Chhapra: ‘भैयादूज’ पर बहनें अपने भाइयों के स्वस्थ तथा दीर्घायु होने की प्रार्थना करती हैं. भाईदूज का त्योहार कार्तिक मास की द्वितीया को मनाया जाता है.
गाँव से लेकर शहर तक गोधन कूटने की परंपरा है. गोबर से बने गोधन की पूजा की जाती है. गोबर की मानव मूर्ति बना कर छाती पर ईंट रखकर स्त्रियां उसे मूसलों से तोड़ती हैं.
धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन ही यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर बुलाकर सत्कार करके भोजन कराया था. इसीलिए, इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. यमराज ने प्रसन्न होकर यमुना को वर दिया था कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा, मृत्यु के बाद उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा.