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सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर में विद्वत परिषद की गोष्ठी का हुआ आयोजन

Chhapra: सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर में विद्वत परिषद की गोष्ठी एवम् पूर्व छात्र गोष्ठी का एक साथ आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि जय प्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति हरिकेश सिंह तथा मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक राम कुमार तथा विशिष्ट अतिथि लोक शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव नकुल कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से दिप प्रज्जवलित कर किया.

सरस्वती वन्दना के पश्चात् बहनों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. उसके बाद अतिथियों का सम्मान किया गया. पूर्व छात्र परिषद का परिचय विभाग निरीक्षक मिथिलेश सिंह ने रखा. विद्वत परिषद का परिचय विद्वत परिषद के क्षेत्रीय प्रमुख राम दयाल शर्मा ने दिया.

उन्होंने विद्वत परिषद की स्थापना के औचित्य को बताते हुये कहा की शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले समाज के उन सभी लोगो को एक मंच पर लाकर भारत की शिक्षा कैसी हो इस पर चिंतन करने अपना विचार रखने और फिर उसके क्रियान्वयन करने के लिये प्रकाशकों लेखकों परीक्षा समितियों को और सरकार को लिखना.

उन्होंने कहा कि आज स्वामी विवेकानन्द की जयंती है इसलिये उनके विचारो में शिक्षा का क्या स्वरूप है. इसकी चर्चा करते हुये कहा कि स्वामी जी के अनुसार मनुष्य की अंतर्निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है. शिक्षा विविध जानकारियो का ढेर नही है, जो हमारे मस्तिष्क में ठुस ठुस कर भर दी जाती है और जो आत्मसात हुये बिना आजन्म गड़बड़ मचाया करती है. हमें उन विचारों की अनुभूति कर लेनी है, जो मनुष्य निर्माण जीवन निर्माण और चरित्र निर्माण में सहायक हो. उन्होंने कहा कि स्वामी जी के अनुसार विज्ञानं स्मृधि का मूल मन्त्र है और धर्म चरित्र निर्माण का मूलाधार है. बिना धार्मिक हुये मनुष्य में मानवीय संवेदना शुद्ध और सर्व हितकारी आचरण नही हो पाती.

इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक और छात्र समेत गणमान्य लोग उपस्थित थे.

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