Chhapra: शहर के कई इलाकों में जल का स्तर गिर चुका है. जिसके कारण वहां रहने वाले लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे है.हालांकि अभी गर्मी की शुरुआत है लेकिन अभी से जलस्तर में हुई गिरावट भविष्य की बड़ी संकट को बयां कर रही है.
शुक्रवार को विश्व जल दिवस के अवसर पर सोशल साइट्स पर संरक्षण की अपील की जा रही थी. लेकिन असलियत इन सब से पड़े है. आने वाले दिनों के लिए धरती की यह अमूल्य धरोहर सिमटती जा रही है.
मार्च महीने में ही छपरा शहर ही नही बल्कि इसके आसपास से सटे दर्जनों ग्रामीण इलाकों में भी जलस्तर काफी नीचे जा चुका है. आने वाले दिनों में धूप की तपिश और चिलचिलाती गर्मी में यह समस्या लगभग सभी घरों तक पहुंच जाएगी.
हालांकि इस व्यवस्था के जिम्मेवार हम खुद ही है. प्रकृति के साथ की जा रही छेड़छाड़ इसका मुख्य कारण है. जल संरक्षण को लेकर बने तालाबों का अतिक्रमण हो चुका है. साथ ही साथ मुहल्लों में बने कुँए का अस्तित्व भी धीरे धीरे समाप्त हो रहे है.
उधर नगर निगम द्वारा घरों तक पहुंचने वाली पानी की सुविधा की हालत खस्ता है. टैक्स लेने के बावजूद निगम द्वारा कुछ खास हिस्सों को छोड़कर किसी क्षेत्र में पानी की सुविधा नही मिल रही है.सरकारी चापाकल ने तो पहले ही दम तोड़ दिया है. ऐसे में आने वाले दिनों में पीने के पानी को कौन कहे घरेलू प्रयोग का पानी भी नही मिलने के आसार दिख रहे है.