रविवार को षष्ठी के दिन सायंकालीन अस्तांचलगामी सुर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। वही सोमवार को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पर्व का समापन किया जाएगा।
ज्ञात हो कि वर्ष में दो बार छठ पर्व का आयोजन किया जाता है। जिसमें कार्तिक माह में मनाया जाने वाले छठ को बड़े व्यापक पैमाने पर मनाया जाता है। लेकिन चैती छठ मनाने वालो की संख्या कम रहता है । शहर में चैती छठ का आयोजन शंकर चौक मंदिर परिसर स्थित पोखरों में आयोजन किया जाता है। लेकिन इस बार प्रशासन ने अपने अपने घरो में रहकर छठ पर्व मनाने की अपील की है। छठ को लेकर लोग अंतिम खरीददारी में जुट गये हैं. बांस से बने डाला, सूप, नारियल की दुकानें लगभग सभी चौक चौराहे पर सजे हैं।
छठ पर्व में पूजा सामग्री के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में छठ व्रती महंगाई के असर से परेशान हैं। लेकिन खरीददारो में इसका असर पड़ता नहीं दिख रहा है। पर्व में किसी सामानों की कमी ना रहे इसका खासा ध्यान श्रद्धालु रख रहे हैं। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष महगाई काफी अधिक है। लगभग सामानों की कीमतें दोगुनी तक हो गयी है।