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सारण में मिला दुनिया का सबसे जहरीला सांप

सारण: बिहार की सीमा में स्थित जयप्रभा सेतु के एप्रोच सड़क के किनारे बेतरतीब ढंग से चिपकाए गए बोल्डर के भीतर दुनिया के सबसे जहरीले सांप रसेल वाइपर का जखीरा उत्पन्न हो गया है।

एप्रोच सड़क किनारे मिट्टी का क्षरण रोकने के उद्देश्य से किये गए बोल्डर पीचिंग के दराज के भीतर अपना बसेरा बना चुके अनगिनत रसेल वाइपर दिन अथवा रात में विचरण करते अक्सर दिखते रहते हैं। जयप्रभा सेतु के अलावा रेल पुल के समीप बड़ी मात्रा में जमा किये गए बोल्डर के भीतर भी इन सांपों का जबरदस्त जखीरा है।

मांझी बलिया मोड़ तथा मांझी चट्टी के बीच अनायास ही दिख रहे जहरीले रसेल वाइपर सांपों से लोग रात दिन दहशत में रहते हैं।स्थानीय बहोरन सिंह के टोला निवासी तथा एलआईसी के पूर्व शाखा प्रबंधक प्रभुनाथ सिंह ने बताया कि लगभग एक दशक से इस इलाके में रसेल वाइपर सांप दिख रहे हैं। इससे पहले गांव में गेंहूअन तथा करैत सांप ही ज्यादा दिखते थे। लेकिन अब तो वे सांप बिरले ही दिखते हैं।

अवकाश प्राप्त शिक्षक प्रह्लाद प्रसाद सिंह ने बताया कि एप्रोच सड़क के किनारे कीड़े मकोड़े को अपना ग्रास बनाने के लिए रसेल वाइपर रात में बड़ी संख्या में निकलते हैं इस वजह से ग्रामीणों तथा राहगीरों पर खतरा मंडराते रहता है। प्रतिदिन दो चार की संख्या में ये सांप वाहनों से कुचल कर मरते भी हैं। स्थानीय टी एन सिंह ने बताया कि गांव के आसपास दिखने वाले रसेल वाइपर पांच छह फुट लंबे तथा लगभग पांच से दस किलो वजन के भी होते हैं।

चार वर्ष पूर्व रसेल वाइपर सांप के काटने से बहोरन सिंह के टोला निवासी व रेलकर्मी चन्देश्वर राम के पुत्र पवन कुमार राम नामक युवक की मौत हो गई थी। जबकि पिछले वर्ष रसेल वाइपर सांप के काटने से अचेत रामजी सिंह के पुत्र अरविंद कुमार सिंह को चिकित्सकों ने अथक प्रयास के बाद किसी प्रकार बचा लिया था। इधर अभी हाल ही में इसी गांव के इंटर के छात्र आनंद कुमार को भी सांप ने डंस लिया था हालांकि त्वरित इलाज की वजह से चिकित्सकों द्वारा उसे भी बचा लिया गया।

जय प्रभा सेतु के आसपास के गांव के लोगों का आरोप है कि सम्बन्धित विभागीय ठेकेदार द्वारा बोल्डर पीचिंग में अनियमितता बरती गई है जिस वजह से प्रतिवर्ष सरयु में आने वाली बाढ़ तथा बरसात में बोल्डर इधर उधर लुढ़क कर बेतरतीब ढंग से बिखरे रहते हैं। बिछाए गए बोल्डर के ऊपर झाड़-झंखाड़ का साम्राज्य उपस्थित हो गया है इसी वजह से यह इलाका वाइपर सांपों का सुरक्षित रैन बसेरा बन गया है।

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